पटना में कोरोना का नया विस्फोट! 24 घंटे में 7 नए केस, बिहार के सभी अस्पतालों में आज ऑक्सीजन मॉकड्रिल
पटना, 31 मई 2025:
राजधानी पटना समेत पूरे बिहार में एक बार फिर कोरोना संक्रमण ने दस्तक दे दी है। बीते 24 घंटे में पटना में 7 नए मरीजों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने से स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया है। इन नए मामलों के साथ ही पटना जिले में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़कर 17 हो गई है। राज्यभर में संक्रमण की बढ़ती आहट को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने आज (शनिवार) सभी सरकारी अस्पतालों में बड़े पैमाने पर ऑक्सीजन इंफ्रास्ट्रक्चर का मॉकड्रिल आयोजित करने का फैसला लिया है।
कोरोना की वापसी: पटना में 7 नए मामले
पटना में कोरोना संक्रमण की गति एक बार फिर चिंता का विषय बन रही है। शुक्रवार को पटना के तीन प्रमुख क्षेत्रों—कंकड़बाग, अगमकुआं और आरपीएस मोड़—से सात लोगों की कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इनमें से तीन मरीजों की जांच एनएमसीएच (नालंदा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल) में की गई, जबकि चार अन्य की रिपोर्ट दो निजी लैब से सामने आई है।
एनएमसीएच के सूत्रों के अनुसार, पॉजिटिव पाए गए तीनों मरीज अलग-अलग विभागों—नेत्र विभाग, सर्जरी विभाग और मेडिसिन विभाग—में इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे थे। इनमें से एक संक्रमित मरीज एनएमसीएच का इंटर्न मेडिकल छात्र भी है, जिससे स्वास्थ्य कर्मियों की भी सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है।
पुष्टि सिविल सर्जन ऑफिस से
सभी सात मरीजों की रिपोर्ट सिविल सर्जन कार्यालय, पटना भेजी गई थी, जहां कोविड पॉजिटिव होने की आधिकारिक पुष्टि की गई। सिविल सर्जन डॉ. अविनाश कुमार सिंह के अनुसार, शुक्रवार को एनएमसीएच में कुल 26 संदिग्ध मरीजों के सैंपल जांचे गए थे, जिनमें तीन संक्रमित पाए गए। सभी संक्रमितों को होम आइसोलेशन में रहने की सलाह दी गई है और उनकी सतत निगरानी की जा रही है।
अब तक पटना में कुल 17 सक्रिय मरीज
पटना के विभिन्न चिकित्सा संस्थानों में अब तक 17 कोरोना पॉजिटिव मरीजों की पहचान हो चुकी है, जिनमें एम्स पटना में 5, एनएमसीएच में 6 और बाकी अन्य संस्थानों या लैब्स से जुड़े मामले हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है लेकिन लापरवाही घातक सिद्ध हो सकती है।
कोरोना के खतरे के बीच ऑक्सीजन मॉकड्रिल आज
कोविड के नए मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार के निर्देश पर बिहार स्वास्थ्य विभाग ने आज राज्यभर के सभी सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन मॉकड्रिल आयोजित करने का निर्णय लिया है। इस मॉकड्रिल में सभी अस्पतालों के पीएसए ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट्स, ऑक्सीजन सिलेंडर, पाइपलाइन, फ्लोमीटर, और बैकअप सिस्टम की कार्यक्षमता की गहन जांच की जाएगी।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार, इस मॉकड्रिल का उद्देश्य संभावित कोविड संक्रमण की अगली लहर में ऑक्सीजन की सप्लाई को निर्बाध और त्वरित रूप से सुनिश्चित करना है। विभाग ने जिलों के सिविल सर्जनों और अस्पताल अधीक्षकों को सख्त निर्देश दिए हैं कि ऑक्सीजन संयंत्रों की रियल टाइम कार्यप्रणाली की रिपोर्ट तैयार कर मुख्यालय भेजी जाए।
⚠️ विशेष सतर्कता की आवश्यकता
एनएमसीएच माइक्रोबायोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. प्रो. संजय कुमार का कहना है कि मरीजों की संख्या अभी कम है लेकिन इनमें से कई मामले अस्पताल में इलाज के दौरान सामने आए हैं, जो हॉस्पिटल इन्फेक्शन की ओर इशारा करते हैं। स्वास्थ्यकर्मियों और आम नागरिकों को पुनः मास्क पहनने, सैनिटाइजेशन और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे उपायों को अपनाने की आवश्यकता है।
राज्य सरकार अलर्ट मोड में
स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव ने सभी जिलों के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे कोविड हेल्पलाइन, दवा भंडार, कोविड वार्ड की व्यवस्था और टेस्टिंग लैब्स की स्थिति का रिव्यू करें। आने वाले सप्ताह में संभावित स्थिति का मूल्यांकन कर जरूरत पड़ने पर कंटेनमेंट ज़ोन और आरटीपीसीआर टेस्टिंग को बढ़ाया जाएगा।
जनता से अपील
राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग ने जनता से अपील की है कि अफवाहों से दूर रहें और किसी भी लक्षण की स्थिति में निकटतम स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर जांच कराएं। कोरोना को हल्के में लेना खतरनाक हो सकता है।
पटना समेत बिहार में कोविड संक्रमण की वापसी एक चेतावनी है। यह समय फिर से सतर्क रहने का है। संक्रमण की दर भले ही अभी कम हो, लेकिन लापरवाही बड़ी चूक बन सकती है। आज का ऑक्सीजन मॉकड्रिल आने वाले दिनों की तैयारियों की कसौटी साबित होगा।
Reviewed by PSA Live News
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11:34:00 am
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