“नाचो-गाओ, खुशी मनाओ, झूमो रे सब – आज कन्हैया आया है, भक्तों के घर आया है...”
“कान्हा ने किया मिस कॉल, राधा बोली हेलो-हेलो...” — भजन संध्या में गूंजे भक्तिरस से सराबोर स्वर
रांची (पुंदाग): श्री कृष्ण प्रणामी सेवा धाम ट्रस्ट द्वारा संचालित श्री कृष्ण प्रणामी मंगल राधिका सदानंद सेवा धाम स्थित श्री राधा-कृष्ण मंदिर में वट सावित्री व्रत एवं सोमवती अमावस्या के पावन अवसर पर विशेष पूजा-अर्चना, भव्य श्रृंगार, भजन संध्या एवं सामूहिक महाआरती का आयोजन अत्यंत श्रद्धा व हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ। इस पावन दिन पर मंदिर परिसर में भक्ति, श्रद्धा और सांस्कृतिक आस्था का अनुपम संगम देखने को मिला।
पूजा-अर्चना की शुरुआत पंडित अरविंद पांडे जी के वैदिक मंत्रोच्चार और विधिविधान से हुई, जिसमें श्री राधा-कृष्ण का अलौकिक श्रृंगार किया गया तथा उन्हें फल, मेवा, चूरमा और पेड़ा सहित विविध प्रसाद अर्पित किए गए। इसके पश्चात सैकड़ों श्रद्धालुओं, विशेषकर महिलाओं ने वट वृक्ष की पूजा करते हुए परिवार की सुख-शांति, समृद्धि और अखंड सौभाग्य के लिए प्रार्थना की।
मंदिर परिसर में आयोजित सामूहिक महाआरती ने पूरे वातावरण को भक्तिमय बना दिया। महाआरती में श्रद्धालुओं की भारी उपस्थिति रही, जिसके बाद प्रसाद वितरण का आयोजन किया गया।
भजन संध्या का मुख्य आकर्षण रहे ट्रस्ट के भजन गायक मनीष सोनी, जिन्होंने दो घंटे तक एक से बढ़कर एक सुमधुर भजनों से भक्तों को भावविभोर कर दिया।
गूंजते रहे भजन –
- “कर लो सावित्री पूजा, जीने का सहारा है...”
- “देना हो तो दीजिए जनम-जनम का साथ, मेरे सिर पर रख दो कान्हा अपने ये दोनों हाथ...”
- “कान्हा ने किया मिस कॉल, राधा बोली हेलो-हेलो...”
- “नाचो गाओ, खुशी मनाओ, झूमो रे सब...”
इन भजनों ने पूरे मंदिर परिसर को मानो वृंदावन बना दिया और श्रद्धालुओं ने झूमते हुए अपने आराध्य के चरणों में भक्ति अर्पित की।
इस अवसर पर ट्रस्ट के प्रवक्ता एवं मीडिया प्रभारी संजय सर्राफ ने कहा कि वट सावित्री व्रत हिंदुस्तानी संस्कृति में विवाहित महिलाओं के लिए अत्यंत पुण्यदायी पर्व है। वट वृक्ष की पूजा से त्रिदेव – ब्रह्मा, विष्णु और महेश – की कृपा प्राप्त होती है, जिससे जीवन में सुख, सौभाग्य और समृद्धि का वास होता है। यह पर्व नारी शक्ति, समर्पण और प्रेम का प्रतीक भी है।
कार्यक्रम में डुंगरमल अग्रवाल, राजेंद्र प्रसाद अग्रवाल, निर्मल जालान, मनोज चौधरी, सज्जन पाड़िया, पूरणमल सर्राफ, सुरेश भगत, सुरेश अग्रवाल, नंदकिशोर चौधरी, पवन पोद्दार, शिवभगवान अग्रवाल, विशाल जालान, सुनील पोद्दार, अरविंद अग्रवाल, विष्णु सोनी, मधु जाजोदिया, अंजनी अग्रवाल समेत बड़ी संख्या में श्रद्धालु महिला-पुरुषों की उपस्थिति रही।
पूरे आयोजन ने रांची के धार्मिक व सांस्कृतिक जीवन में एक नई ऊर्जा भर दी, और यह दिन श्रद्धा, भक्ति और सामाजिक एकजुटता का प्रतीक बन गया।

कोई टिप्पणी नहीं: