श्रावणी मेला-2025 को लेकर सीएम हेमन्त सोरेन की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक, श्रद्धालुओं की सुरक्षा-सुविधा और मेला प्रबंधन पर दिए गए अहम निर्देश
रांची/देवघर/दुमका। झारखंड के मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने आगामी विश्व प्रसिद्ध राजकीय श्रावणी मेला-2025 की तैयारियों को लेकर आज राजधानी रांची स्थित लोक प्रशासन संस्थान में एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में बाबा बैद्यनाथ धाम-बासुकीनाथ तीर्थ क्षेत्र विकास प्राधिकरण के पदाधिकारियों समेत राज्य के कई वरिष्ठ प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों ने भाग लिया।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि श्रावणी मेला में देश-विदेश से आने वाले लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा, सुविधा और सेवा के हर पहलू का विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने कहा कि इस वर्ष करीब 50 लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है, ऐसे में सभी विभाग आपसी समन्वय से मेला की तैयारियों को समयबद्ध और प्रभावी रूप से पूरा करें।
श्रावणी मेला से झारखंड को मिली है विशिष्ट पहचान
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रावणी मेला झारखंड की आस्था, संस्कृति और पहचान का प्रतीक है। बाबा बैद्यनाथ और बासुकीनाथ धाम की महिमा केवल धार्मिक नहीं, बल्कि राज्य की सांस्कृतिक विरासत से भी जुड़ी है। उन्होंने कहा कि इस आयोजन के माध्यम से झारखंड को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक विशिष्ट पहचान मिली है, जिसे और भव्यता देकर सहेजने की आवश्यकता है।
सुरक्षा, स्वच्छता और यातायात पर विशेष ध्यान देने का निर्देश
मुख्यमंत्री ने श्रावणी मेला में सुरक्षा, स्वच्छता, बिजली, पानी, विश्राम गृह, शौचालय, स्नानागार, स्वास्थ्य और यातायात प्रबंधन जैसे बुनियादी व्यवस्थाओं को लेकर खास निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी विभाग आपसी तालमेल के साथ इन तैयारियों को अंतिम रूप दें और मुख्य सचिव स्वयं इसकी नियमित मॉनिटरिंग करें।
खाली पड़ी जमीनों का समुचित उपयोग और बाद में पुनर्स्थापन
मुख्यमंत्री ने मेला मार्ग में पड़ने वाली खाली जमीनों का उपयोग श्रद्धालुओं के लिए अस्थायी विश्राम गृह, स्नानागार और शौचालय निर्माण के लिए करने का सुझाव दिया। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मेला समाप्त होने के बाद उस भूमि को पूरी तरह साफ कर रैयतों को वापस सौंपा जाए, ताकि उनकी सहमति और सम्मान दोनों सुरक्षित रहे।
भीड़ नियंत्रण और हाईटेक ट्रैफिक मैनेजमेंट पर ज़ोर
मुख्यमंत्री ने भीड़ नियंत्रण के लिए पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती, मेला रूट पर वाहनों की गति सीमा निर्धारण, और हाई डेफिनेशन कैमरे व वाहन प्लेट नंबर रीडिंग सिस्टम की स्थापना का निर्देश दिया, ताकि ट्रैफिक व्यवस्था को आधुनिक और सख्त बनाया जा सके।
QR आधारित शिकायत निवारण प्रणाली शुरू करने का आदेश
श्रद्धालुओं की समस्याओं का तत्काल समाधान सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री ने QR Code आधारित Complaint Management System शुरू करने का निर्देश दिया, जिससे कोई भी श्रद्धालु अपने मोबाइल से सीधा शिकायत दर्ज करा सके और उसे शीघ्र समाधान मिले।
महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष व्यवस्था
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि महिलाओं और बच्चों के लिए अलग से विश्राम और भोजन की समुचित व्यवस्था की जाए, ताकि वे भी सुरक्षित और सहज वातावरण में अपनी धार्मिक यात्रा पूरी कर सकें।
बैठक में मौजूद रहे कई वरिष्ठ अधिकारी और जनप्रतिनिधि
इस उच्च स्तरीय बैठक में मंत्री श्री सुदिव्य कुमार, विधायक श्री सुरेश पासवान, विधायक श्री देवेंद्र कुंवर, मुख्य सचिव श्रीमती अलका तिवारी, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री अविनाश कुमार, डीजीपी श्री अनुराग गुप्ता, प्रभारी सचिव मस्त राम मीणा, वंदना दादेल, मनोज कुमार, सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी और बाबा बैद्यनाथ धाम-बासुकीनाथ तीर्थ क्षेत्र विकास प्राधिकरण के सदस्यगण मौजूद थे।
भव्यता, समन्वय और सुविधा का संकल्प
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने स्पष्ट किया कि इस बार का श्रावणी मेला सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि राज्य की प्रतिष्ठा, प्रशासन की क्षमता और जनता की आस्था का साझा संगम होगा। सभी विभाग और अधिकारी इसे उसी भावना के साथ लें और यह सुनिश्चित करें कि कोई श्रद्धालु असुविधा का शिकार न हो।

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