अटलजी के जन्मदिवस को लेकर पूर्व मंत्री नितीश मिश्रा ने लिखी चिट्ठी, लोक संवेदना अभियान को पखवारा के तौर पर मनाने की मांग
संवाददाता - राजेश राज ।
पटना । बिहार के पूर्व मंत्री और बीजेपी विधायक नीतीश मिश्रा ने बिहार सरकार को फिर से आइना दिखाया है। सरकारी अधिकारी और कर्मचारियों में जनप्रतिनिधि के मान सम्मान का मामला उठाते हुए नीतीश मिश्रा ने मुख्य सचिव को चिट्ठी लिखी है। चिट्ठी में थोड़ा एंगल चेंज कर दिया है। दरअसल, आगामी 25 दिसम्बर 2021 को भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिवस को सुशासन दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसका उद्देश्य सरकारी प्रक्रिया को आम आदमी के लिए व्यावहारिक बनाकर एक पारदर्शी एवं जवाबदेह प्रशासनिक ढांचा बनाना है जो सर्वसुलभ हो ।
सरकारी कर्मियों द्वारा जनता एवं जनप्रतिनिधियों के साथ समुचित व्यवहार नहीं किये जाने से उत्पन्न असंतोष को दूर करने के व्यावहारिक समाधान के रूप में झंझारपुर के विधायक सह प्रदेश के पूर्व मंत्री और बिहार भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष नीतीश मिश्रा ने सुशासन दिवस पर बिहार में लोक संवेदना अभियान पखवारा मनाने के संबंध में मुख्य सचिव से पत्राचार किया है।
पूर्व मंत्री ने अपने पत्र में राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 3 दिसम्बर 2014 को जारी पत्र का उल्लेख करते हुए कहा है कि सभी विभागों के संबद्ध कार्यालय एवं जिलों में लोक संवाद अभियान प्रारंभ करने के संबंध में दिशा निर्देश निर्गत पूर्व में भी जारी किए गए है।
पूर्व मंत्री ने अपने पत्र में लिखा है कि बिहार सरकार सुशासन की सरकार का एक अनुपम उदाहरण है। सुशासन ही हमारी सरकार की विशेषता है। उन्होंने कहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न पं. अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म दिवस पर लोक संवेदना अभियान को पखवारा के रूप में मनाने का अनुपम अवसर है, ताकि राज्य से प्रखंड स्तर तक सभी सरकारी कर्मियों के व्यवहार में जनप्रतिनिधियों वृद्ध महिला निःशक्त, समाज के वंचित वर्ग और जनसाधारण के प्रति संवेदनशीलता लाई जाए।
नीतीश मिश्रा इससे पहले भी बिहार सरकार से उलझ चुके हैं। यहां तक की उनके एक सवाल का जवाब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिया था। विधानसभा के शीतकालीन सत्र मे पूर्व मंत्री नीतीश मिश्रा ने सवाल उठते हुए कहा था कि ग्रामीण कार्य विभाग की ओर से विधायकों को सूचना नहीं दी जाती है। सड़कों की जानकारी और बनने पर उद्घाटन की सूचना भी नहीं दी जाती है। सरकार को इसकी व्यवस्था तय करनी चाहिए ताकि विधायकों को सूचना मिल सके। मेरा हक है कि हम अपने क्षेत्र में हो रहे सड़क निर्माण की जानकारी लें।
उस समय मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आश्वासन की मांग के बाद सीएम नीतीश ने इस पूरे मामले पर कहा कि जिन लोगों ने सवाल उठाया, वो सभी मंत्री रहे हैं। हम इन लोगों से जानना चाहते हैं कि इनके मंत्री रहते समय क्या व्यवस्था थी। हमने बहुत पहले इसके निर्देश दे दिए थे, हम आपको याद करा दे रहे हैं। अगर कोई व्यवस्था बनी हुई थी, अगर उसकी अवहेलना हुई होगी, तो बताइयेगा।
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