रांची। रात के बारह बजे सिर्फ २ ही लेन खुला रहना, गाड़ियों के लाइन से कर्मचारियों को कोई मतलब नहीं। सिफ्ट चेंज करने की जल्दबाजी। गाडियां कर्मचारी के लिए इंतज़ार करे कोई बात नहीं। लाइन लम्बी हो जाए या पब्लिक हॉर्न मारते रहे। टोल टैक्स तो मिलना ही है, चाहे कुछ भी हो।
कर्मचारियों से बात करने पर वे सिर्फ बहस करना जानते है, जनता तो बेवकूफ है ही।
जी हां ये हाल है हमारे ओरमांझी टोल नाका की।
कर्मचारियों से बात करने पर वे सिर्फ बहस करना जानते है, जनता तो बेवकूफ है ही।
जी हां ये हाल है हमारे ओरमांझी टोल नाका की।
ओरमांझी टोल की दुर्दशा
Reviewed by PSA Live News
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10:27:00 pm
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