PSA Live News की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट | विस्तृत विशेष समाचार विश्लेषण
पटना: लंबे इंतजार के बाद आखिरकार बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों का ऐलान हो गया है। चुनाव आयोग ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरे कार्यक्रम की जानकारी दी। इस बार दो चरणों में मतदान कराया जाएगा — पहले चरण में 6 नवंबर और दूसरे चरण में 11 नवंबर को वोट डाले जाएंगे, जबकि 14 नवंबर को मतगणना होगी और इसी दिन यह तय हो जाएगा कि बिहार की सत्ता पर कौन कब्जा करेगा।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि इस बार बिहार की जनता को 243 विधानसभा सीटों पर अपने प्रतिनिधियों को चुनने का मौका मिलेगा। इनमें से पहले चरण में 121 सीटें और दूसरे चरण में 122 सीटें शामिल हैं।
चुनाव कार्यक्रम — विस्तृत विवरण
पहला चरण (121 सीटें)
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अधिसूचना जारी: 10 अक्टूबर 2025
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नामांकन की अंतिम तिथि: 17 अक्टूबर 2025
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नामांकन जांच की तिथि: 18 अक्टूबर 2025
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नाम वापस लेने की तिथि: 20 अक्टूबर 2025
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मतदान: 6 नवंबर 2025
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मतगणना: 14 नवंबर 2025
दूसरा चरण (122 सीटें)
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अधिसूचना जारी: 13 अक्टूबर 2025
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नामांकन की अंतिम तिथि: 20 अक्टूबर 2025
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नामांकन जांच की तिथि: 21 अक्टूबर 2025
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नाम वापस लेने की तिथि: 23 अक्टूबर 2025
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मतदान: 11 नवंबर 2025
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मतगणना: 14 नवंबर 2025
पहले चरण में जिन जिलों में मतदान होगा
पहले चरण के तहत जिन जिलों में वोट डाले जाएंगे, उनमें प्रमुख हैं — पटना, भोजपुर, बक्सर, वैशाली, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, बेगूसराय, लखीसराय, शेखपुरा, खगड़िया, सहरसा, मधेपुरा, गोपालगंज, सिवान, छपरा, नालंदा, आरा और मुंगेर।
इन क्षेत्रों में कई हाई-प्रोफाइल सीटें हैं, जैसे राघोपुर (तेजस्वी यादव का गढ़), बख्तियारपुर (सीएम नीतीश कुमार का इलाका), और पटना साहिब (पारंपरिक रूप से भाजपा का मजबूत क्षेत्र)।
दूसरे चरण में जिन जिलों में मतदान होगा
दूसरे चरण में उत्तर बिहार और सीमांचल के जिलों में मतदान होगा — पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज, अररिया, मधुबनी, सीतामढ़ी, बेतिया, मोतिहारी, सुपौल, भागलपुर, औरंगाबाद, गया, नवादा, जमुई और सासाराम सहित कुल 122 सीटों पर चुनाव होंगे।
इस चरण में मुख्य रूप से महागठबंधन और NDA के कई दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर होगी।
मतदाताओं की संख्या और पहली बार वोट करने वाले युवा
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि बिहार में कुल 7.42 करोड़ मतदाता हैं —
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पुरुष मतदाता: 3.92 करोड़
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महिला मतदाता: 3.50 करोड़
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पहली बार वोट देने वाले युवा: लगभग 14 लाख
उन्होंने कहा कि आयोग ने इस बार वोटर लिस्ट की अंतिम प्रति सभी राजनीतिक दलों को दे दी है, और नामांकन के बाद जारी सूची को ही अंतिम माना जाएगा।
निष्पक्ष चुनाव के लिए नई व्यवस्था
इस बार चुनाव आयोग ने निष्पक्षता पर विशेष जोर दिया है।
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सभी ऑब्जर्वर IAS अधिकारी बिहार से बाहर के होंगे, ताकि किसी भी प्रकार की पक्षपात की संभावना न रहे।
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इन अधिकारियों के फोन नंबर चुनाव आयोग (ECI) की वेबसाइट पर उपलब्ध रहेंगे ताकि कोई भी नागरिक सीधे शिकायत कर सके।
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BLO (Booth Level Officers) को इस बार विशेष प्रशिक्षण दिल्ली में दिया गया है, जो पहले जिला या राज्य स्तर पर होता था।
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पुलिस अधिकारियों की ट्रेनिंग भी दिल्ली में कराई गई, ताकि सुरक्षा प्रबंधन और संवेदनशील बूथों पर सटीक नियंत्रण रखा जा सके।
चुनाव आयोग की सख्त चेतावनी
ज्ञानेश कुमार ने कहा,
“कानून व्यवस्था से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। फर्जी वोटिंग, पैसे या शराब बांटने जैसी किसी भी गतिविधि पर सख्त कार्रवाई होगी। बिहार में हर बूथ पर सीसीटीवी और वेबकास्टिंग की सुविधा रहेगी।”
आयोग ने बताया कि चुनाव के दौरान महिला मतदाताओं की सुरक्षा के लिए अलग पिंक बूथ बनाए जाएंगे, जिनमें पूरी टीम महिला कर्मियों की होगी।
राजनीतिक समीकरण और दांव पर प्रतिष्ठा
बिहार चुनाव 2025 में कई अहम समीकरण दांव पर हैं —
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NDA (भाजपा + जदयू + अन्य सहयोगी दल) सत्ता बचाने की कोशिश में है।
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महागठबंधन (राजद + कांग्रेस + वामदल) सत्ता में वापसी की रणनीति पर काम कर रहा है।
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नई ताकतों में चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) और पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी भी प्रभाव डालने की कोशिश में हैं।
विश्लेषकों के अनुसार, इस बार युवा मतदाता और पहली बार वोट करने वाले नागरिक चुनाव परिणाम को निर्णायक रूप से प्रभावित कर सकते हैं।
सुरक्षा और लॉजिस्टिक तैयारी
राज्य भर में लगभग 80,000 मतदान केंद्र बनाए जाएंगे। इनमें से कई बूथ संवेदनशील और अतिसंवेदनशील श्रेणी में रखे गए हैं।
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चुनाव के दौरान दो लाख से अधिक सुरक्षाबल तैनात होंगे।
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केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों की अतिरिक्त कंपनियां संवेदनशील जिलों में तैनात की जाएंगी।
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हर मतदान केंद्र पर EVM और VVPAT मशीनें रहेंगी, ताकि मतगणना में पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके।
बिहार की सत्ता का समीकरण
बिहार विधानसभा की मौजूदा सरकार का कार्यकाल 22 नवंबर 2025 को समाप्त हो रहा है।
अर्थात 14 नवंबर के नतीजों के बाद नई सरकार गठन की प्रक्रिया उसी महीने पूरी हो जाएगी।
इस चुनाव को लेकर पूरे राज्य में राजनीतिक सरगर्मी अपने चरम पर है —
सत्ता पक्ष विकास और स्थिरता के मुद्दे पर मैदान में है, जबकि विपक्ष बेरोज़गारी, महंगाई और भ्रष्टाचार के मुद्दों को प्रमुखता दे रहा है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 न केवल राज्य की राजनीति, बल्कि राष्ट्रीय राजनीति के लिए भी बेहद अहम माना जा रहा है।
दो चरणों में होने वाले इस चुनाव में 7 करोड़ से अधिक मतदाता अपनी लोकतांत्रिक शक्ति का प्रदर्शन करेंगे।
सभी की निगाहें 14 नवंबर की सुबह पर टिकी हैं — जब EVM की गिनती शुरू होगी और बिहार का भविष्य तय होगा।
Reviewed by PSA Live News
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10:05:00 pm
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