रांची, 21 अप्रैल। बढ़ती गर्मी को देखते हुए रांची जिले के ग्रामीण इलाकों में पेयजल संकट से निपटने के लिए जिला प्रशासन सक्रिय हो गया है। उपायुक्त-सह-जिला दंडाधिकारी श्री मंजूनाथ भजंत्री के निर्देशानुसार, जिले के विभिन्न प्रखंडों में खराब पड़े चापानलों की मरम्मती का कार्य युद्धस्तर पर जारी है।
दिनांक 17 अप्रैल 2025 को जिले के 7 प्रखंडों—अनगड़ा (03), ओरमांझी (03), सिल्ली (04), बुंडू (01), सोनाहातू (02), राहे (02), और तमाड़ (02)—में कुल 17 चापानलों की मरम्मती की गई। वहीं 19 अप्रैल को इन्हीं प्रखंडों में अतिरिक्त 14 चापानलों को दुरुस्त किया गया। इस प्रकार दो दिनों में कुल 31 चापानलों को दुरुस्त कर ग्रामीणों को राहत पहुंचाई गई।
गांवों में मुस्कुराहट लौटाई, राहत की सांस ले रहे ग्रामीण
मरम्मत कार्य से प्रभावित गांवों में अब लोग गर्मी में भी निर्बाध रूप से पीने का पानी प्राप्त कर पा रहे हैं। स्थानीय ग्रामीणों ने जिला प्रशासन की त्वरित कार्रवाई की सराहना की है। कई स्थानों पर लोगों ने कहा कि अब उन्हें दूर-दराज के जल स्रोतों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।
पेयजल संकट से निपटने के लिए प्रशासन सतर्क
उपायुक्त श्री भजंत्री ने पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल, पूर्वी एवं पश्चिमी के कार्यपालक अभियंताओं को विशेष निर्देश दिए हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों में खराब पड़े सभी चापानलों की मरम्मती शीघ्र कराई जाए। इसके साथ ही शहरी इलाकों में जलापूर्ति बाधित न हो, इसके लिए आवश्यकता अनुसार पानी टैंकर की व्यवस्था सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया गया है।
प्रशासन की तत्परता बनी उदाहरण
पेयजल संकट के समय जिला प्रशासन की यह पहल न केवल राहत पहुंचाने वाली है, बल्कि यह ग्रामीण विकास और नागरिक सुविधा के प्रति प्रतिबद्धता का प्रमाण भी है। गर्मी के मौसम में पेयजल जैसी बुनियादी सुविधा का महत्व और भी बढ़ जाता है, और ऐसे में प्रशासन की तत्परता उम्मीद की नई किरण बनकर सामने आई है।

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