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बीआईटी मेसरा ने भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू की उपस्थिति में अपनी प्लेटिनम जुबली मनाई


नई दिल्ली, 15 फरवरी, 2025: बीआईटी मेसरा, दूरदर्शी उद्योगपति बी.एम. बिरला द्वारा 1955 में स्थापित, भारत के प्रमुख टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट्स में से एक, ने 15 फरवरी, 2025 को रांची कैम्पस में अपनी 70वीं वर्षगांठ मनाई।

प्लेटिनम जुबली समारोह में मुख्य अतिथि भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू थीं, जिनके साथ झारखंड के माननीय राज्यपाल श्री संतोष कुमार गंगवार, झारखंड के माननीय मंत्री श्री सुदिव्य कुमार, श्री सी.के.बिरला, चेयरमैन, सीके बिरला ग्रुप और श्री इंद्रनील मन्ना, वाइस चांसलर मंच पर मौजूद थे।

इस अवसर पर बोलते हुए, मुख्य अतिथि और भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मू ने कहा कि, “प्लैटिनम जुबली इंजीनियरिंग, प्रौद्योगिकी और संबद्ध क्षेत्रों में शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार में बीआईटी मेसरा के योगदान का जश्न मनाने और सम्मान करने का एक उपयुक्त अवसर है। बीआईटी मेसरा 2023 में एआई और एमएल में बी-टेक पाठ्यक्रम शुरू करके सबसे आगे रहा है। मुझे अपनी बेटियों को विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित में उत्कृष्टता के स्तर को ऊपर उठाते हुए देखकर भी खुशी हो रही है। युवाओं का उत्साह और प्रतिबद्धता 'विकसित भारत' के निर्माण में प्रमुख घटक होगी।''

मुख्य अतिथि और झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने कहा कि, “बीआईटी मेसरा की स्थापना इसके दूरदर्शी संस्थापक, श्री बी.एम. बिड़ला की एक सराहनीय पहल थी, जो वास्तव में इस राष्ट्र के विकास के लिए इंजीनियरिंग और तकनीकी प्रगति के महत्व को समझते थे। तब से, बीआईटी ने एक लंबा सफर तय किया है और बड़ी संख्या में छात्रों को प्रशिक्षित किया है जिन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने कौशल के माध्यम से संस्थान और देश का नाम रोशन किया है।”

झारखंड के मंत्री श्री सुदिव्य कुमार ने कहा कि, “बीआईटी मेसरा सबसे अधिक मांग वाला संस्थान बना हुआ है, और इसका श्रेय इसके प्रबंधन, संकाय, पूर्व छात्रों और सबसे महत्वपूर्ण रूप से उन छात्रों को जाता है जो यहां अपनी शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।”

बीआईटी इंस्टीट्यूट के स्थायी प्रभाव पर विचार करते हुए, सी.के.बिरला, चेयरमैन, सीके बिरला ग्रुप ने कहा कि “आज, हमारे पास 20 से अधिक विषय हैं, जिनमें 10,000 से अधिक स्टूडेंट्स और 600 से अधिक फैकेल्टी सदस्य हैं, और हमें दुनिया भर में 50,000-मजबूत एल्यूमनी नेटवर्क पर बहुत गर्व है। प्रतिभाओं को लगातार आगे बढ़ाने और उनके लिए लगातार नए और बेहतर अवसर पैदा करने के व्यवस्थित प्रयासों के माध्यम से, हमने अपनी स्टूडेंट बॉडी में 30% तक महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाने में महत्वपूर्ण प्रगति की है। बीआईटी मेसरा स्वतंत्रता के बाद के युग में स्थापित इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी का तीसरा सबसे पुराना संस्थान है और 1964 में पहली बार स्पेस इंजीनियरिंग और रॉकेट्री डिपार्टमेंट की स्थापना में अग्रणी है। रिसर्च और टेक्नोलॉजी में हमारा निरंतर निवेश राष्ट्र निर्माण के लिए बीआईटी की प्रतिबद्धता और समर्पणता को दर्शाता है।”

वाइस चांसलर इंद्रनील मन्ना ने बीआईटी मेसरा को टेक्नोलॉजी, रिसर्च और आंत्रप्रेन्योरशिप का एक प्रमुख सेंटर करार दिया। समारोह का मुख्य आकर्षण राष्ट्रपति मुर्मू और राज्यपाल गंगवार द्वारा एक विशेष स्मारक रजत पदक, डाक टिकट और लिफाफा जारी करना था, जो शिक्षा, इनोवेशन और राष्ट्र निर्माण में इंस्टीट्यूट के उल्लेखनीय योगदान का प्रतीक है। समारोह में 780 एकड़ के परिसर में पौधरोपण और राष्ट्रपति द्वारा रिसर्च एग्जीबिशन का उद्घाटन जैसी गतिविधियां भी शामिल थीं।

बीआईटी मेसरा ने भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू की उपस्थिति में अपनी प्लेटिनम जुबली मनाई बीआईटी मेसरा ने भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू की उपस्थिति में अपनी प्लेटिनम जुबली मनाई Reviewed by PSA Live News on 4:55:00 pm Rating: 5

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