40 से अधिक आईटी प्लेटफॉर्म्स का एकीकरण, 100 करोड़ नागरिकों और लाखों चुनाव पदाधिकारियों को एक प्लेटफॉर्म पर मिलेगी सुविधा।
नई दिल्ली। भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने डिजिटल लोकतंत्र की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए ECI-Net के नाम से एक एकीकृत, उन्नत और सुरक्षित डिजिटल प्लेटफॉर्म के विकास की घोषणा की है। यह प्लेटफॉर्म न केवल तकनीकी दक्षता को बढ़ावा देगा, बल्कि नागरिकों, निर्वाचन अधिकारियों, राजनीतिक दलों और अन्य हितधारकों के लिए चुनावी प्रक्रियाओं को अधिक पारदर्शी, उपयोगकर्ता-अनुकूल और एकीकृत बनाएगा।
डिजिटल समावेशन की दिशा में एक बड़ा कदम
भारत जैसे विशाल लोकतांत्रिक देश में जहां हर चुनाव करोड़ों लोगों को प्रभावित करता है, वहां एक ऐसा प्लेटफॉर्म जो सभी सेवाओं को एक स्थान पर एकत्रित कर दे — निस्संदेह एक तकनीकी क्रांति है। ECI-Net में मौजूदा 40 से अधिक मोबाइल और वेब एप्लिकेशन को एकीकृत किया जाएगा, जिनमें से प्रत्येक किसी-न-किसी विशिष्ट कार्य के लिए था।
अब मतदाता सूची में नाम जुड़वाना हो या शिकायत दर्ज करानी हो, चुनाव ड्यूटी के लिए लॉगिन करना हो या बूथ लेवल डेटा देखना हो — सब कुछ एक ही ऐप से संभव होगा।
महत्वपूर्ण विशेषताएं:
- एकीकृत लॉगिन: सभी उपयोगकर्ताओं के लिए सिंगल लॉगिन सुविधा।
- रियल-टाइम डेटा एक्सेस: चुनाव अधिकारियों और राजनीतिक दलों के लिए त्वरित और सटीक डेटा।
- यूआई/यूएक्स नवाचार: अत्यंत सहज, सरल और हिंदी-अंग्रेजी दोनों में अनुकूल इंटरफेस।
- क्लाउड आधारित संरचना: ताकि डेटा सुरक्षित और कहीं से भी सुलभ हो।
- साइबर सुरक्षा: मल्टी लेयर सुरक्षा तंत्र, जिससे डेटा लीकेज या हैकिंग की संभावना नगण्य रहे।
विकास प्रक्रिया में सहभागिता और पारदर्शिता
ECI-Net का विकास बेहद परामर्शात्मक और समावेशी रहा है। इसमें देश के सभी 36 राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO), 767 ज़िला निर्वाचन अधिकारी (DEO), 4,123 ERO और 15,597 AERO की सक्रिय भागीदारी रही है। इस प्रक्रिया में आयोग के 76 दिशानिर्देशों और प्रकाशनों — जिनमें लगभग 9,000 पृष्ठ हैं — की बारीकी से समीक्षा की गई है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि तकनीक और कानून का सही संतुलन बना रहे।
चुनावी लोकतंत्र को डेटा-संचालित बनाना
अब तक का चुनावी तंत्र अलग-अलग अनुप्रयोगों, मैनुअल डेटा एंट्री और विविध लॉगिन प्लेटफॉर्म्स पर आधारित था, जिससे न केवल तकनीकी जटिलता बढ़ती थी, बल्कि पारदर्शिता पर भी प्रश्नचिन्ह उठते थे। ECI-Net इन समस्याओं का समाधान प्रस्तुत करता है और चुनावों को ‘डेटा-संचालित पारदर्शिता’ की ओर ले जाता है।
कानूनी वैधता और नियामक ढांचा
इस प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराई गई सभी सूचनाएं भारतीय संविधान, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 और 1951, निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण नियम 1960, एवं निर्वाचन संचालन नियम 1961 के दायरे में होंगी। साथ ही, आयोग द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों के अनुरूप होंगी।
भविष्य की योजना
ECI-Net की सफलता के बाद, आयोग इसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग आधारित विश्लेषण से भी जोड़ने की योजना बना रहा है, जिससे मतदाता प्रवृत्तियों का अध्ययन, फर्जीवाड़े की पहचान और संसाधनों का अनुकूलतम उपयोग संभव हो सकेगा।
ECI-Net भारत निर्वाचन आयोग की वह डिजिटल क्रांति है, जो न केवल चुनावी प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाएगी, बल्कि भारत को डिजिटल लोकतंत्र की दिशा में एक नई ऊंचाई तक ले जाएगी।

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