पटना। बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोजपा) की ओर से पटना के बापू सभागार में भव्य संकल्प सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर रालोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस, पूर्व सांसद प्रिंस पासवान, संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष सूरजभान सिंह सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे।
सम्मेलन के दौरान पशुपति पारस ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा, “आज से मेरा एनडीए से कोई संबंध नहीं रहा। अब हम 'चलो गांव, बिहार की ओर' अभियान के तहत राज्यभर में जनजागरण यात्रा निकालेंगे और जनता को सत्ता परिवर्तन के लिए प्रेरित करेंगे।”
पारस ने औरंगाबाद की उस घटना का भी जिक्र किया जिसमें लोजपा (रा) के एक कार्यकर्ता के बेटे पर दलित युवती को वाहन से कुचलने का आरोप लगा है। उन्होंने सरकार की चुप्पी को दलित विरोधी मानसिकता का परिचायक बताया।
हालांकि चुनाव पूर्व विपक्षी गठबंधन में शामिल होने को लेकर उन्होंने स्थिति स्पष्ट नहीं की, लेकिन यह कहा कि रालोजपा का संगठन मजबूत है और सभी 243 सीटों पर योग्य उम्मीदवार उतारने की क्षमता रखता है।
वक्फ बिल पर प्रतिक्रिया देते हुए पारस ने इसे मुस्लिम समुदाय के साथ अन्यायपूर्ण बताते हुए रालोजपा की ओर से इसका विरोध किया। वहीं, शराबबंदी नीति पर उन्होंने कहा कि पार्टी इसका विरोध नहीं करती, लेकिन गरीबों को जेल भेजना अन्यायपूर्ण है। उन्होंने गरीब कैदियों की रिहाई और ताड़ी पर लगे प्रतिबंध को हटाने की मांग की।
सम्मेलन के दौरान भोजपुरी गायक आलोक पासवान ने रालोजपा की सदस्यता ग्रहण की, जिससे पार्टी को सांस्कृतिक मोर्चे पर भी मजबूती मिली है।
रालोजपा के इस संकल्प सम्मेलन ने बिहार की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है, और आने वाले चुनावों में यह एक अहम मोड़ साबित हो सकता है।
Reviewed by PSA Live News
on
6:34:00 pm
Rating:

कोई टिप्पणी नहीं: