रांची RIMS अस्पताल में पानी बना बीमारी की वजह, टंकियों में सड़ रहा है गंदा और बदबूदार पानी – 7 हजार लोगों की सेहत पर खतरा
रांची (झारखंड)। राज्य का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल रिम्स (राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान), जहां हर दिन लगभग 7 हजार मरीज और उनके परिजन इलाज के लिए पहुंचते हैं, अब पानी की भयावह स्थिति को लेकर सवालों के घेरे में है। अस्पताल परिसर की छतों पर लगी सीमेंटेड और प्लास्टिक की जल टंकियां इतनी गंदी हो चुकी हैं कि अब उनमें जमा पानी खुद बीमारी की जड़ बनता जा रहा है।
काला, हरा और बदबूदार पानी:
रिपोर्ट के अनुसार, इन टंकियों में जमा पानी काला, हरा और अत्यधिक बदबूदार है। कुछ टंकियों में काई की मोटी परतें जमी हैं, तो कहीं टंकी के ढक्कन ही नदारद हैं। मरीजों और उनके परिजनों ने बताया कि वे अब अस्पताल का पानी इस्तेमाल करने से डरने लगे हैं, क्योंकि इससे उल्टी, दस्त और त्वचा संबंधी रोग फैलने की आशंका है।
संस्थान में 50 से ज्यादा टंकियां, वर्षों से नहीं हुई सफाई:
रिम्स में 10 से अधिक बड़ी सीमेंटेड टंकियां हैं, जिनकी क्षमता करीब 10 से 12 हजार लीटर है। इसके अलावा अलग-अलग इमारतों की छतों पर करीब 40 प्लास्टिक की टंकियां हैं। हैरानी की बात यह है कि इन टंकियों की न तो समय-समय पर सफाई होती है और न ही इनके रख-रखाव की कोई सुसंगठित व्यवस्था है। कई टंकियों में ढक्कन तक नहीं हैं, जिससे खुले में धूल, कचरा, कीड़े और पक्षियों की गंदगी भी पानी में मिल जाती है।
मरीजों और परिजनों में बढ़ रही चिंता:
परिजनों का कहना है कि अस्पताल में तो बेहतर सुविधा और साफ-सफाई की अपेक्षा होती है, लेकिन यहां हालात इतने बदतर हैं कि पानी तक सुरक्षित नहीं। कई लोग बाहर से बोतलबंद पानी खरीदकर ला रहे हैं, जिससे उनके लिए इलाज का खर्च और बढ़ रहा है।
प्रशासन की अनदेखी:
RIMS प्रशासन की इस ओर लापरवाही चिंता का विषय बन चुकी है। न तो सफाई को लेकर कोई निर्धारित योजना है और न ही जल गुणवत्ता की समय-समय पर जांच होती है। यह स्थिति न केवल मरीजों की सेहत से खिलवाड़ है, बल्कि एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट का संकेत भी है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चेतावनी:
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि लंबे समय तक दूषित पानी के सेवन से गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल इंफेक्शन, टाइफाइड, हेपेटाइटिस-A जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। अस्पतालों में जल गुणवत्ता की निगरानी न होना एक गंभीर लापरवाही है।
राज्य के सबसे बड़े अस्पताल में अगर पानी जैसी बुनियादी सुविधा भी संक्रमण का कारण बन जाए, तो यह पूरी स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठाता है। अब देखना होगा कि रिम्स प्रशासन इस ओर कब जागता है और क्या प्रभावी कदम उठाए जाते हैं।

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