ब्लॉग खोजें

884वां खिचड़ी भंडारा श्रद्धा और भक्ति के साथ संपन्न

श्री लक्ष्मी वेंकटेश्वर (तिरुपति बालाजी) मंदिर में महाभोग अर्पित, 1500 श्रद्धालुओं ने ग्रहण किया प्रसाद


रांची, 21 जून
 । श्रीलक्ष्मी वेंकटेश्वर (तिरुपति बालाजी) मंदिर, दिव्यदेशम् में आज 884वां खिचड़ी भंडारा भक्ति, श्रद्धा और वैदिक परंपरा के साथ संपन्न हुआ। आयोजन की शुरुआत पंचरात्र आगम विधि से भगवान श्रीमन्नारायण के तिरूवाराधन के साथ हुई, जिसके अंतर्गत नित्यपूजा, विश्वरूप दर्शन और विधिवत मंत्रोच्चार द्वारा पूजा-अर्चना संपन्न की गई।

नारद पंचरात्र के अनुसार, श्रीमन्नारायण वेदों से भी परे, अगम्य और स्वेच्छामय सर्वेश्वर हैं। वे निर्गुण, नित्य, ज्योतिर्मय और सनातन स्वरूप हैं, जिनकी कृपा संपूर्ण सृष्टि पर होती है। भक्तगण अपनी श्रद्धा और कल्याण के लिए उन परमात्मा को अन्न मिश्रित सुपक्व खिचड़ी महाभोग अर्पित करते हैं, जिसे विशेष पुण्यदायक माना गया है।

आज के इस विशेष आयोजन में 1500 से अधिक भक्तों को खिचड़ी महाप्रसाद वितरित किया गया। मंदिर प्रांगण मंत्रोच्चार और घंटानाद से गुंजायमान हो उठा जब प्रभु को महाभोग अर्पित किया गया।

इस खिचड़ी महाभोग का आयोजन श्री ओमप्रकाश गारोदिया, उनकी धर्मपत्नी श्रीमती मंजू गारोदिया, तथा नारायण-तनुष झा (रांची निवासी) के सौजन्य से संपन्न हुआ। आयोजकों को मंदिर समिति की ओर से विशेष आभार प्रकट किया गया।


आज रविवार को श्रीवैष्णवों की योगिनी एकादशी व्रत का मान्य दिन

आषाढ़ कृष्णपक्ष की योगिनी एकादशी इस वर्ष 22 जून रविवार को मनाई जा रही है। चूंकि 21 जून को दशमी का मान अधिक था, अतः वैष्णव परंपरा अनुसार एकादशी व्रत रविवार को ही रखा जा रहा है।

योगिनी एकादशी को सनातन धर्म में अत्यंत पुण्यदायिनी माना गया है। यह व्रत तीनों लोकों में सारभूत और महापातकों के नाश के लिए प्रसिद्ध है। ऐसा माना जाता है कि यह एकादशी संसार सागर में डूबते प्राणियों के लिए एक दिव्य नौका के समान है, जो उन्हें भवसागर से पार कराती है।

इस व्रत के पालन से मनुष्य को पुण्य, शांति और आध्यात्मिक कल्याण की प्राप्ति होती है। श्रद्धालु इस अवसर पर उपवास, प्रभु स्मरण और सत्संग के माध्यम से अपने जीवन को धर्म और भक्ति से संवारते हैं।

884वां खिचड़ी भंडारा श्रद्धा और भक्ति के साथ संपन्न 884वां खिचड़ी भंडारा श्रद्धा और भक्ति के साथ संपन्न Reviewed by PSA Live News on 6:22:00 am Rating: 5

कोई टिप्पणी नहीं:

Blogger द्वारा संचालित.