पटना, बिहार। आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग ने पूरी तैयारी शुरू कर दी है। मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने शुक्रवार को पटना में मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि राज्य में कुल 243 विधानसभा क्षेत्र हैं, और वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर, 2025 को समाप्त हो रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि चुनाव उससे पहले ही संपन्न करा लिए जाएंगे, ताकि नई विधानसभा समय पर गठित हो सके।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि इस बार बिहार में चुनावी प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, सटीक और तकनीकी रूप से सुदृढ़ बनाने के लिए कई नवाचार किए गए हैं। उन्होंने बताया कि चुनाव आयोग ने पहली बार बूथ-स्तरीय अधिकारियों (BLOs) को व्यवस्थित प्रशिक्षण प्रदान किया है, ताकि मतदान केंद्रों पर व्यवस्थाएं सटीक रूप से सुनिश्चित की जा सकें।
उन्होंने कहा कि स्पेशल समरी रिवीजन (SIR) अभियान 24 जून, 2025 को शुरू किया गया था, जो निर्धारित समय सीमा के भीतर सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। इस अभियान के तहत मतदाता सूची का अद्यतन, नए मतदाताओं का पंजीकरण, मृत अथवा स्थानांतरित मतदाताओं के नाम हटाने का कार्य सावधानीपूर्वक संपन्न किया गया।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि अब मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन निकट भविष्य में किया जाएगा। इसके बाद प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में मतदान केंद्रों का भौतिक सत्यापन और सुरक्षा आकलन किया जाएगा, ताकि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या अव्यवस्था की संभावना न रहे।
उन्होंने कहा कि बिहार में इस बार चुनाव आयोग का विशेष ध्यान समावेशी मतदान पर है। विशेष रूप से विकलांग, वृद्ध, महिला और प्रथम बार मतदान करने वाले युवाओं के लिए सुविधाएं बढ़ाई गई हैं। आयोग ने सभी जिलों को निर्देश दिया है कि शत-प्रतिशत मतदाता पहचान पत्र वितरण, मतदान केंद्रों की सुलभता और सुरक्षा व्यवस्था को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए।
ज्ञानेश कुमार ने कहा कि आयोग लोकतंत्र के इस महापर्व को पूरी निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ सम्पन्न कराने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने राज्य के सभी राजनीतिक दलों, प्रशासनिक अधिकारियों और मतदाताओं से आग्रह किया कि वे आचार संहिता का पालन करते हुए शांतिपूर्ण, स्वच्छ और जागरूक मतदान सुनिश्चित करें।
स्थानीय प्रशासन के साथ हुई उच्चस्तरीय बैठक में मुख्य चुनाव आयुक्त ने जिला निर्वाचन अधिकारियों, पुलिस अधीक्षकों और अन्य संबंधित पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि चुनाव प्रक्रिया के हर चरण में तकनीकी निगरानी और त्वरित कार्रवाई तंत्र को मजबूत किया गया है, जिससे किसी भी गड़बड़ी पर तुरंत कार्रवाई हो सके।
बिहार में इस वर्ष के अंत तक राजनीतिक सरगर्मियां तेज़ होने की उम्मीद है। चुनाव आयोग के अनुसार, सभी तैयारियाँ लगभग पूरी हैं और आगामी महीनों में चुनाव कार्यक्रम की औपचारिक घोषणा की जा सकती है।

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