मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव के नाम 22 सूत्री मांग पत्र समर्पित, झारखंड भर में सरकारी कर्मचारियों का विशाल प्रदर्शन
रांची/राज्य ब्यूरो। आज झारखंड राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के बैनर तले राज्य के सभी 24 जिलों में एक साथ जोरदार प्रदर्शन हुआ, जिसमें विभिन्न विभागों के नियमित, अनुबंध एवं आउटसोर्सिंग पर कार्यरत कर्मचारियों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। महासंघ के नेतृत्व में उपायुक्तों के माध्यम से मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव के नाम 22 सूत्री मांग पत्र समर्पित किया गया। कर्मचारियों ने नारेबाजी और धरना प्रदर्शन कर सरकार के समक्ष अपनी वर्षों पुरानी मांगों को एक बार फिर मजबूती से रखा।
प्रदर्शन में स्वास्थ्य, शिक्षा, पंचायती राज, राजस्व, सांख्यिकी, सचिवालय सेवा, समाज कल्याण, वन, ग्रामीण विकास सहित तमाम विभागों के सैकड़ों कर्मचारी शामिल हुए। महासंघ ने स्पष्ट कहा कि यदि मांगें शीघ्र पूरी नहीं की गईं तो चरणबद्ध आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
प्रमुख मांगों में ये बिंदु रहे शामिल:
- अनुबंध कर्मियों को नियमितीकरण: वर्षों से विभागों में रिक्त पदों पर अनुबंध के रूप में कार्यरत कर्मचारियों को स्थायी किया जाए।
- समान कार्य, समान वेतन: सभी संवर्गों के अनुबंध व आउटसोर्सिंग कर्मियों को न्यूनतम ₹39,000 मासिक वेतन देने की मांग।
- एनएचएम कर्मियों को नियमित किया जाए तथा सभी स्वास्थ्य कार्यक्रमों के कर्मियों को राज्य सेवा में शामिल किया जाए।
- स्वास्थ्य बीमा योजना का विस्तार: आयुष्मान और अन्य बीमा योजनाओं के अंतर्गत देश के सभी प्रतिष्ठित अस्पतालों को शामिल किया जाए।
- प्रोन्नति में समान अवसर: चतुर्थ श्रेणी कर्मियों को तृतीय श्रेणी में पदोन्नति दी जाए; लिपिकों को बिना लेखा परीक्षा के एसीपी/एमएसीपी का लाभ।
- आउटसोर्सिंग कर्मियों को सामाजिक सुरक्षा: सभी आउटसोर्सिंग कर्मियों को स्वास्थ्य बीमा और सेवा की गारंटी दी जाए।
- सेवानिवृत्ति आयु में वृद्धि: राज्य कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु 60 से बढ़ाकर 65 वर्ष करने की मांग।
- चार श्रम कोड की वापसी: श्रमिक विरोधी कहे जा रहे नए चार श्रम कोड को तत्काल रद्द किया जाए।
- एनपीएस कटौती की वापसी: राज्य कर्मचारियों की पेंशन से कटे एनपीएस अंशदान को वापस किया जाए।
- ग्रेड पे और पदवर्ग सुधार: सांख्यिकी पर्यवेक्षकों को ₹4600 ग्रेड पे, मुफस्सिल लिपिकों को सहायक का दर्जा और समाहरणालय स्तर पर समान प्रोन्नति।
राज्यव्यापी आंदोलन में बढ़ती एकजुटता
महासंघ के अध्यक्ष गोपाल शरण सिंह और सचिव भूषण कुमार ने पूरे राज्य के कर्मचारियों की सक्रिय भागीदारी के लिए आभार जताया और चेताया कि यदि सरकार ने गंभीरता नहीं दिखाई, तो अगली रणनीति में अनिश्चितकालीन हड़ताल, सचिवालय घेराव और विधानसभा मार्च जैसे विकल्प शामिल होंगे।
कार्यक्रम में सुशीला तिग्गा, महेश कुमार सिंह, मीरा कुमारी, नकी अहमद, जित वाहन उरांव, लोकेश कुमार, मनीष कुमार, वीना कुमारी, वीरेंद्र पाठक, अजय कुमार, ओम प्रकाश, जय गोविंद, मुकेश कुमार, लव कुमार, सुधीर बाड़ा, अरविंद प्रसाद, मनोज मिश्र, सौरभ, बैजू झा, अशोक चौधरी, नारद मंडल, राम चरित शर्मा, वंदना कुमारी, विनोद तिग्गा, पिंकी, विभूति गुप्ता सहित राज्य भर के वरिष्ठ कर्मचारी प्रतिनिधि शामिल रहे।
महासंघ ने साफ किया कि यह आंदोलन केवल कर्मचारियों के अधिकारों के लिए नहीं, बल्कि प्रशासनिक व्यवस्था की मजबूती और सेवा की गुणवत्ता में सुधार के लिए भी है।
सरकार से अपील:
महासंघ ने राज्य सरकार से आग्रह किया कि कर्मचारियों की मांगों को सकारात्मक रूप से लेते हुए शीघ्र वार्ता की प्रक्रिया शुरू करे, जिससे टकराव की स्थिति से बचा जा सके और जनता को प्रभावित किए बिना समस्याओं का समाधान हो सके।

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