केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने ‘एक्स’ (पूर्व ट्विटर) पर एक भावनात्मक पोस्ट जारी करते हुए बिहार की जनता से लोकतंत्र के महापर्व में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने की अपील की।
चिराग ने लिखा —
“प्रिय बिहारियों, लोकतंत्र के महापर्व ‘चुनाव’ की तारीखों की घोषणा हो चुकी है। पहला चरण 6 नवंबर और दूसरा चरण 11 नवंबर को होना है। परिणाम 14 नवंबर को आएंगे। अब समय है बिहार को राष्ट्रपटल पर नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का। इसके लिए जरूरी है कि हम सब अपने मताधिकार का प्रयोग करें और अधिक से अधिक मतदान करें।”
उन्होंने कहा कि बिहार का भविष्य हर नागरिक के एक-एक वोट से तय होगा। “आपका एक वोट बिहार की दिशा और दशा दोनों बदल सकता है। यह समय है विकास को चुनने का, जात-पात और भेदभाव से ऊपर उठकर ‘नए बिहार’ के निर्माण का।”
चिराग ने प्रवासी बिहारियों से भी विशेष अपील की —
“जो भी बिहार से बाहर हैं, वे अपने गृह जिला आकर मतदान जरूर करें। बिहार का विकास तभी संभव है जब हर बिहारी अपनी जिम्मेदारी निभाए। यह सिर्फ चुनाव नहीं, बल्कि बिहार के गौरव को पुनः स्थापित करने का अवसर है।”
उन्होंने कहा कि लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ के विजन के साथ चुनावी रणभूमि में उतर रही है। “हमारा संकल्प है कि बिहार में ऐसी सरकार बने जो हर युवा को रोजगार दे, हर किसान को सम्मान और हर नागरिक को सुरक्षा का विश्वास दिलाए। यही हमारे पिता रामविलास पासवान का सपना था, और यही हमारी प्रतिबद्धता है,” उन्होंने कहा।
राजग में एकजुटता और जोश का माहौल
राजग के शीर्ष नेताओं के इन बयानों से यह साफ है कि गठबंधन के घटक दल — भाजपा, जद(यू), हम और लोजपा(रा) — पूरी तरह से एकजुट होकर चुनावी रणभूमि में उतरने को तैयार हैं।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, और अब मांझी व चिराग पासवान — सभी नेताओं के बयान एक ही संदेश दे रहे हैं : “विकास, स्थिरता और आत्मनिर्भर बिहार।”
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस बार बिहार चुनाव में ‘विकास बनाम वादे’, ‘युवाओं के सपने बनाम जातीय समीकरण’, और ‘राजग की स्थिर सरकार बनाम विपक्ष की अस्थिरता’ के मुद्दे प्रमुख रहेंगे।
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