देशभर में फिर से बढ़ने लगा कोरोना का खतरा! महाराष्ट्र, केरल, दिल्ली और बिहार में तेजी से बढ़ रहे केस
— PSA Live News विशेष रिपोर्ट
नई दिल्ली, 31 मई 2025:
देश में एक बार फिर कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के 30 मई तक के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, भारत में एक्टिव कोविड-19 मामलों की संख्या बढ़कर 2,710 तक पहुंच चुकी है। महाराष्ट्र, केरल, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, बिहार और झारखंड जैसे राज्यों में नए मामलों ने प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है।
केरल बना हॉटस्पॉट, एक दिन में 227 नए केस
देशभर में सर्वाधिक एक्टिव कोविड केस केरल में सामने आए हैं। बीते 24 घंटे में यहां 227 नए संक्रमित पाए गए हैं, जिससे राज्य में कुल सक्रिय मरीजों की संख्या 1,147 हो गई है। केरल में संक्रमण का यह उभार एक बार फिर बताता है कि संक्रमण की चेन टूटने के बावजूद वायरस पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। राज्य सरकार ने टेस्टिंग, कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और होम आइसोलेशन पर जोर देने का निर्देश दिया है।
महाराष्ट्र में 84 नए मामले, कुल संक्रमित 681
महाराष्ट्र में शुक्रवार को कोविड के 84 नए मामले सामने आए हैं, जिससे साल 2025 में अब तक दर्ज मरीजों की संख्या 681 हो गई है। राज्य के सार्वजनिक आरोग्य विभाग के अनुसार, संक्रमितों में अधिकतर को हल्के लक्षण हैं और सभी को होम आइसोलेशन में रखा गया है। हालांकि, प्रशासन ने टेस्टिंग और निगरानी को बढ़ाने के संकेत दिए हैं। मुंबई, पुणे, नागपुर और ठाणे जैसे शहरी क्षेत्रों में संक्रमण की दर बढ़ने से प्रशासन अलर्ट मोड में आ गया है।
दिल्ली में 56 नए केस, सक्रिय मरीज 294
राजधानी दिल्ली में भी संक्रमण की रफ्तार में हल्की वृद्धि दर्ज की गई है। 30 मई को 56 नए मामले सामने आए, जिससे दिल्ली में एक्टिव केस की संख्या 294 तक पहुंच गई है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, अब भी अधिकांश मरीजों में लक्षण नहीं के बराबर हैं, लेकिन सार्वजनिक स्थलों पर मास्क और सैनिटाइज़र का उपयोग फिर से अनिवार्य किया जा सकता है।
पश्चिम बंगाल में 59 नए केस, राजस्थान में पहली मौत
पश्चिम बंगाल में 59 नए मामले सामने आए हैं, जिससे राज्य में सक्रिय मामलों की संख्या 116 हो गई है। वहीं, राजस्थान में अब तक 54 कोविड केस दर्ज किए गए हैं और एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है। राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह ने बताया कि जयपुर के एसएमएस अस्पताल में एक बच्चा भर्ती है, जो ओमीक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित पाया गया है, लेकिन उसकी स्थिति गंभीर नहीं है।
कर्नाटक में कोरोना से 3 मौतें, नया संकट?
कर्नाटक में कोरोना से मौतों का सिलसिला फिर शुरू हो गया है। मैसूर के एक निजी अस्पताल में 63 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई। उसे 15 मई को कोविड संक्रमण के लक्षणों के बाद भर्ती किया गया था। इसके साथ ही राज्य में इस वर्ष कोविड से मौतों की संख्या तीन हो चुकी है। राज्य सरकार ने 60 वर्ष से अधिक उम्र वालों के लिए बूस्टर डोज अभियान पुनः शुरू करने की योजना बनाई है।
बिहार में पटना बना संक्रमण का केंद्र, 7 नए केस
बिहार की राजधानी पटना में शुक्रवार को 7 नए कोरोना पॉजिटिव मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें तीन मरीज एनएमसीएच में और चार निजी लैब की रिपोर्ट में पॉजिटिव पाए गए हैं। जिले में अब तक कुल 17 सक्रिय मरीज सामने आ चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग ने ऑक्सीजन इंफ्रास्ट्रक्चर मॉकड्रिल की तैयारी पूरी कर ली है ताकि किसी आपात स्थिति में ऑक्सीजन की आपूर्ति में बाधा न आए।
झारखंड की राजधानी रांची में संक्रमण की दस्तक, कुल 3 केस
रांची में शुक्रवार को 15 लोगों की कोविड जांच की गई, जिसमें एक व्यक्ति की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इस तरह शहर में कुल संक्रमितों की संख्या 3 हो गई है। संक्रमित मरीज में लक्षण नहीं के बराबर हैं और वह होम आइसोलेशन में है। राज्य सरकार ने जिला अस्पतालों को सतर्क रहने का निर्देश दिया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय की चेतावनी और अपील
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने राज्यों को निर्देश दिया है कि वे बढ़ते मामलों को गंभीरता से लें, कोविड जांच की संख्या बढ़ाएं और अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट, बेड, दवाइयों और स्टाफ की उपलब्धता सुनिश्चित करें।
मंत्रालय ने जनता से भी अपील की है कि वे कोविड के सामान्य लक्षणों—बुखार, खांसी, गले में खराश, सांस लेने में तकलीफ—को नजरअंदाज न करें और समय पर जांच करवाएं।
क्या यह तीसरी लहर की आहट है?
विशेषज्ञों के अनुसार, वायरस की प्रकृति को देखते हुए यह संभव है कि कोरोना अवसरवादी रूप में लौटे, खासकर मानसून के दौरान जब वायरल संक्रमण बढ़ते हैं। हालांकि इस बार टीकाकरण और पूर्व संक्रमण से बनी प्रतिरोधक क्षमता बड़ी राहत है, फिर भी बुजुर्गों, बच्चों और पहले से बीमार व्यक्तियों के लिए खतरा बना हुआ है।
निष्कर्ष
देश में कोरोना की वापसी को हल्के में लेना घातक हो सकता है। वर्तमान में भले ही संक्रमण की रफ्तार सीमित हो, लेकिन इसमें तेजी आने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। सभी राज्यों को टेस्टिंग, ट्रैकिंग और ट्रीटमेंट की नीति को दोबारा सक्रिय करना होगा।
जनता को भी चाहिए कि वह सतर्क रहे, नियमों का पालन करे और लक्षण दिखने पर तुरंत जांच कराए।

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