श्री राधा-कृष्ण सेवा धाम में 205वां अन्नपूर्णा महाप्रसाद भंडारा सम्पन्न, दो हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने लिया प्रसाद
रांची | विशेष संवाददाता। पुंदाग स्थित श्री कृष्ण प्रणामी मंगल राधिका सदानंद सेवा धाम, जो कि श्री कृष्ण प्रणामी सेवा धाम ट्रस्ट द्वारा संचालित है, में रविवार को भक्ति, सेवा और सुमधुर भजनों से भरा दिव्य आयोजन देखने को मिला। अवसर था 205वें अन्नपूर्णा सेवा महाप्रसाद भंडारे का, जिसमें 2000 से भी अधिक श्रद्धालुओं ने आस्था और श्रद्धा से प्रसाद ग्रहण किया।
यह विशेष भंडारा वासुदेव मोदी एवं श्रीमती निर्मला मोदी द्वारा अपने दिवंगत पुत्र स्व. दीपक मोदी की पुण्य स्मृति में आयोजित किया गया।
भक्ति और सेवा का संगम
कार्यक्रम की शुरुआत दोपहर 12 बजे विधिवत पूजन और भोग अर्पण के साथ हुई, जिसे मंदिर के पुजारी अरविंद कुमार पांडे ने संपन्न कराया। भोग अर्पण के उपरांत उपस्थित श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद वितरण किया गया, जिसमें केसरिया खीर, पूड़ी, पुलाव, दाल, सब्जी और आलू चिप्स शामिल थे।
भजनों में झूम उठा मंदिर परिसर
भोजन उपरांत दोपहर 2 बजे से 4 बजे तक भजन-कीर्तन का आयोजन हुआ, जिसमें ट्रस्ट के भजन गायकों ने राधा-कृष्ण की महिमा का गुणगान करते हुए वातावरण को कृष्णमय बना दिया। श्रद्धालु भावविभोर होकर झूम उठे और पूरा परिसर जैसे वृंदावन की गलियों में बदल गया।
भजन कार्यक्रम के पश्चात सभी ने सामूहिक रूप से महाआरती में भाग लिया, जिसमें भगवान श्री राधा-कृष्ण के जयकारों से पूरा मंदिर गूंज उठा।
भारी संख्या में उमड़े श्रद्धालु
ट्रस्ट के प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी संजय सर्राफ ने बताया कि कार्यक्रम की शुरुआत से ही मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। दिनभर में 3000 से अधिक भक्तों ने भगवान श्री राधा-कृष्ण के दर्शन किए।
विशिष्ट जनों की उपस्थिति
इस शुभ अवसर पर ट्रस्ट के कई प्रमुख पदाधिकारी व श्रद्धालु उपस्थित रहे। जिनमें सह संरक्षक विजय कुमार अग्रवाल, अध्यक्ष डुंगरमल अग्रवाल, उपाध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद अग्रवाल, सज्जन पाड़िया, मनोज चौधरी, पूरणमल सर्राफ, शिव भगवान अग्रवाल, संजय सर्राफ, मधु जाजोदिया, प्रेमचंद श्रीवास्तव, सुरेश अग्रवाल, विशाल जालान, सुरेश भगत, पवन पोद्दार, विधा देवी अग्रवाल, मंगला मोदी सहित बड़ी संख्या में महिलाएं और पुरुष शामिल रहे।
यह आयोजन केवल अन्नदान या धार्मिक कृत्य नहीं था, बल्कि यह भक्ति, श्रद्धा और सामाजिक समरसता का जीवंत उदाहरण बनकर सामने आया। श्री राधा-कृष्ण सेवा धाम की यह अन्नपूर्णा परंपरा लगातार सैकड़ों श्रद्धालुओं को निःस्वार्थ सेवा और आस्था से जोड़ रही है।

कोई टिप्पणी नहीं: