संवाददाता - राजेश राज ।
पटना । पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी द्वारा ब्राह्मण समाज पर विवादित बयान दिए जाने के बाद आक्रोश बढ़ता जा रहा है। गया में 'ब्राह्मण एकता जिंदाबाद' के बैनर तले लोगों ने विष्णुपद मंदिर से आक्रोश मार्च निकाला और पुतला फूंका। पुतला दहन कार्यक्रम में शामिल स्थानीय पंडा समाज के प्रेमनाथ टैया ने कहा कि जीतनराम मांझी ने न सिर्फ ब्राह्मणों के ऊपर, बल्कि सनातन धर्म के विरोध में शर्मनाक बयान दिया है।
प्रेमनाथ टैया ने कहा कि जीतनराम मांझी गया जिले के निवासी हैं। उन्होंने पूरे ब्राह्मण समाज के ऊपर जो टिप्पणी की है, वह बर्दाश्त के काबिल नहीं है। हमलोग इसका पुरजोर विरोध करते हैं। साथ ही यह घोषणा करते हैं कि जीतनराम मांझी के मरणोपरांत उनके श्राद्ध से लेकर अन्य किसी भी कार्यक्रम में गया का कोई भी पंडा औार ब्राह्मण समाज शामिल नहीं होगा। इतना ही नहीं, मृत्यु के पश्चात होने वाले पिंडदान कार्यक्रम में भी गया के पंडा शामिल नहीं होंगे।
इस दौरान सर्वजन कल्याण शिक्षण संस्थान के सचिव निखिल कुमार ने कहा कि जीतनराम मांझी का यह बयान बहुत ही निंदनीय है। ब्राह्मण समाज एवं हिंदू धर्म के ऊपर इस तरह की बयानबाजी धार्मिक भावना पर चोट है। उन्हें किसी भी हालत में माफ नहीं किया जा सकता। यह बयान दर्शाता है कि उन्होंने अपना मानसिक संतुलन खो दिया है। किसी समाज के ऊपर इस तरह की बयानबाजी करना कहीं से भी सही नहीं है। इसके लिए वे माफी मांगें।
दरअसल, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी की जुबान शनिवार को फिसल गई थी। पटना में भुइयां समाज के मंच से बोलते वक्त उन्होंने ब्राह्मण समाज के लिए बहुत गलत भाषा का इस्तेमाल किया था। उनके इस बयान का वीडियो रविवार को वायरल हो गया। बयान पर बवाल मचने के बाद मांझी ने यूटर्न लिया और तुरंत माफी मांग ली। बयान के बाद उन्हीं की पार्टी HAM में खलबली मच गई है। राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान ने बयान जारी कर कहा कि मांझी के बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है। उनका यह मतलब नहीं था।
इसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने कड़ा ऐतराज जताया। कहा कि जीतनराम मांझी सठिया गए हैं। वे इस बयान को लेकर सार्वजनिक तौर पर माफी मांगे। उधर, JDU ने भी बयान को दुखद बताया है। कहा कि यह दुखद बयान है। किसी समाज को इस तरफ से आहत नहीं किया जा सकता है। यह गलत है।
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