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राहुल गांधी के 'सरेंडर' बयान पर शशि थरूर की दो टूक — "भारत ताकत की भाषा बोलेगा, किसी तीसरे पक्ष की जरूरत नहीं"

 


रिपोर्ट: PSA Live News डेस्क 

वाशिंगटन डीसी /नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के 'सरेंडर' वाले बयान को लेकर देश में मचे सियासी घमासान के बीच अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद शशि थरूर ने खुलकर अपनी प्रतिक्रिया दी है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत अमेरिका यात्रा पर वाशिंगटन डीसी में मौजूद थरूर ने न केवल राहुल गांधी के बयान की पृष्ठभूमि को स्पष्ट किया बल्कि भारत की आतंकवाद के प्रति नीति और राष्ट्रीय संप्रभुता पर कांग्रेस पार्टी के रुख को भी दो टूक शब्दों में रखा।

आतंकवाद की भाषा में ही जवाब देगा भारत: थरूर

वाशिंगटन में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान जब एक महिला पत्रकार ने राहुल गांधी के बयान का हवाला देते हुए अमेरिका की मध्यस्थता और भारत की विदेश नीति पर सवाल पूछा, तो शशि थरूर ने बिना किसी झिझक के जवाब दिया। उन्होंने कहा:

"जब तक पाकिस्तान आतंकवाद की भाषा का इस्तेमाल करता रहेगा, भारत को भी उसी भाषा में जवाब देने में कोई आपत्ति नहीं है। भारत ताकत की भाषा बोलेगा और किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की जरूरत नहीं है।"

यह बयान ऐसे समय आया है जब भारत-पाकिस्तान तनाव को लेकर अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कथित मध्यस्थता की पेशकश और उस पर राहुल गांधी के 'सरेंडर' टिप्पणी ने सियासी हलकों में तीखी बहस छेड़ दी है।

अमेरिका के राष्ट्रपति पद का सम्मान, लेकिन नीति स्पष्ट: थरूर

थरूर ने यह भी स्पष्ट किया कि कांग्रेस पार्टी अमेरिका के राष्ट्रपति जैसे संवैधानिक पद का पूरा सम्मान करती है और भारत सरकार की ओर से किसी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को कभी औपचारिक रूप से नहीं स्वीकारा गया है।

"हम अमेरिका के राष्ट्रपति जैसे पद का सम्मान करते हैं, लेकिन राष्ट्रीय हितों पर हमारी नीति स्पष्ट है। भारत किसी तीसरे पक्ष की आवश्यकता नहीं समझता – न आज, न कल," थरूर ने कहा।

पहलगाम नरसंहार पर गहरी चिंता

भारतीय प्रवासियों से संवाद के दौरान थरूर ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर भी गहरा दुख जताया। उन्होंने कहा:

"यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आतंकियों ने पीड़ितों से उनके धर्म के बारे में पूछकर उन्हें मौत के घाट उतारा। यह न सिर्फ एक आतंकवादी कृत्य है, बल्कि मानवता के खिलाफ सीधी चोट है। एक महिला, जिसने अपने पति को गोली लगते देखा, खुद को भी मार देने की गुहार करने लगी। लेकिन आतंकियों ने उसे वापस भेज दिया ताकि वह इस जघन्य घटना की कहानी दुनिया को बता सके।"

थरूर ने कहा कि यह घटना इस बात का प्रमाण है कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता, लेकिन आतंकी संगठनों की कोशिश रहती है कि समाज को धर्म के नाम पर बांटा जाए।

कांग्रेस का संदेश स्पष्ट: संप्रभुता पर कोई समझौता नहीं

शशि थरूर के बयान से यह स्पष्ट होता है कि कांग्रेस पार्टी राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता के मामलों में किसी प्रकार की ढील या नरमी के पक्ष में नहीं है। भले ही राजनीतिक बयानबाज़ी में कुछ तीखे शब्दों का प्रयोग हो जाए, पार्टी की नीति स्पष्ट है — पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद का जवाब कड़े और निर्णायक तरीके से दिया जाएगा।

राहुल गांधी के ‘सरेंडर’ बयान पर उठे विवाद के बीच थरूर का यह संतुलित और दृढ़ रुख कांग्रेस की तरफ से स्थिति स्पष्ट करने की एक गंभीर कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।

शशि थरूर ने एक ओर राहुल गांधी के बयान पर पार्टी का संतुलित पक्ष रखा, वहीं दूसरी ओर भारत की विदेश और सुरक्षा नीति पर स्पष्ट रुख जाहिर किया। उनका यह बयान कांग्रेस पार्टी की गंभीर विदेश नीति समझ और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर स्पष्टता को दर्शाता है।

राहुल गांधी के 'सरेंडर' बयान पर शशि थरूर की दो टूक — "भारत ताकत की भाषा बोलेगा, किसी तीसरे पक्ष की जरूरत नहीं" राहुल गांधी के 'सरेंडर' बयान पर शशि थरूर की दो टूक — "भारत ताकत की भाषा बोलेगा, किसी तीसरे पक्ष की जरूरत नहीं" Reviewed by PSA Live News on 4:41:00 pm Rating: 5

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