संपादक - अशोक झा।
रांची। लोकसभा चुनाव की गलती विधानसभा चुनाव में दोहराने के मूड में विपक्षी दल नहीं दिख रहे हैं। चूंकि चुनाव में तीन से चार माह का समय शेष बचा है। इसलिए समय पर सभी तरह के मसले विपक्षी दल तय कर लेना चाहते हैं।विपक्षी दलों ने अपने-अपने दल के सीटों की दावेदारी पर अपना होमवर्क करीब-करीब पूरा कर लिया है। झामुमो के दबाव एवं दो टूक जवाब के बाद जून में कांग्रेस सीटों पर फैसला करने मूड में दिख रही है। जून के तीसरे या अंतिम सप्ताह में प्रदेश कांग्रेस प्रभारी आरपीएन सिंह रांची आ सकते हैं। उनके आते ही सीटों पर मुहर लग जाने की संभावना है।
सीट शेयरिंग का फर्मूला... 3-4 आधार पर तय हो सकता है
सबसे पहले झामुमो, कांग्रेस व झाविमो सीटिंग सीट पर अपनी दावेदारी प्रस्तुत करेंगे। इसके बाद दूसरे स्थान पर रहे सीटों पर दावेदारी होगी
दो सीट मासस के लिए छोड़े जाने की संभावना
जहां विपक्षी दल दूसरे स्थान पर नहीं रहे हैं, उन सीटों पर जमीनी ताकत या प्रत्याशी के आधार पर दावेदारी संभव
वर्तमान स्थिति को देखते हुए कई सीटों की हो सकती है अदला-बदली
झामुमो के पास है 19 सीटें
मांडू, बरहेट, लिट्टीपाड़ा, महेशपुर, शिकारीपाड़ा, नाला, जामा, डुमरी, गोमिया, बहरगोड़ा, सरायकेला, चाईबासा, मंझगांव, मनोहरपुर, चक्रधरपुर, खरसांवा, तोरपा, सिल्ली, विशुनपुर।
पिछले चुनाव में 15 सीटों पर था दूसरे स्थान पर
राजमहल, बोरियो, दुमका, मधुपुर, गांडेय, गिरिडीह, टुंडी, घाटशीला, पोटका, जुगसलाई, ईचागढ़, खूंटी, रांची, सिसई, गुमला।
कांग्रेस की सीटिंग 8 सीटें
पाकुड़, जामताड़ा, जरमुंडी, बरही, बड़कागांव, कोलेबिरा, लोहरदगा, पांकी
दूसरे स्थान की 8 सीटें
रामगढ़, बेरमो, धनबाद, झरिया, जमशेदपुर पूर्वी एवं पश्चिमी, खिजरी, कांके।
झाविमो की सीटिंग 8 सीटें
सारठ, पौड़याहाट, बरकठ्टा, सिमरिया, चंदनक्यारी, हटिया, लातेहार, डालटनगंज।
झाविमो के दूसरे स्थान की 4 सीटें
महगामा, चतरा, धनवार, जमुआ।
राजद के दूसरे स्थान की 6 सीटें
देवघर, गोड्डा, कोडरमा, मनिका, छत्तरपुर और गढ़वा।
वैसे सीटें जिसमें कोई भी विपक्षी दल दूसरे स्थान पर नहीं रहा (13)
हजारीबाग, बगोदर, सिंदरी, निरसा, बाघमारा, जगरनाथपुर, तमाड़, मांडर, सिमडेगा, विश्रामपुर, हुसैनाबाद, भवनाथपुर एवं बोकारो।
पिछले चुनाव में दूसरे स्थान पर जो दल नहीं थे
मांडर : गत चुनाव में बंधु तिर्की टीएमसी के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़े थे। मगर वे इस बार झाविमो में आ चुके हैं। इस पर झाविमो का होगा दावा।
सिंदरी एवं निरसा : मासस लोकसभा चुनाव में गठबंधन को सपोर्ट किया। इसलिए अरूप चटर्जी के निरसा सीटिंग सीट के अतिरिक्त सिंदरी है दावा
हजारीबाग : हजारीबाग से प्रदीप प्रसाद दूसरे स्थान पर रहे थे, अब वे कांग्रेस में आ चुके हैं। इसलिए इस सीट पर कांग्रेस दावेदारी करेगी।
बाघमारा : बाघमारा से जदयू के प्रदेश अध्यक्ष जलेश्वर महतो दूसरे स्थान पर रहे थे, अब वे कांग्रेस में आ चुके है, इसलिए कांग्रेस में इसमें दावा करेगी।
सिमडेगा : कोलेबिरा उपचुनाव जीतने के बाद एवं लोकसभा चुनाव में सिमडेगा से लीड करने के कारण कांग्रेस इस सीट पर करेगी दावा।
तमाड़ : आजसू विधायक विकास मुंडा आजसू से निलंबित हैं और झामुमो के करीब हैं, इसलिए झामुमो इस सीट पर दावा करेगी।
जगन्नाथपुर : यहां की विधायक गीता कोड़ा अब कांग्रेस में हैं, इसलिए यहां कांग्रेस करेगी दावा।
बगोदर : अगर माले गठबंधन में आया तो विनोद सिंह के लिए यह सीट छोड़ी जा सकती है नहीं तो झाविमो इस पर दावा करेगा।
विश्रामपुर : पिछली बार निर्दलीय प्रत्याशी अंजू सिंह मात्र 15 सौ वोटो के अंतराल से दूसरे स्थान पर रही थी और इस बार अपने पति अभिमन्यु सिंह उर्फ बबलू सिंह के साथ झारखंड मुक्ति मोर्चा का दामन थाम चुकी है इसलिए इस पर झामुमो का दावा मजबूत रहेगा।
हुसैनाबाद : इस सीट से राजद घटक दलों में सबसे अधिक मत प्राप्त किया था। राजद कर सकता है दावा
भवनाथपुर : इस सीट से झाविमो घटक दलों में सबसे अधिक मत प्राप्त किया था। झाविमो कर सकता है दावा पर झामुमो की ओर से कन्हैया चौबे भी पिछले लगातार 5 सालों से पुरजोर तैयारी कर रहे हैं और क्षेत्र में रहकर दमदार प्रत्याशी होने का दंभ भी भर रहे इसलिए इस सीट पर झामुमो का दावा भी मजबूत दिखता है।
बोकारो : इस सीट से कांग्रेस घटक दलों में सबसे अधिक मत प्राप्त किया था। कांग्रेस कर सकती है दावा।
हटिया: सीट झाविमो की सीटिंग है। मगर इस सीट पर कांग्रेस की नजर है।
देवघर: इस सीट पर झामुमो की पूर्व प्रत्याशी निर्मला भारती भी पिछले 5 सालों से लगातार जनता के बीच बनी हुई है और सबसे लोकप्रिय भी हैं दूसरी और राजद प्रत्याशी सुरेश पासवान का जनाधर खत्म हो चुका है इसलिए इस सीट पर प्रत्याशी के अनुसार झामुमो दावा कर सकता है
गढ़वा: इस सीट पर राजद के गिरिनाथ सिंह दूसरे एवं झामुमो के मिथिलेश ठाकुर तीसरे स्थान पर थे पर अब गिरिनाथ सिंह का भाजपा का दामन थामने पर लगातार 5 सालों से जनता के बीच बने रहने के कारण मिथिलेश ठाकुर की लोकप्रियता के कारण झामुमो का दावा इस सीट पर मजबूत है।
रांची। लोकसभा चुनाव की गलती विधानसभा चुनाव में दोहराने के मूड में विपक्षी दल नहीं दिख रहे हैं। चूंकि चुनाव में तीन से चार माह का समय शेष बचा है। इसलिए समय पर सभी तरह के मसले विपक्षी दल तय कर लेना चाहते हैं।विपक्षी दलों ने अपने-अपने दल के सीटों की दावेदारी पर अपना होमवर्क करीब-करीब पूरा कर लिया है। झामुमो के दबाव एवं दो टूक जवाब के बाद जून में कांग्रेस सीटों पर फैसला करने मूड में दिख रही है। जून के तीसरे या अंतिम सप्ताह में प्रदेश कांग्रेस प्रभारी आरपीएन सिंह रांची आ सकते हैं। उनके आते ही सीटों पर मुहर लग जाने की संभावना है।
सीट शेयरिंग का फर्मूला... 3-4 आधार पर तय हो सकता है
सबसे पहले झामुमो, कांग्रेस व झाविमो सीटिंग सीट पर अपनी दावेदारी प्रस्तुत करेंगे। इसके बाद दूसरे स्थान पर रहे सीटों पर दावेदारी होगी
दो सीट मासस के लिए छोड़े जाने की संभावना
जहां विपक्षी दल दूसरे स्थान पर नहीं रहे हैं, उन सीटों पर जमीनी ताकत या प्रत्याशी के आधार पर दावेदारी संभव
वर्तमान स्थिति को देखते हुए कई सीटों की हो सकती है अदला-बदली
झामुमो के पास है 19 सीटें
मांडू, बरहेट, लिट्टीपाड़ा, महेशपुर, शिकारीपाड़ा, नाला, जामा, डुमरी, गोमिया, बहरगोड़ा, सरायकेला, चाईबासा, मंझगांव, मनोहरपुर, चक्रधरपुर, खरसांवा, तोरपा, सिल्ली, विशुनपुर।
पिछले चुनाव में 15 सीटों पर था दूसरे स्थान पर
राजमहल, बोरियो, दुमका, मधुपुर, गांडेय, गिरिडीह, टुंडी, घाटशीला, पोटका, जुगसलाई, ईचागढ़, खूंटी, रांची, सिसई, गुमला।
कांग्रेस की सीटिंग 8 सीटें
पाकुड़, जामताड़ा, जरमुंडी, बरही, बड़कागांव, कोलेबिरा, लोहरदगा, पांकी
दूसरे स्थान की 8 सीटें
रामगढ़, बेरमो, धनबाद, झरिया, जमशेदपुर पूर्वी एवं पश्चिमी, खिजरी, कांके।
झाविमो की सीटिंग 8 सीटें
सारठ, पौड़याहाट, बरकठ्टा, सिमरिया, चंदनक्यारी, हटिया, लातेहार, डालटनगंज।
झाविमो के दूसरे स्थान की 4 सीटें
महगामा, चतरा, धनवार, जमुआ।
राजद के दूसरे स्थान की 6 सीटें
देवघर, गोड्डा, कोडरमा, मनिका, छत्तरपुर और गढ़वा।
वैसे सीटें जिसमें कोई भी विपक्षी दल दूसरे स्थान पर नहीं रहा (13)
हजारीबाग, बगोदर, सिंदरी, निरसा, बाघमारा, जगरनाथपुर, तमाड़, मांडर, सिमडेगा, विश्रामपुर, हुसैनाबाद, भवनाथपुर एवं बोकारो।
पिछले चुनाव में दूसरे स्थान पर जो दल नहीं थे
मांडर : गत चुनाव में बंधु तिर्की टीएमसी के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़े थे। मगर वे इस बार झाविमो में आ चुके हैं। इस पर झाविमो का होगा दावा।
सिंदरी एवं निरसा : मासस लोकसभा चुनाव में गठबंधन को सपोर्ट किया। इसलिए अरूप चटर्जी के निरसा सीटिंग सीट के अतिरिक्त सिंदरी है दावा
हजारीबाग : हजारीबाग से प्रदीप प्रसाद दूसरे स्थान पर रहे थे, अब वे कांग्रेस में आ चुके हैं। इसलिए इस सीट पर कांग्रेस दावेदारी करेगी।
बाघमारा : बाघमारा से जदयू के प्रदेश अध्यक्ष जलेश्वर महतो दूसरे स्थान पर रहे थे, अब वे कांग्रेस में आ चुके है, इसलिए कांग्रेस में इसमें दावा करेगी।
सिमडेगा : कोलेबिरा उपचुनाव जीतने के बाद एवं लोकसभा चुनाव में सिमडेगा से लीड करने के कारण कांग्रेस इस सीट पर करेगी दावा।
तमाड़ : आजसू विधायक विकास मुंडा आजसू से निलंबित हैं और झामुमो के करीब हैं, इसलिए झामुमो इस सीट पर दावा करेगी।
जगन्नाथपुर : यहां की विधायक गीता कोड़ा अब कांग्रेस में हैं, इसलिए यहां कांग्रेस करेगी दावा।
बगोदर : अगर माले गठबंधन में आया तो विनोद सिंह के लिए यह सीट छोड़ी जा सकती है नहीं तो झाविमो इस पर दावा करेगा।
विश्रामपुर : पिछली बार निर्दलीय प्रत्याशी अंजू सिंह मात्र 15 सौ वोटो के अंतराल से दूसरे स्थान पर रही थी और इस बार अपने पति अभिमन्यु सिंह उर्फ बबलू सिंह के साथ झारखंड मुक्ति मोर्चा का दामन थाम चुकी है इसलिए इस पर झामुमो का दावा मजबूत रहेगा।
हुसैनाबाद : इस सीट से राजद घटक दलों में सबसे अधिक मत प्राप्त किया था। राजद कर सकता है दावा
भवनाथपुर : इस सीट से झाविमो घटक दलों में सबसे अधिक मत प्राप्त किया था। झाविमो कर सकता है दावा पर झामुमो की ओर से कन्हैया चौबे भी पिछले लगातार 5 सालों से पुरजोर तैयारी कर रहे हैं और क्षेत्र में रहकर दमदार प्रत्याशी होने का दंभ भी भर रहे इसलिए इस सीट पर झामुमो का दावा भी मजबूत दिखता है।
बोकारो : इस सीट से कांग्रेस घटक दलों में सबसे अधिक मत प्राप्त किया था। कांग्रेस कर सकती है दावा।
हटिया: सीट झाविमो की सीटिंग है। मगर इस सीट पर कांग्रेस की नजर है।
देवघर: इस सीट पर झामुमो की पूर्व प्रत्याशी निर्मला भारती भी पिछले 5 सालों से लगातार जनता के बीच बनी हुई है और सबसे लोकप्रिय भी हैं दूसरी और राजद प्रत्याशी सुरेश पासवान का जनाधर खत्म हो चुका है इसलिए इस सीट पर प्रत्याशी के अनुसार झामुमो दावा कर सकता है
गढ़वा: इस सीट पर राजद के गिरिनाथ सिंह दूसरे एवं झामुमो के मिथिलेश ठाकुर तीसरे स्थान पर थे पर अब गिरिनाथ सिंह का भाजपा का दामन थामने पर लगातार 5 सालों से जनता के बीच बने रहने के कारण मिथिलेश ठाकुर की लोकप्रियता के कारण झामुमो का दावा इस सीट पर मजबूत है।
लोकसभा चुनाव की गलती विधानसभा चुनाव में दोहराने के मूड में नहीं दिख रहे हैं विपक्षी दल
Reviewed by PSA Live News
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