नई दिल्ली / रांची। रांची के सांसद संजय सेठ ने लोकसभा सत्र के दौरान नियम 377 के तहत सदन के पटल पर देश में कॉमन सिविल कोड लागू किए जाने से संबंधित मामले पर सरकार का ध्यान आकर्षित किया सांसद श्री सेठ ने अपना वक्तव्य सदन के पटल पर रखा अपने वक्तव्य में श्री सेठ ने कहा कि एक तरफ देश में न्यायपालिका, प्रशासनिक व्यवस्था व सरकारों के समक्ष कामकाज का बोझ बढ़ा है तो दूसरी तरफ माननीय प्रधानमंत्री जी ने सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास का नारा दिया है। आज जरूरत इस बात की है कि इनके बीच सामंजस्य बनाया जाए।
श्री सेठ ने कहा कि सामंजस्य बनाने की राह में मुझे एक ही विकल्प दिखाई देता है, वह है कॉमन सिविल कोड। कॉमन सिविल कोड देश की जरूरत है ताकि पंथनिरपेक्ष इस देश में सभी नागरिकों के लिए भी एक कानून हो। नागरिक धार्मिक मान्यताओं पर अलग कानून का इस्तेमाल न करें। यदि देश पंथनिरपेक्ष है तो कानून व्यवस्था भी पंथनिरपेक्ष होनी चाहिए। इससे नागरिकों में कानून के प्रति भी समानता का बोध होगा और कोई पर्सनल लॉ जैसे कानूनों की आड़ में भारतीय कानून का मखौल नहीं उड़ा सकेगा। श्री सेठ ने सरकार से आग्रह किया कि सरकार इस दिशा में कदम बढ़ाए और कॉमन सिविल कोड को देश में लागू किया जाए।
श्री सेठ ने कहा कि यदि राष्ट्र एक है, यदि राष्ट्र पंथनिरपेक्ष है, तो यहां की कानून व्यवस्था भी पंथनिरपेक्ष होनी चाहिए। ताकि देश के नागरिक समान भाव से कानूनी व्यवस्था में रह सकें। कोई भी व्यक्ति या समूह धर्म या धार्मिक मान्यताओं की आड़ में भारतीय कानून व्यवस्था का मजाक नहीं उड़ा सके। और अपनी सुविधा अनुसार अपने धार्मिक नियम कानून और भारतीय नियम कानून का बेजा इस्तेमाल नहीं कर सके। इसलिए देश में कॉमन सिविल कोड अब बहुत जरूरी है।
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