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मेदांता अस्पताल के दो कर्मी मो. शादाब एवं मनीष कुमार सिन्हा ने संचालक पर मरीजों का भयादोहन करने का आरोप लगाया

रांची। मेदांता अस्पताल, इरबा, रांची के दो कर्मी मो. शादाब एवं  मनीष कुमार सिन्हा ने मेदांता अस्पताल के संचालक सदस्य संदीपन कर्माकर, डॉ मो. मुख्तार सईद  एवं अन्य पर अस्पताल के व्यवसाय में येन केन प्रकारेण मरीजों का भयादोहन करने का आरोप लगाते हुए विद्वान श्रम न्यायाधीश , रांची के समक्ष वाद संख्या 02/ 2019 दायर कर न्याय की गुहार लगाई है।
ज्ञात हो कि मोहम्मद शादाब एवं मनीष कुमार सिंहा स्वयं मेदांता अस्पताल इरबा रांची के कर्मी है तथा अस्पताल के मार्केटिंग का कार्य बतौर मार्केटिंग एक्जयूकैटिव  देखते हैं।
दायर वाद में आरोप के अनुसार अस्पताल में कार्य करने के दौरान प्रतिवादी संदीपन कर्माकर एवं डॉ मुख्तार सईद द्वारा इन्हें निर्देशात्मक लहजे में एंबुलेंस चालक एवं क्षेत्र के विभिन्न डॉक्टरों को कमीशन देकर मरीजों के मेदांता अस्पताल लाने एवं व्यवसाय बढ़ोतरी के करने की सख्त हिदायत दी गई।
वादियों द्वारा नैतिकता एवं सेवा शर्त का हवाला देकर अस्पताल प्रबंधन द्वारा संचालित अनैतिक कृत्य में समर्थन देने से इनकार करने पर अस्पताल प्रबंधन द्वारा इन्हें तरह-तरह से प्रताड़ित एवं अपमानित किया जाने लगा।
वादियों के आरोप के अनुसार अस्पताल प्रबंधन सरकार एवं अन्य संस्थाओं द्वारा संचालित एंबुलेंस के चालक को प्रति मरीज पंद्रह ₹100 कमीशन देकर अपने अस्पताल में लाने हेतु प्रोत्साहित करते हैं। सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं के चिकित्सकों को मरीज प्रेषित करने के एवज में मोटी रकम उनके खाते में केवाईसी के मार्फत देय होती है। विदित हो कि यह सारे पैसे मरीज के शोषण से जमा होते हैं।
उपरोक्त आर्थिक परिप्रेक्ष्य में एंबुलेंस चालक द्वारा मरीजों को लाना और मोटी दलाली के लालच में डॉक्टरों द्वारा मरीज को मेदांता भेजना पूर्णतः आर्थिक लाभ एवं दलाली के लोग हमें होता है जिसका मरीज को बीमारी आर्थिक क्षमता बीमारी के अनुरूप डॉक्टर एवं सुविधा की उपलब्धता से कोई सरोकार नहीं होता है।
बीपीएल मरीज और उन्हें प्रदत्त सुविधाओं में भारी वित्तीय अनियमितता के कारण पूर्व में ही अस्पताल को सूची से बाहर किया जा चुका है।
वादियों के कथन अनुसार कई बार ऐसा हुआ कि कोई मरीज अकारण किसी डॉक्टर द्वारा दलाली के लोभ में मेदांता प्रेषित कर दिया गया या एंबुलेंस चालक द्वारा अपने कमीशन के लालच में मेदांता पहुंचा दिया गया जिसे वास्तव में किसी भारी भरकम इलाज की आवश्यकता नहीं थी ऐसे लोगों को नैतिकता के आधार पर कई बार वादियो ने सही रास्ता दिखाने का कार्य किया है जिसे अस्पताल प्रबंधन इनके द्वारा कार्य आर्थिक क्षति की संज्ञा देकर इन्हें प्रताड़ित करने के अवसर तलाश करती रहती है।
वादियों द्वारा नैतिकता के आधार पर अस्पताल प्रबंधन द्वारा चलाए जा रहे अनैतिक व्यापार के विरोध के फलस्वरूप प्रताड़ित किए जाने तथा पूरा मामला न्यायालय एवं जनसाधारण के संज्ञान में लाने हेतु न्याय की प्रत्याशा में उक्त वाद दायर किया गया है यदि न्यायालय वाद के सारगर्भित तथ्यों को समझ कर अग्रेसर कार्रवाई करता है तो अस्पताल व्यवसाय के नेपथ्य में चल रहे काले धंधे का पर्दाफाश होते देर नहीं लगेगा ज्ञात हो कि मोहम्मद शादाब और मनीष कुमार सिन्हा के पास कुछ ऑडियो रिकॉर्डिंग सहित काफी प्रमाण है।

मेदांता अस्पताल के दो कर्मी मो. शादाब एवं मनीष कुमार सिन्हा ने संचालक पर मरीजों का भयादोहन करने का आरोप लगाया मेदांता अस्पताल के दो कर्मी मो. शादाब एवं  मनीष कुमार सिन्हा ने संचालक पर मरीजों का भयादोहन करने का आरोप लगाया Reviewed by PSA Live News on 9:57:00 pm Rating: 5

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