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दिनांक 05 जुलाई 2020

~ आज का पंचांग ~ 🌞ll
⛅ दिनांक 05 जुलाई 2020
⛅ दिन - रविवार
⛅ विक्रम संवत - 2077
⛅ शक संवत - 1942
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - आषाढ़
⛅ पक्ष - शुक्ल 
⛅ तिथि - पूर्णिमा सुबह 10:13 तक तत्पश्चात प्रतिपदा
⛅ नक्षत्र - पूर्वाषाढा रात्रि 11:02 तक तत्पश्चात उत्तराषाढा
⛅ योग - इन्द्र रात्रि 11:03 तक तत्पश्चात वैधृति
⛅ राहुकाल - शाम 05:33 से शाम 07:13 तक
⛅ सूर्योदय - 05:32
⛅ सूर्यास्त - 18:23 
⛅ दिशाशूल - पश्चिम दिशा में
⛅ व्रत पर्व विवरण -  गुरुपूर्णिमा, व्यासपूर्णिमा, ऋषि प्रसाद जयंती, संन्यासी चतुर्मासारम्भ, विद्यालाभ योग (05 एवं 06 जुलाई को केवल गुजरात एवं महाराष्ट्र में)
 💥 विशेष - रविवार और पूर्णिमा के दिन  तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
💥 रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)
💥 रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)
💥 स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए। इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं।

🌷 श्रावणमास 🌷
🙏🏻 श्रावण हिन्दू धर्म का पञ्चम महीना है। इस वर्ष 06 जुलाई 2020 सोमवार (उत्तर भारत हिन्दू पञ्चाङ्ग के अनुसार) से श्रावण का आरम्भ हो रहा है। श्रावण मास शिवजी को विशेष प्रिय है । भोलेनाथ ने स्वयं कहा है—
 🌷 द्वादशस्वपि मासेषु श्रावणो मेऽतिवल्लभ: । श्रवणार्हं यन्माहात्म्यं तेनासौ श्रवणो मत: ।।
श्रवणर्क्षं पौर्णमास्यां ततोऽपि श्रावण: स्मृत:। यस्य श्रवणमात्रेण सिद्धिद: श्रावणोऽप्यत: ।।
 ➡ अर्थात मासों में श्रावण मुझे अत्यंत प्रिय है। इसका माहात्म्य सुनने योग्य है अतः इसे श्रावण कहा जाता है। इस मास में श्रवण नक्षत्र युक्त पूर्णिमा होती है इस कारण भी इसे श्रावण कहा जाता है। इसके माहात्म्य के श्रवण मात्र से यह सिद्धि प्रदान करने वाला है, इसलिए भी यह श्रावण संज्ञा वाला है।
🙏🏻 श्रावण मास में शिवजी की पूजाकी जाती है | “अकाल मृत्यु हरणं सर्व व्याधि विनाशनम्” श्रावण मास में अकालमृत्यु दूर कर दीर्घायु की प्राप्ति के लिए तथा सभी व्याधियों को दूर करने के लिए विशेष पूजा की जाती है। मरकंडू ऋषि के पुत्र मारकण्डेय ने लंबी आयु के लिए श्रावण माह में ही घोर तप कर शिव की कृपा प्राप्त की थी, जिससे मिली मंत्र शक्तियों के सामने मृत्यु के देवता यमराज भी नतमस्तक हो गए थे।
🙏🏻 श्रावण मास में मनुष्य को नियमपूर्वक नक्त भोजन करना चाहिए ।
 ➡ श्रावण मास में सोमवार व्रत का अत्यधिक महत्व है
🌷 “स्वस्य यद्रोचतेऽत्यन्तं भोज्यं वा भोग्यमेव वा। सङ्कल्पय द्विजवर्याय दत्वा मासे स्वयं त्यजेत् ।।”
🙏🏻 श्रावण में सङ्कल्प लेकर अपनी सबसे प्रिय वस्तु (खाने का पदार्थ अथवा सुखोपभोग) का त्याग कर देना चाहिए  और उसको ब्राह्मणों को दान देना चाहिए।
🌷 “केवलं भूमिशायी तु कैलासे वा समाप्नुयात”
🙏🏻 श्रावण मास में भूमि पर शयन का विशेष महत्व है। ऐसा करने से मनुष्य कैलाश में निवास प्राप्त करता है।
➡ शिवपुराण के अनुसार श्रावण में घी का दान पुष्टिदायक है।
दिनांक 05 जुलाई 2020  दिनांक 05 जुलाई 2020 Reviewed by PSA Live News on 12:02:00 pm Rating: 5

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