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ब्राह्मणों का अपमान : भारत की आत्मा पर कुठाराघात!

 

️ अशोक कुमार झा 


भारत का इतिहास यदि एक शरीर है
, तो ब्राह्मण उसकी आत्मा हैं।

जिसने भारत को धर्म, ज्ञान, संस्कृति, शौर्य और राष्ट्रभक्ति दी वही ब्राह्मण आज अपने ही देश में अपमानित किया जा रहा है।

कभी ब्राह्मणों को राष्ट्र निर्माता कहा गया था, आज उन्हें दोषी और अत्याचारी बताने का कुचक्र रचा जा रहा है।
देश को इस पर गहन आत्मचिंतन करने की आवश्यकता है।

 इतिहास गवाह है: ब्राह्मण = बलिदान और समर्पण

भारत के हर युग में, ब्राह्मणों ने राष्ट्र और समाज के लिए अपना सर्वस्व अर्पित किया:

  • भगवान परशुरामअन्याय और अधर्म के विरुद्ध शस्त्र उठाने वाले प्रथम ब्राह्मण।
  • आचार्य चाणक्यजिन्होंने भारत को एकीकृत कर विदेशी आक्रमणकारियों को खदेड़ा।
  • स्वामी विवेकानंद जिन्होंने भारत की आध्यात्मिकता को विश्वमंच पर स्थापित किया।

ब्राह्मणों ने सदा सत्ता नहीं, सम्मान चाहा। सम्पत्ति नहीं, संस्कृति चाही।


 
स्वतंत्रता संग्राम में ब्राह्मणों का योगदान:

भारत की आज़ादी की लड़ाई में ब्राह्मणों का योगदान अतुलनीय है।
इतिहास साक्षी है कि 90% से अधिक क्रांतिकारी ब्राह्मण समुदाय से थे।

कुछ महान ब्राह्मण स्वतंत्रता सेनानी:

  •  चंद्रशेखर आज़ाद
  •  सुखदेव थापर
  •  विनायक दामोदर सावरकर (वीर सावरकर)
  •  बाल गंगाधर तिलक
  •  लाल बहादुर शास्त्री
  •  रानी लक्ष्मीबाई
  •  तात्या टोपे
  •  पंडित राम प्रसाद बिस्मिल
  •  पंडित मदन मोहन मालवीय

 इन्होंने जीवन की हर सुख-सुविधा त्याग दी, फांसी के फंदों को चूमा, गोलियों के सामने सीना तान कर खड़े रहे। पर आज, उन्हीं ब्राह्मणों के वंशजों को समाज में हाशिये पर डाल दिया गया है!

 आज का कटु यथार्थ: ब्राह्मण = शोषित, उपेक्षित वर्ग

  • 550 अंक लाने वाला ब्राह्मण बच्चा मेडिकल कॉलेज में प्रवेश नहीं पा सकता,
    जबकि 300-350 अंक लाने वाले आरक्षित वर्ग के बच्चे डॉक्टर बन जाते हैं।
  • शुलभ शौचालयों में काम करते हैं ब्राह्मण परिवारों के युवा।
  • बड़े सेठों के घरों में रसोइया और नौकर बनकर जीवन यापन कर रहे हैं।

क्यों? सिर्फ इसलिए कि वे ब्राह्मण हैं।

 ब्राह्मणों के खिलाफ सुनियोजित अपमान अभियान:

  • आज ब्राह्मणों को खुलेआम गालियां दी जाती हैं।
  • उनके ऊपर पेशाब करने जैसे अमानवीय बयान दिए जाते हैं।
  • सोशल मीडिया और राजनीति में ब्राह्मणों का मजाक उड़ाना एक 'ट्रेंड' बन चुका है।

कल्पना कीजिए:
यदि ऐसे शब्द किसी और समुदाय के खिलाफ बोले जाते, तो देश में आग लग जाती।
लेकिन ब्राह्मणों के खिलाफ बोलना अब 'लोकप्रियता' का साधन बन गया है।

 अब राष्ट्र को जागना होगा!

 ब्राह्मण का अपमान = भारत का पतन!
ब्राह्मण का सम्मान = भारत का उत्थान!

ब्राह्मण सिर्फ एक जाति नहीं है
ब्राह्मण भारतीय संस्कृति, राष्ट्रवाद, और अखंडता का जीवंत प्रतीक है। 


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"ब्राह्मण का सम्मान भारत का अभिमान!"

"जहाँ ब्राह्मण रोया, वहाँ भारत टूटा!"

"ब्राह्मणों को न्याय दो भारत को दिशा दो!"

"जो ब्राह्मण को अपमानित करे, उसे राष्ट्रद्रोही मानो!"

"ब्राह्मण का बलिदान याद रखो तभी भारत महान बनेगा!"

प्रिय भारतवासियों,

अब समय आ गया है कि हम ब्राह्मणों के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ आवाज उठाएं।
समाज को समझना होगा कि:

  • ब्राह्मण किसी भी जाति, धर्म या संप्रदाय के विरोधी नहीं हैं।
  • ब्राह्मण तो सदा से राष्ट्र के रक्षक रहे हैं।

आइए, हम सब मिलकर भारत के आत्मा ब्राह्मणों को उनका उचित सम्मान और अधिकार दिलाएं।

 जय भारत! जय ब्राह्मण तेज! 

 

ब्राह्मणों का अपमान : भारत की आत्मा पर कुठाराघात! ब्राह्मणों का अपमान : भारत की आत्मा पर कुठाराघात! Reviewed by PSA Live News on 10:04:00 am Rating: 5

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