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वर्तमान में पारंपरिक खेती के साथ आधुनिक खेती को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता - उपायुक्त

 


देवघर ।
उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी श्री मंजूनाथ भजंत्री ने देवघर प्रखंड के पदनबेरा (Padanbera) गांव में जेएसएलपीएस की दीदियों द्वारा स्ट्राबेरी की खेती को लेकर स्वयं सहायता समूह बनाकर किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए कहा है कि इस प्रकार का एक छोटा सा प्रयास एक साथ कई महिलाओं को अपने पैरों पर खड़ा कर देता है एवं इसका जीता-जागता उदाहरण समूह की महिलाएं हैं। यह हम सभी के लिए खुशी की बात है कि सभी के साझा प्रयास से स्वयं सहायता समूह की महिलाएं सशक्त हो रही हैं एवं दूसरों को भी अपने पैरों पर खड़ा होकर आगे बढ़ने हेतु प्रेरित कर रही हैं।  


ज्ञात हो कि देवघर प्रखंड के पदनबेरा (Padanbera) की स्वयं सहायता समूह की दीदियों द्वारा बतलाया गया कि वे लोग घर के काम-काज के बाद खाली बैठी रहती थी। खाली वक्त में कोई काम नहीं रहता था। ऐसे में जेएसएलपीएस से प्रशिक्षण प्राप्त कर हम सभी महिला किसानों ने स्वयं सहायता समूह बना कर स्ट्राबेरी की खेती शुरू की है। एक नई शुरुआत और नया अनुभव है हम सभी दीदियों के लिए, लेकिन हम सभी को अपनी मेहनत और बढ़ती फसल पर भरोसा है। इसलिए उम्मीद है कि स्ट्राबेरी की खेती से अच्छी आमदनी हो सकती है। दरअसल इन महिला समूहों को झारखंड राज्य आजीविका मिशन की ओर से पहले प्रोत्साहित किया गया। बाद में उपायुक्त श्री मंजूनाथ भजंत्री के निर्देशानुसार इन्हें इसकी खेती की बारीकियों का बाकायदा प्रशिक्षण दिया गया। इसके अलावे प्रशिक्षण मिलने के बाद जेएसएलपीएस द्वारा उन्हें स्ट्रॉबेरी के पौधे के अलावा खेती के लिए जरूरी आवश्यक उपक्रम दिए गए हैं। जिसके पश्चात दीदियों द्वारा स्वयं सहायता समूह के माध्यम से अपने गाँव पदनबेरा में स्ट्रॉबेरी की खेती शुरू कर दी गई। अच्छी बात है कि अब इनके पौधों में फल भी आने शुरू हो गए हैं। 



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