अशोक कुमार झा, संपादक – रांची दस्तक/PSA Live News
सुपौल (बिहार), 14 मई। भारत-नेपाल सीमा से लगे बिहार के सुपौल जिले में एक कार पर बांग्लादेश का राष्ट्रीय ध्वज लहराते देखे जाने के बाद सनसनी फैल गई है। यह घटना न केवल स्थानीय लोगों में भय और असमंजस का कारण बनी, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े गहरे सवाल भी खड़े कर रही है। वायरल वीडियो और स्थानीय सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार, यह संदिग्ध गाड़ी सुपौल के राघोपुर थाना क्षेत्र में देखी गई, जिसका नंबर BR50K7641 बताया जा रहा है।
वीडियो वायरल, पुलिस हरकत में
बांग्लादेशी झंडा लगी कार का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिसके बाद पुलिस प्रशासन हरकत में आया। राघोपुर थानाध्यक्ष नवीन कुमार ने बताया कि मामला पुलिस को औपचारिक शिकायत के जरिए नहीं, बल्कि वायरल वीडियो से संज्ञान में आया है। उन्होंने कहा कि, “वीडियो की सत्यता और कार मालिक की पहचान की जा रही है। इस तरह के भड़काऊ कृत्य का उद्देश्य क्या था, इसका पता लगाने के लिए गहन जांच जारी है। जल्द ही पूरे मामले का खुलासा किया जाएगा।”
जनता में डर और आक्रोश
घटना के बाद इलाके में भय और रोष का माहौल है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यह कोई साधारण शरारत नहीं हो सकती, बल्कि इसके पीछे राष्ट्रविरोधी मानसिकता या आतंकी साजिश की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। नागरिकों ने कार को तत्काल जब्त कर उसके मालिक से पूछताछ करने और पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। कुछ स्थानीय लोगों ने यह भी आशंका जताई कि यह कदम समाज में सांप्रदायिक तनाव फैलाने या सीमा सुरक्षा को परखने की कोशिश हो सकती है।
खुली सीमा पर बड़ा खतरा
गौरतलब है कि सुपौल जिला भारत-नेपाल सीमा से सटा हुआ है और यह इलाका खुली सीमा नीति के तहत आता है, जहां नागरिकों की आवाजाही आम तौर पर बिना वीज़ा या पासपोर्ट के होती है। यही वजह है कि यह क्षेत्र तस्करी, घुसपैठ और अवैध गतिविधियों के लिए संवेदनशील बना हुआ है। बांग्लादेशी झंडे का सरेआम प्रदर्शन इसी दिशा में एक नई चुनौती के तौर पर देखा जा रहा है।
पुलिस की भूमिका पर सवाल
स्थानीय लोग यह भी सवाल उठा रहे हैं कि इतनी संवेदनशील सीमा क्षेत्र में इस तरह की घटना पुलिस की कार्यप्रणाली पर बड़ा सवाल खड़ा करती है। "जब सीमावर्ती क्षेत्रों में निगरानी और सतर्कता की सबसे अधिक आवश्यकता होती है, तब ऐसा लापरवाह रवैया बेहद खतरनाक संकेत देता है।" कई लोगों ने मांग की है कि सीमावर्ती इलाकों में अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की जाए, वाहनों की गहन जांच हो और संदिग्ध गतिविधियों पर तुरंत कार्रवाई की जाए।
विदेशी ध्वज का प्रदर्शन – संवैधानिक और कानूनी दृष्टिकोण
भारतीय संविधान और कानून के तहत देश के भीतर किसी विदेशी राष्ट्र के ध्वज को सार्वजनिक स्थानों या वाहनों पर प्रदर्शित करना केवल राजनयिक और औपचारिक अवसरों पर ही वैध माना जाता है। निजी नागरिकों द्वारा बिना अनुमति इस प्रकार का प्रदर्शन न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि देश की अखंडता और संप्रभुता के लिए चुनौती भी हो सकता है।
राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों की नजर
मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए खुफिया एजेंसियों और सीमा सुरक्षा बल (एसएसबी) को भी अलर्ट कर दिया गया है। हालांकि अभी तक इस घटना के किसी आतंकी या राष्ट्रविरोधी संगठन से जुड़े होने की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन अधिकारियों का मानना है कि इसे हल्के में लेना सुरक्षा के लिए घातक हो सकता है।
सुपौल में बांग्लादेशी झंडे से सजी कार का सामने आना एक सतही घटना नहीं, बल्कि सीमा सुरक्षा, राष्ट्रवादी चेतना और स्थानीय प्रशासन की तत्परता पर एक गंभीर प्रश्नचिन्ह है। ऐसे समय में जब हिंदुस्तान पाकिस्तान के साथ तनावपूर्ण दौर से गुजर रहा है और आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों से जूझ रहा है, तब ऐसी घटनाएं असहज कर देने वाली हैं। अब देखना यह है कि प्रशासन इस घटना को एक उदाहरण बनाकर सख्त कार्रवाई करता है या यह मामला भी ‘वायरल वीडियो’ तक ही सीमित रह जाता है।
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3:57:00 pm
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