रांची नगर निगम में उप महापौर का चुनाव सीधे जनता द्वारा कराने की उठी मांग, पत्रकार सह समाजसेवी अशोक झा ने सीएम और राज्यपाल को लिखा पत्र
रांची । रांची के पत्रकार सह समाजसेवी अशोक कुमार
झा ने झारखंड के मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन और महामहिम राज्यपाल श्री सी पी राधाकृष्णन
को पत्र लिखकर रांची नगर निगम में उप महापौर की चुनाव प्रक्रिया को पूर्व की भांति
बहाल करने का आग्रह किया है ।
उन्होने अपने पत्र के माध्यम
से नई व्यवस्था के तहत नगर निगम के डिप्टी मेयर का चुनाव सीधे आम जनता द्वारा नहीं होने
पर हौर्स ट्रेडिंग की आशंका जताया है । उन्होने कहा कि अगर नगर के उप
महापौर के चुनाव की प्रक्रिया सीधे आम जनता द्वारा ना
करा कर पार्षदों के द्वारा कराई जाती है, जैसा कि अभी
प्रस्तावित है तो इसमें कोई संदेह नहीं की इस नई प्रक्रिया के तहत उप महापौर
की कुर्सी प्राप्त करने के लिए धनबल का पूरी तरह से इस्तेमाल किया जाएगा और
सामर्थ्यवान व धनवान लोग ही इस कुर्सी तक अपनी पहुंच बना पाएंगे । साथ
ही हम
सभी इस बात को भी जानते है कि धन बल से प्राप्त की गई कुर्सी का का
उद्देश्य कभी भी आम लोगों की सेवा करना नहीं हो सकता । उनका पहला उद्देश्य इस
कुर्सी को प्राप्त करने में खर्च हुए अपने धन की भरपाई करना
होगा, जिसके लिए अवैधानिक तरीके इस्तेमाल
किए जाएंगे और जनता की गाढ़ी कमाई के पैसे को बर्बाद होने से कोई नहीं रोक
पाएगा । क्योकि जनता के लिये आवाज उठाने वाले खुद ही उसमें साझेदार के रूप
में नजर आएंगे । साथ ही इस नई प्रक्रिया के तहत इमानदार
और स्वच्छ छवि वाले लोग कभी भी उप महापौर की कुर्सी को प्राप्त कर
पाने में कामयाब नहीं हो पाएंगे जो इस शहर के लिए एक बहुत बड़ा दुर्भाग्य होगा ।
उन्होने कहा कि महापौर का पद आरक्षित कोटि का हो जाने के बाद रांची नगर
निगम को वास्तव में ऐसे उपमहापौर की जरूरत है, जो रांची
नगर निगम में चल रहे भ्रष्टाचार को पूरी तरह से खत्म करने के लिए आम जनता के साथ
सड़कों पर बैठने और सबका पोल खोलने के लिये हमेशा तैयार रहे । इस
शहर की जनता बखूबी जानती है कि शहर में बनने वाले
छोटी-छोटी नाली, सड़क या अन्य सभी कार्यों में कितनी भ्रष्टाचार हुआ करती है
और उसमें उस वार्ड के पार्षदों की कितनी संलिप्तता रहती है । परंतु वह सब कुछ
जानते हुए भी रांची की जनता इसलिये लाचार बनी रहती है। क्योंकि आज उनके लिए वास्तविक आवाज उठाने वाला
कोई नहीं है । ऐसे में जरूरत है एक
ईमानदार स्वच्छ और कर्मठ उपमहापौर की, जो इन भोली भाली
जनता का दर्द महसूस कर सके और उसकी गाढ़ी कमाई के पैसों
को बर्बाद होने से बचा सके । परंतु वर्तमान में उपमहापौर की प्रस्तावित चुनाव
प्रक्रिया से ऐसा संभव हो पाना प्रतीत नहीं हो रहा है ।
उन्होने कहा कि मुझे उम्मीद है कि रांची शहर की जनता के वास्तविक
दर्द को महसूस करते हुए माननीय मुख्यमंत्री
और महामहिम राज्यपाल जनता के हित जरूर सकारात्मक पहल करेंगे । परंतु अब मुख्यमंत्री
और राज्यपाल महोदय का क्या फैसला होता है यह तो आने वाला समय ही बता पायेगा। परंतु निर्णय
जो भी होगा उसका असर रांची की जनता के साथ साथ पूरे शहर भावी तस्वीर को
तय करने में निर्णायक सवित होगा ।

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