लश्कर-ए-तैयबा का शीर्ष कमांडर अबू सैफुल्लाह सिंध में ढेर, भारत में तीन बड़े आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड था
पाकिस्तान के सिंध प्रांत में मारा गया भारत का मोस्ट वांटेड आतंकी
भारत में तीन बड़े आतंकवादी हमलों का मास्टरमाइंड अबू सैफुल्लाह, जिसे रजाउल्ला निजामनी के नाम से भी जाना जाता था, रविवार को पाकिस्तान के सिंध प्रांत के मतली इलाके में मारा गया। अज्ञात बंदूकधारियों ने उसे दिनदहाड़े गोली मार दी। इस घटना को लश्कर-ए-तैयबा के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि सैफुल्लाह भारत के खिलाफ कई आतंकी साजिशों में सक्रिय भूमिका निभा चुका था।
घटना का विवरण
रविवार को दोपहर अबू सैफुल्लाह अपने घर से निकला था। मतली के एक चौराहे के पास अज्ञात हमलावरों ने उसे घेरकर गोलियां चला दीं। सूत्रों के मुताबिक, हमले में सैफुल्लाह की मौके पर ही मौत हो गई। पाकिस्तान सरकार द्वारा उसे सुरक्षा मुहैया कराई गई थी, लेकिन इसके बावजूद वह हमले से नहीं बच सका।
भारत में इन आतंकी हमलों में थी भूमिका
अबू सैफुल्लाह ने भारत में कई बड़े आतंकी हमलों को अंजाम दिया था। इनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:
2001: रामपुर सीआरपीएफ कैंप पर हमला
इस हमले में कई सुरक्षाकर्मियों की जान गई थी। इसे भारतीय सुरक्षा प्रतिष्ठानों पर सबसे साहसी हमलों में गिना जाता है।2005: बेंगलुरु के भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) पर हमला
बेंगलुरु में हुए इस आतंकी हमले ने भारत के शिक्षण और अनुसंधान संस्थानों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए थे।2006: नागपुर में आरएसएस मुख्यालय पर हमला
नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के मुख्यालय पर हुए इस हमले की साजिश सैफुल्लाह ने रची थी।
कौन था अबू सैफुल्लाह?
अबू सैफुल्लाह, जिसे रजाउल्ला निजामनी के नाम से भी जाना जाता था, लश्कर-ए-तैयबा का शीर्ष कमांडर था। उसने नेपाल में लश्कर के मॉड्यूल को संचालित किया और भारत के खिलाफ आतंकी हमलों की साजिश रची। भारत की सुरक्षा एजेंसियों ने उसे मोस्ट वांटेड आतंकियों की सूची में शामिल किया था। नेपाल में सक्रियता के बाद वह पाकिस्तान में छिपा हुआ था।
लश्कर को बड़ा झटका
सैफुल्लाह की मौत से लश्कर-ए-तैयबा को रणनीतिक स्तर पर बड़ा नुकसान हुआ है। उसकी क्षमताओं और अनुभव के चलते वह लश्कर के लिए बेहद महत्वपूर्ण था। यह घटना भारत के लिए भी बड़ी सुरक्षा उपलब्धि के रूप में देखी जा रही है।
हत्या के पीछे के कारणों पर सस्पेंस
इस हत्या के पीछे अज्ञात बंदूकधारियों का मकसद फिलहाल स्पष्ट नहीं है। इसे आतंरिक गुटीय संघर्ष या सुरक्षा एजेंसियों की ओर से अंजाम दिए गए ऑपरेशन के हिस्से के रूप में देखा जा रहा है।
अबू सैफुल्लाह की मौत न केवल पाकिस्तान बल्कि भारत और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए महत्वपूर्ण है। यह लश्कर के भारत विरोधी नेटवर्क पर बड़ा प्रहार है। वहीं, यह घटना पाकिस्तान में आतंकी संगठनों के भीतर की अस्थिरता और उनके गुप्त संघर्षों की ओर भी इशारा करती है।

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