सच्ची भक्ति और निष्ठा का कोई मूल्य नहीं, न ही जात-पात का कोई भेद: किशोरी जी
रांची । हुटुप गौशाला धाम में चल रही नौ दिवसीय श्री राम कथा के सातवें दिन प्रसिद्ध कथावाचक सुश्री संगीता किशोरी ने शबरी प्रसंग पर एक अत्यंत मार्मिक और सुंदर कथा का वाचन किया। इस प्रसंग ने सभी श्रद्धालुओं के दिलों में श्रीराम के प्रति असीम श्रद्धा और भक्ति का संचार किया। शबरी की कथा, जो भगवान श्रीराम के जीवन का एक अभिन्न हिस्सा है, ने सभी को न केवल धार्मिक दृष्टि से प्रेरित किया, बल्कि यह जीवन के महत्वपूर्ण मूल्य और संस्कारों की भी सीख दी। कथा के दौरान संगीता किशोरी ने शबरी के जीवन के संघर्ष, उनकी साधना और भगवान श्रीराम के प्रति उनकी अपार श्रद्धा को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया। शबरी, जो एक वनवासी महिला थीं, ने वर्षों तक बिनती की थी कि भगवान श्रीराम उनके घर आएं। उनके जीवन में एक दृढ़ विश्वास था कि जो राम के दरबार में सच दिल से भक्ति करता है, वह अवश्य श्रीराम का आशीर्वाद प्राप्त करता है। अपनी कठोर साधना और भक्ति से शबरी ने भगवान श्रीराम के प्रति अपने प्रेम और समर्पण को साबित किया।
कथा के दौरान यह बात विशेष रूप से उल्लेखनीय रही कि श्रीराम ने शबरी के साथ जो प्रेम और स्नेह व्यक्त किया, वह समाज में व्याप्त जातिवाद और भेदभाव से ऊपर था। भगवान श्रीराम ने शबरी के झूठे बेर भी आनंदपूर्वक खाए और यह संदेश दिया कि सच्ची भक्ति और निष्ठा का कोई मूल्य नहीं, न ही जात-पात का कोई भेद। शबरी के प्रति श्रीराम का यह आचरण सभी के लिए एक अमूल्य शिक्षा है कि ईश्वर के दरबार में सभी समान हैं। इस सुंदर कथा के साथ ही आज भंडारा महाप्रसाद का आयोजन भी किया गया, जिसमें 2500 से भी अधिक श्रद्धाल शामिल हुए। महाप्रसाद में भगवान श्रीराम की महिमा का गुणगान करते हुए सभी भक्तों के बीच शाम 5 बजे तक प्रसाद वितरित किया गया। यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण था, बल्कि समाज में एकता और भाईचारे का संदेश देने वाला भी था। कुल मिलाकर इस कथा ने सभी भक्तों को न केवल श्रीराम के जीवन के आदर्शों से परिचित कराया, बल्कि यह भी समझाया कि वास्तविक भक्ति न किसी संपत्ति से जुड़ी होती है, न किसी जाति से। शबरी के जीवन से प्रेरित होकर हमें भी अपनी भक्ति और कर्म में सच्चाई और समर्पण को सर्वोपरि रखना चाहिए। आज कथा में भारी भीड़ उमड़ी। कार्यक्रम की मीडिया प्रभारी संजय सर्राफ ने बताया कि इस अवसर पर कार्यक्रम के संयोजक वासुदेव भाला, मुकेश काबरा, पुनीत पोद्दार, अजय मारू, महावीर सोमानी, बिल्लू सोमानी, मुरारी अग्रवाल, नारायण चौधरी, प्रेम प्रकाश अग्रवाल, शत्रुघ्न गुप्ता, प्रेम चौधरी, प्रकाश काबरा, विष्णु जालान, भगवती प्रसाद, सुरेश शारदा, इत्यादि के अलावे हजारों ग्रामीणों ने कथा का श्रवण किया। 24 मार्च को आठवें दिन श्री राम कथा में श्री राम राज्याभिषेक पर प्रसंग होगा।

कोई टिप्पणी नहीं: