पटना । लालू प्रसाद ने कहा कि जाति की चर्चा जब हम करते हैं तो जाति आधारित व्यवस्था के सभी दृष्टिकोण पर बात होनी चाहिए। इस परिपेक्ष्य में बिहार में जो जाति आधारित गणना हुई है वह काफी महत्वपूर्ण है। राज्य सरकार यह निर्णय सराहनीय है। लालू प्रसाद ने कहा कि जाति आधारित गणना के माध्यम से सामाजिक और आर्थिक सभी तरह की स्थितियों का आकलन हो रहा।
राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद ने रविवार को कहा कि आज जिस तरह से कुछ लोगों द्वारा जाति आधारित गणना का विरोध हो रहा ठीक इसी तरह का विरोध मंडल कमीशन की सिफारिशों को लागू किए जाने के समय हुआ था।
भारत में पिछड़े तथा अनुसूचित जाति-जनजाति के लोगों के प्रति हमेशा दुर्भावना की प्रवृत्ति रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी जातियों का डर दिख रहा है।
इसी वजह से केंद्र सरकार ने जाति आधारित गणना में दिलचस्पी नहीं ली। राजधानी स्थित चैंबर आफ कामर्स में मनोज मिट्टा की पुस्तक कास्ट प्राइड के लोकार्पण के मौके पर राजद सुप्रीमो ने यह बात कही।
लालू प्रसाद ने कहा कि जाति की चर्चा जब हम करते हैं तो जाति आधारित व्यवस्था के सभी दृष्टिकोण पर बात होनी चाहिए। इस परिपेक्ष्य में बिहार में जो जाति आधारित गणना हुई है वह काफी महत्वपूर्ण है। राज्य सरकार यह निर्णय सराहनीय है।
लालू प्रसाद ने कहा कि जाति आधारित गणना के माध्यम से सामाजिक और आर्थिक सभी तरह की स्थितियों का आकलन हो रहा। सर्वांगीण विकास के लिए यह आवश्यक है। लालू प्रसाद ने कहा कि सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता को लेकर उनका संघर्ष जारी रहेगा।
पुस्तक के लोकार्पण समारोह में राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता व राज्यसभा सदस्य मनोज झा व राजद के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी भी मौजूद थे।

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