रांची : झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) द्वारा संचालित प्रतियोगी परीक्षाओं को लेकर छात्रों में नाराजगी लगातार बढ़ती जा रही है। भर्ती प्रक्रियाओं में देरी और तकनीकी खामियों से त्रस्त परीक्षार्थियों के समर्थन में अब राजनीतिक प्रतिनिधि भी मुखर हो रहे हैं। इसी कड़ी में झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष एवं डुमरी विधायक जयराम कुमार महतो शुक्रवार को अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ आयोग पहुंचे और सचिव सुधीर कुमार गुप्ता से मुलाकात की।
छात्रों के मुद्दों पर सौंपा गया ज्ञापन
जयराम महतो ने सचिव को लिखित ज्ञापन सौंपते हुए कई गंभीर समस्याओं को तत्काल समाधान करने की मांग की। इनमें प्रमुख रूप से –
- नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूला में विसंगति
- सहायक आचार्य भर्ती में डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के बाद भी असफल घोषित अभ्यर्थियों का मुद्दा
- बायोमेट्रिक मिसमैच की समस्या
- दो वर्षीय बीएड कोर्स को मान्यता देने की मांग
- लेडी सुपरवाइजर, पंचायत सचिव, पीजीटी, जूनियर इंजीनियर जैसी परीक्षाओं के रिक्त पदों पर अगली सूची जारी करने की मांग
- लंबित पड़ी दरोगा, सिपाही, स्पेशल ब्रांच, एक्साइज कांस्टेबल, वनरक्षी और कक्षपाल भर्ती परीक्षाओं पर स्पष्ट कार्रवाई की मांग
छात्रों के साथ संघर्ष जारी रहेगा – जयराम महतो
आयोग के साथ हुई बातचीत के बाद जयराम महतो ने कहा कि छात्रों की समस्याओं पर सरकार और आयोग दोनों ही उदासीन रवैया अपनाए हुए हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि आयोग ने त्वरित कार्रवाई नहीं की तो राज्यव्यापी आंदोलन तेज किया जाएगा। महतो ने कहा – “छात्रों के मुद्दों पर हमारा संगठन पूरी मजबूती के साथ उनके साथ खड़ा है। उनकी लड़ाई को हर स्तर पर लड़ा जाएगा।”
संगठन का रुख
इस अवसर पर संगठन के वरिष्ठ नेता देवेंद्रनाथ महतो ने भी छात्रों को आश्वस्त करते हुए कहा कि “हमारा संगठन कटिबद्ध है। जब तक छात्रों की समस्याओं का स्थायी समाधान नहीं हो जाता, तब तक संघर्ष जारी रहेगा।”
आयोग ने दिया आश्वासन
आयोग सचिव सुधीर कुमार गुप्ता ने प्रतिनिधिमंडल की बातों को ध्यानपूर्वक सुना और कहा कि अभ्यर्थियों की समस्याओं का समाधान प्राथमिकता पर किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जिन परीक्षाओं के परिणाम और अगली सूचियाँ लंबित हैं, उन पर जल्द निर्णय लिया जाएगा।
पृष्ठभूमि
गौरतलब है कि झारखंड में जेएसएससी की परीक्षाओं को लेकर पिछले कई महीनों से विवाद जारी है। कहीं परीक्षा परिणाम में देरी, कहीं रिक्त पदों पर सूची जारी न होने, तो कहीं तकनीकी खामियों ने छात्रों को सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर किया है। राज्य भर में बार-बार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
आगे की राह
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यदि आयोग ने जल्द ही छात्रों की समस्याओं का समाधान नहीं किया, तो यह मामला बड़े आंदोलन का रूप ले सकता है। जयराम महतो और उनके संगठन की सक्रियता ने इस मुद्दे को नया राजनीतिक आयाम दे दिया है।

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