7 विषयों में एमए सहित क़ई अन्य डिग्रियां लिए सेवा निवृत्त प्रधानाध्यापक चाय बेचने को है मजबूर,कहा लिपिक से है जान का खतरा
शिक्षा विभाग में व्याप्त भरस्टाचार को लेकर संस्था ने लिखी शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को पत्र,इंटर स्तरीय विद्यायल पंजवारा बना अराजकता का अड्डा।
बांका। बाँका की बहुचर्चित संस्था मंदार फाउंडेशन एक नई सुबह ट्रस्ट ने पंजवारा हाई स्कूल में व्याप्त भरस्टाचार तथा अराजकता को लेकर शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव से लेकर जिला अधिकारी बाँका तथा उचित जांच एवं करवाई के लिए राष्ट्रीय लोक अदालत को पत्र लिखकर मामले की जानकारी दिया।बताते चलें कि उक्त विद्यालय में भरस्टाचार चरम पर है।हर दिन उक्त विद्यालय की कहानी देखने और सुनने को मिलती है।ताजा मामला यह है कि उक्त विद्यालय के सेवा निर्वित पूर्व प्रभारी प्राचार्य बिमल जी ने पूरे सिस्टम पर ही एक सवालिया निशान खड़ा कर दिया है।एक चैनल में दिए हुए इंटरव्यू में उन्होंने साफ साफ शब्दों में जिला प्रशासन बाँका को कटघरे में खड़ा किया है तथा जिला अधिकारी बाँका के कार्यों पर ही अंगुली उठायी है।सेवा निर्वित प्रभारी प्रधानाचार्य बिमल ने कुल 7 बार मास्टर की डिग्री हाशिल कर शिक्षा विभाग में एक अलग ही पहचान रखने बाले शिक्षक के रूप में जाने जाते हैं।प्रसाशनिक दंस का शिकार हुए इस प्रधानध्यापक ने बताया कि इंटर स्तरीय पंजवारा हाई स्कूल में नियुक्त प्रभारी प्रधानाध्यापिका माया मिश्रा उनकी द्वितीय सेवा पुस्तिका आज तक विभाग को मुहैया नही कराई जिसके कारण आजतक प्रधानाध्यापक को पेंशन नही मिल पा रहा।उन्होंने रोते बिलखते कहा कि वो चाय का दुकान चला कर अपना जीवन गुजर बसर कर रहे हैं।क़ई बार वो बरिस्ट अधिकारी के समक्ष अपनी ही पेंशन के लिए गए लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारियों के द्वारा उन्हें बताया गया कि वो अपने विद्यालय के लिपिक संतोष झा से संपर्क करें।उन्होंने उक्त विद्यालय के लिपिक के संदर्भ में जानकारी देते हुए कहा की संतोष झा के द्वारा उनके अपहरण की कोशिश तथा उनके साथ मार पीट की घटना को अंजाम दी गई।इस वावत उन्होंने पंजवारा थाना में आवेदन भी दिया।पंजवारा थाना में संगीन मामले को देखते हुए विभिन्न धाराओं में कांड संख्या 89/2019 में केस भी दर्ज किया गया।वावजूद इसके कोई भी कानूनी कार्यवाही नही की गई।इस वावत सवाल पूछे जाने पर उन्होंने साफ साफ कहा कि खादी के संरक्षण में यह कार्य चल रहा है।जो भी व्यक्ति उक्त विद्यालय के खिलाफ आवाज उठाने का प्रयास करते हैं उनपर झूठे मुकदमे दर्ज कर दिए जाते हैं।इनकी मनमानी की वजह से अबतक उक्त विद्यालय के द्वारा लगभग आधे दर्जन लोगों पर केस दर्ज किया जा चुका है।उन्होंने आगे बताया कि मैडम माया मिश्रा का मानसिक संतुलन ठीक नही है घरेलू विवाद के कारण अक्सर वो चिड़चिड़ी रहती है तथा सभी के साथ उनका व्यवहार बहुत ही खराब है।उन्होंने आगे बताते हुए कहा की उक्त विद्यालय में वर्षों से भ्रष्टाचार का घिनोना खेल चल रहा है जिसके खिलाफ आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई जबकि उक्त विद्यालय के खिलाफ आरटीआई भी डाला गया आरटीआई की जांच में भ्रष्टाचार की पुष्टि की गई पर फिर से सच्चाई हार गई तथा आरटीआई कार्यकर्ता पर ही मैडम के द्वारा एफआइआर दर्ज करा दिया गया।और जब उक्त विद्यालय में हो रहे भ्रष्टाचार के बारे में जानकारी लेने ens media के संवाददाता राकेश कुमार पंडित पहुँचे तो अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए एक बार फिर एक और एफआईआर दर्ज करा दिया गया।और हमारी बाँका पुलिस ने भी तत्परता दिखाते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया।यानी यूँ कहें कि उस विद्यालय में शिक्षण का कार्य कम और एफआईआर दर्ज कराने का काम अधिक होता आया है।परंतु बात जांच की करें तो फिर बात वही आ जाती है कि अपने आगे पीछे ऊपर नीचे के जेबों को भी तो भरना है तो जांच कैसे करें।जिस विद्यालय के पूर्व प्रधानाध्यापक भ्रष्टाचार का शिकार हो कर चाय बेचने पर मजबूर हो,लिपिक के डर से बाँका न आते हो उस विद्यालय में पढ़ रहे बच्चों का भविष्य तो ?राधे राधे।अब बात थोड़ी राकेश कुमार की करते है,जिन पर मैडम माया जी ने एफआईआर दर्ज कराया कि उन्होंने सरकारी काम मे बाधा पहुँचाया, ओर उनको अपमानित किया।एफआईआर दर्ज हुआ पुलिस ने छानबीन की और हमारे माननीय एसडीपीओ बाँका बिपिन बिहारी सर् पहुँचे उक्त विद्यालय में जांच के लिए वो भी उस दिन जिस दिन विषहरी पूजा का स्कूल बंद होता हैं उस दिन शाम में 4 बजे के बाद।जांच रिपोर्ट बनता है 3 गवाहों के नाम दिए जाते है,जिसमें एक विद्यालय के क्लर्क संतोष झा जिनपर पहले से ही अपहरण की कोशिश का केस दर्ज होता है बाकी के 2 गवाह मैडम राजकुमारी तथा सुरेंद्र सर् परंतु जब उनसे हमने बात की तो उन्होंने साफ इंकार किया कि उनकी अनुमंडलाधिकारी से कोई बात नहीं हुई।अब सच क्या है ये तो न्यायालय निर्णय लेगी परंतु ये सब बातें अनेकों सवाल को जन्म देती है।आज उक्त विद्यालय की मनमानी से अनेकों लोग ग्रसित है।
उक्त विद्यालय के बारे में अनेकों भ्र्ष्टाचार की बातें सामने आई है जिसकी निष्पक्ष जांच के लिए संस्था के तरफ से पत्र लिखा गया है।

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