रांची। सामाजिक - राजनीतिक कार्यकर्ता एवं आओ कभी चौराहे पर मुहिम को शुरू करने वाले राजेश कुमार के नेतृत्व में हर शनिवार को अल्बर्ट एक्का चौक पर किये जाने वाले मुहिम 'आओ कभी चौराहे पर' के तहत इस शनिवार को रोजगार एवं युवाओं के आत्महत्या का मुद्दा प्रम्मुखता से उठाया गया।
राजेश ने कहा कि एक ओर सरकार के विभिन्न विभागों में लाखों पद रिक्त है, वहीं दूसरी ओर राज्य में कई लाख युवा बेरोजगार हैं और वर्षों से नौकरी पाने की आस में हताशा का शिकार हो रहे हैं। आलम यह है कि युवा आत्महत्या करने को विवश हो रहे हैं। चुनाव आते हीं रोजगार के वादे किये जाते हैं, थोड़ी कोशिश होती है। किन्तु चुनाव के बाद युवाओं के हाथ निराशा हीं लगती है। रोजगार अौर युवाओं के हत्या पर सरकार एवं जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी एवं उत्तरदायित्व तय होना चाहिये। जनता को भी विभिन्न माध्यमों के द्वारा सरकार अौर अपने जनप्रतिनिधियों से सवाल पुछना चाहिये। जनप्रतिनिधियों अौर सरकार से सवाल करना जनता का नागरिक दायित्व भी है अौर अधिकार भी।
सामाजिक कार्यकर्ता तौफिक अंसारी ने कहा कि राज्य के युवाओं को छला जा रहा है, बार - बार धोखा दिया जा रहा है। झारखंड में विकास के नाम पर अब तक बस नेताओं ने ठगा है, धोखा दिया है। उन्होंने हरमू नदी का मुद्दा उठाया अौर कहा कि सैकड़ों करोड़ खर्च किया गया,किन्तु हरमू नदी पहले से भी ज्यादा बदहाल हो गयी। यह कौन सा विकास है। नदी विलुप्ती की कगार पर है।
अभियान के तहत चौराहे पर ईशू कुमार, सुधांशु कुमार इत्यादि उपस्थित रहे।
राजेश पिछले 30 जनवरी से लगातार हर शनिवार को 'आओ कभी चौराहे पर' अभियान के माध्यम से व्यक्ति की स्वतंत्रता अौर अभिव्यक्ति की आजादी को केन्द्र में रखकर विभिन्न सवालों अौर मुद्दों को उठा रहे हैं।
सरकार एवं जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी अौर उत्तरदायित्व तय हो:- राजेश कुमार
Reviewed by PSA Live News
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8:12:00 pm
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