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सरकारी ब्लड बैंक को ही एनीमिया ग्रषित सहित कुपोषित करने की है योजना - लहू बोलेगा

संवाददाता - रंजीत कुमार । 

 रांची । प्रधान सचिव,स्वास्थ्य विभाग,झारखंड सरकार द्वारा 20 नवंबर को आएं ब्लड से संबंधित संकल्प पत्र न होकर निज़ी ब्लड बैंकों को प्रोत्साहित करने एव सरकारी ब्लड बैंक सेवाओं को एनीमिया ग्रषित करने जैसा संकल्प पत्र ज़्यादा है,वह भी इस तरह का संकल्प जब दो साल से कोरोना ने सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था एव सामाजिक एजेंडे में प्रमुखता बनाया और निज़ी स्वास्थ्य सेवाओं की क्या भूख रही,यह हम सभी को पता हुआ,उसपर से भी सरकारी अधिकारी निज़ी एजेंट की भूमिका में ज़्यादा दिख रहें है । 


इधर कुछ महीनों से स्वास्थ्य विभाग द्वारा हो रहें कार्य से अंदाज़ा सज़ग समाज को हो रहा है,उसी कड़ी में प्रोजेक्ट निदेशक,जैसेक्स के आदेश और उनकी कार्यशैली से भी पता चलता है,जहां सरकारी ब्लड बैंक,सरकारी ब्लड बैंक से संबंधित इक्विपमेंट,सेवाएं,नीतिगत-क्रियान्वयन मुद्दें,आपने ही विभाग के पूर्व के सरकारी आदेशों की अवहेलना एव रक्तदाता एव रक्तदान संगठनों को हतोत्साहित करने जैसे मुद्दें समेत केवल निज़ी ब्लड बैंक एव निज़ी सेवाओं को बढ़ावा देने जैसा है,इसलिए इस तरह के अधिकारियों की तत्काल प्रभाव से मुक्त किया जाए एव रक्तदान को कुपोषित करने वाले आदेश की वापसी की जाए। 


लहू बोलेगा संस्था मांग करती है कि

1.झारखंड के सरकारी ब्लड बैंक से निःशुल्क ही ब्लड उपलब्ध कराया जाए,जो अभी 1050 रु. कर दिया गया है,रक्तदाता को हतोत्साहित ना किया जाए,पूर्व के फैसले को बहाल रखा जाए। 


2.प्रधान सचिव,स्वास्थ्य विभाग,झारखंड सरकार द्वारा संकल्प पत्र में दिए प्रोसैसिंग चार्ज 1050 रु.रक्तदान में बाधा पहुँचाने वाले जनविरोधी फैसलें का जब सक्रिय रक्तदान संगठनों/रक्तदाता ने मांग किया ही नही तो यह रक्तदान में बाधक पहुँचाने वाला फैसला किसको ख़ुश करने के लिए लाया गया,इसकी अविलंब वापसी की जाए। 


3.आईएएस भुनेश प्रताप सिंह,प्रोजेक्ट निदेशक, जैसेक्स सरकारी ब्लड बैंक की व्यवस्था एव रक्तदान/रक्तदाता या रक्तदान संगठनों को लगातार हतोत्साहित एव नुकसान पहुचाने वाले "लोक सनकी" लोक सेवक को तत्काल प्रभाव से मुक्त कर "लोक सेवक के संदर्भ" की फ़िर से ट्रैनिंग पर भेजा जाए। 


4.सदर अस्पताल ब्लड बैंक रांची समेत 6 जिलों में पांच महीनें पूर्व 14 जून (रक्तदान दिवस) को "ब्लड कंपोनेंट सेपरेशन यूनिट" का शिलान्यास मुख्यमंत्री हेमंत जी स्वास्थ्य विभाग द्वारा कराया गया,उसका क्या हुआ "लोक सनकी" प्रोजेक्ट निदेशक,जैसेक्स एव स्वास्थ्य प्रधान सचिव द्वारा फज़ीहत पर कार्रवाई की जाए। 


5.झारखंड राज्य में निज़ी समेत सरकारी अस्पतालों में भर्ती मरीज़ों के ब्लड की व्यवस्था अस्पताल प्रबंधक को ही करनी है,पर आपने ही 3 साल पूर्व के आदेश को लागू ना कर निज़ी एजेंट की भूमिका को अंज़ाम दिया जा रहा है,अविलंब सख़्ती से पूर्व के आदेश को लागू किया जाए। 


6.प्रोजेक्ट निदेशक,जैसेक्स को 6 रक्तदान संगठनों द्वारा चार महीनें पूर्व (20 जुलाई 2021) को 10 सूत्री स्मार-पत्र दिया गया था,इसे अविलंब लागू किया जाए एव ऐसे नकारात्मक- असंवेदनशील-उदासीन-हतोत्साहित करने वाले एव निजी एजेंट की तरह बनी छवि के मालिक की वजह से ही झारखंड सरकार की फज़ीहत कराने वाले "सनकी लोक सेवक" पर कार्रवाई सुनिश्चित किया जाए। 


नदीम खान,मो बब्बर,मो साज़िद उमर,असफ़र खान,नवाब चिश्ती,साक़ीब ज़िया,दानिश रहमानी,मो अरशद कुरैशी,जमील अख़्तर,मो आसिफ़ अहमद,अधिवक्ता इम्तियाज अशरफ़, इंजीनियर शाहनवाज़ अब्बास,ज़ुबैर खान,मो मोइज़,मो इश्तेयाक आलम,बाबू,मतीउर रहमान पप्पू,एलिग सयैद शारिक,मास्टर मो सोहैल,मो सैफ़,मो सहबुल,अबू रेहान,तौसीफ़ खान,ताज खान,आफ़ताब गद्दी,मो ज़ीशान,एजाज़ अंसारी, वक़ील अंसारी,फ़राज़ अब्बास,मो फ़हीम,मो राशिद,मो मेराज़,मो तौसीफ़,मुर्शिद आलम,मो शाहिल,मो आरज़ू,एलिग फ़ातमी,मो दिलशाद,मो ज़िया। 


सरकारी ब्लड बैंक को ही एनीमिया ग्रषित सहित कुपोषित करने की है योजना - लहू बोलेगा सरकारी ब्लड बैंक को ही एनीमिया ग्रषित सहित कुपोषित करने की है योजना  - लहू बोलेगा Reviewed by PSA Live News on 10:27:00 pm Rating: 5

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