रांची, झारखंड सरकार के वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग, झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद और सेंटर फॉर एनवायरनमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट (सीड) के संयुक्त तत्वाधान में दस दिवसीय राज्यव्यापी जन-जागरूकता अभियान की शुरुआत हुई, जो 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के आयोजन तक जारी रहेगी। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण दिवस के थीम के अनुरूप भूमि संरक्षण को बढ़ावा देने, सुखाड़ की स्थिति से निबटने और भू-क्षरण को रोकने के मुद्दे पर जन जागरूकता फैलाना एवं सामुदायिक पहल को प्रोत्साहित करना है। साथ ही यह अभियान मिशन लाइफ के सततशील जीवनशैली के उपायों के अनुरूप भी संचालित किया जा रहा है ताकि लोगों में पर्यावरण एवं समाज के प्रति जिम्मेदारी की भावना को प्रोत्साहित किया जा सके।
अभियान की शुरुआत रांची एवं अन्य जिलों में किसान, महिला स्वयं सहायता समूहों एवं आम नागिरकों के द्वारा भूमि संरक्षण के लिए संकल्प, जैविक खाद के उपयोग एवं वृक्षारोपण आदि कई रचनात्मक गतिविधियों में सक्रिय सहभागिता के साथ हुई। झारखंड देश में जलवायु परिवर्तन के लिहाज से सबसे संवेदनशील क्षेत्रों में से एक है, जो लगातार सुखाड़ और भू-क्षरण की तीव्र दर की समस्या का सामना कर रहा है। इस लिहाज से इस वर्ष के विश्व पर्यावरण दिवस की थीम झारखंड के लिए विशेष महत्व रखती है। अभियान की गतिविधियाँ हरित भविष्य के लिए इन गंभीर मुद्दों के समाधान की दिशा में सामूहिक कार्रवाई के आह्वान पर बल देती है।
अभियान के सन्दर्भ एवं उद्देश्य के बारे में बताते हुए डॉ. संजय श्रीवास्तव (आईएफएस), प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन-बल प्रमुख, झारखंड सरकार ने व्यक्तिगत प्रयासों एवं सामूहिक भागीदारी के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने अभियान के थीम 'हमारी भूमि, हमारा भविष्य और हम हैं #Generation Restoration’ के अनुरूप सभी नागरिकों से इसे अपने जीवन में आत्मसात करने का आह्ववान किया। उन्होंने आगे बताया कि राज्य के सभी क्षेत्रों में विभिन्न सार्वजनिक गतिविधियाँ संचालित की जा रही हैं, जिनका उद्देश्य राज्य में पर्यावरण संरक्षण, सततशीलता और समावेशी विकास में हरेक व्यक्ति के योगदान के महत्व को रेखांकित करना है।
अभियान के तहत पूरे राज्य में सोशल मीडिया कैंपेन, संकल्प एवं हस्ताक्षर अभियान, नुक्कड़ नाटक, ग्रीन फैशन शो, वृक्षारोपण, पेंटिंग प्रतियोगिताओं आदि ढेरों रचनात्मक गतिविधियां सरकारी विभागों, शहरी स्थानीय निकायों और सार्वजनिक स्थानों पर आयोजित की जाएंगी।
श्री शशिकर सामंता (आईएफएस), अध्यक्ष, झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने अभियान में छोटे क़दमों को बड़े बदलाव को साकार बनाने के लिए जरूरी बताया। उन्होंने पर्यावरणीय चुनौतियों से निबटने के लिए वैज्ञानिक अध्ययनों के अनुरूप सहयोगात्मक और समाधान-केन्द्रित दृष्टिकोण की महत्ता पर बल दिया।
श्री रमापति कुमार, सीईओ, सेंटर फॉर एनवायरनमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट (सीड) ने झारखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से प्रेरणा लेते हुए प्रकृति संरक्षण और सतत जीवनशैली अपनाने पर बल दिया। उन्होंने स्थानीय और बॉटम-अप समाधान लाने और बेहतर परिणाम के लिए कन्वर्जेन्स एप्रोच पर बल दिया।
यह अभियान रांची समेत राज्य के विविध जिलों में वन विभाग, नगर निकायों, तथा अन्य विभागों के समन्वय से संचालित किया जा रहा है, जिसे प्रमुख नागरिक संगठनों, शैक्षणिक संस्थानों, मीडिया, महिलाओं, युवा समूहों और आम नागरिकों द्वारा व्यापक समर्थन मिल रहा है।

कोई टिप्पणी नहीं: