देश के नए संसद भवन का उद्घाटन समारोह संपन्न, केन्द्र सरकार के 9 साल भारत में नवनिर्माण और गरीब कल्याण के लिए समर्पित रहे हैं : पीएम मोदी
नई दिल्ली : देश के नए संसद भवन को पीएम मोदी ने राष्ट्र के नाम समर्पित किया. इससे पूर्व नए संसद भवन का उद्घाटन वैदिक विधि विधान और सर्व धर्म प्रार्थना के साथ किया गया.
राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पीएम मोदी, लोकसभा अध्यक्ष समेत सभी अतिथियों का स्वागत किया. इससे पहले पीएम मोदी, लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के उपसभापति की उपस्थिति में राष्ट्रगान किया गया.
राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का संदेश पढ़ा. उन्होंने कहा कि इस बात का संतोष है कि नए संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं. संसद का नया भवन नीतियों के माध्यम से हासिए पर पड़े हुए लोगों समेत सभी देशवासियों की आवश्यकताओं का सक्रियता से समाधान सुनिश्चित करेगा. ये लोकतंत्र का पालना है. हमारा देश लोकतांत्र के वैश्विक फैलाव के संरक्षण में सहायक रहा है.
पीएम ने संसद भवन केउद्घाटन के बाद अपने भाषण में कहा, आज इस ऐतिहासिक अवसर पर कुछ देर पहले संसद की नई इमारत में पवित्र सेंगोल की भी स्थापना हुई है. महान चोल साम्राज्य में सेंगोल को कर्तव्य पथ का, राष्ट्र पथ का प्रतीक माना जाता था. राजा जी और अधिनम के संतों के मार्ग दर्शन में यही सेंगोल सत्ता के हस्तातंरण का प्रतीक बना था.
पीएम मोदी ने कहा कि भारत न सिर्फ लोकतंत्र का सबसे बड़ा देश है. बल्कि मदर ऑफ डेमोक्रेसी भी है. यह वैश्विक लोकतंत्र की नींव भी है. लोकतंत्र हमारा 'संस्कार', विचार और परंपरा है.
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे पास 25 वर्ष का अमृत कालखंड है. इन 25 वर्षों में हमें मिलकर भारत को विकसित राष्ट्र बनाना है
पीएम मोदी ने इस दौरान अपने नौ साल की सरकार का रिपोर्ट कार्ड भी पेश किया. उन्होंने कहा कि अगर कोई एक्सपर्ट बीते हमारी सरकार के नौ साल का आकलन करे तो पाएगा कि ये 9 साल भारत में नवनिर्माण के रहे हैं. गरीब कल्याण के रहे हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि यह नया भवन हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के सपने को साकार करने का साधन बनेगा. यह नया भवन आत्मनिर्भर भारत के सूर्योदय का साक्षी बनेगा. यह नया भवन विकसित भारत के संकल्पों की सिद्धी होते हुए देखेगा.
प्रधानमंत्री ने कहा कि संसद भवन ने करीब 60,000 श्रमिकों को रोजगार देने का काम किया है. इनके श्रम को समर्पित एक डिजिटल गैलेरी भी बनाई गई है. आज जब हम लोकसभा और राज्यसभा को देखकर उत्सव मना रहे हैं तो मुझे संतोष है कि हमने देश में 30,000 से ज़्यादा नए पंचायत भवन भी बनाए हैं. पंचायत भवन से लेकर संसद भवन तक हमारी निष्ठा एक ही है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा आज नए संसद भवन को देखकर हर भारतीय गौरव से भरा हुआ है. इसमें वास्तू, विरासत, कला, कौशल, संस्कृति और संविधान भी है. लोकसभा का आंतरिक हिस्सा राष्ट्रीय पक्षी मोर पर आधारित है, राज्यसभा का आंतरिक हिस्सा राष्ट्रीय फूल कमल पर आधारित है. संसद के प्रांगण में राष्ट्रीय वृक्ष बरगद भी है.
बता दें कि नई संसद के इंटीरियर में तीन राष्ट्रीय चिह्न - कमल, मोर और बरगद का वृक्ष शामिल हैं, जो इसकी थीम हैं. नई संसद भवन का निर्माण टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड ने किया है.
नए संसद भवन में अपने भाषण को खत्म करने के बाद मोदी ने भारतीय डाक विभाग के स्मारक डाक टिकट जारी किया. इसके बाद उन्होंने भारतीय वित्त विभाग द्वारा तैयार किए गए 75 रुपये का सिक्का जारी किया.
समारोह के बाद पीएम मोदी ने कई सीनियर नेताओं के साथ बातचीत भी की, जिनमें पूर्व पीएम एचडी देवगौड़ा और पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी शामिल हैं. उसके बाद वह नए संसद परिसर से चले गए.
देश के नए संसद भवन के उद्घाटन पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पीएम मोदी ने नई संसद को राष्ट्र को समर्पित कर दिया है. यह भवन न केवल वह स्थान है जहां लोगों की आकांक्षाएं फलीभूत होंगी, बल्कि अमृत काल में हर क्षेत्र में उत्कृष्टता की दिशा में भारत की यात्रा की शुरुआत का प्रतीक भी है.
नई संसद की कुछ जानने योग्य बातें
नए संसद भवन को तिकोने आकार में डिजाइन किया गया है. अभी लोकसभा में 590 और राज्यसभा में 280 लोगों की सिटिंग कैपेसिटी है. जबकि नए संसद भवन की बात करें तो लोकसभा में 888 सीटें हैं और विजिटर्स गैलरी में 336 से ज्यादा लोगों के बैठने का इंतजाम है.
नए संसद भवन की बात करें तो लोकसभा में 888 सीटें हैं और विजिटर्स गैलरी में 336 से ज्यादा लोगों के बैठने का इंतजाम है. नई राज्यसभा में 384 सीटें हैं और विजिटर्स गैलरी में 336 से ज्यादा लोगों के बैठने की क्षमता है. दोनों सदनों के जॉइंट सेशन के वक्त लोकसभा में ही 1272 से ज्यादा सांसद साथ बैठ सकते हैं.
नए संसद भवन में अहम कामकाज के लिए अलग ऑफिस बनाए गए हैं, जो हाईटेक सुविधाओं से लैस हैं. कैफे, डाइनिंग एरिया, कमेटी मीटिंग के तमाम कमरों में भी हाईटेक इक्विपमेंट लगाए गए हैं. कॉमन रूम्स, महिलाओं के लिए लाउंज और VIP लाउंज की भी व्यवस्था की गई है.
नई संसद में संविधान हॉल भवन के बीचों बीच बना हुआ है. इसके ऊपर अशोकस्तंभ लगा है. कहा जा रहा है कि इस हॉल में संविधान की कॉपी रखी जाएगी. साथ ही महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सुभाषचंद्र बोस, देश के प्रधानमंत्रियों की बड़ी तस्वीरें भी लगाई गई हैं.
संसद के नवनिर्मित भवन को गुणवत्ता के साथ रिकॉर्ड समय में तैयार किया गया है. नई संसद केंद्र सरकार के सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का हिस्सा है. इसका निर्माण 15 जनवरी 2021 को शुरू हुआ था. इसे बनाने का टेंडर टाटा प्रोजेक्ट को साल 2020 के सितंबर में दिया गया था. नए संसद भवन के आर्किटेक्ट बिमल पटेल हैं. नया संसद भवन पूरी तरह से भूकंपरोधी है.
नए संसद भवन के निर्माण के लिए बलुआ पत्थर राजस्थान के सरमथुरा से, सागौन (टिक वुड) की लकड़ी महाराष्ट्र के नागपुर से मंगाई गई है. कार्पेट उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर से मंगवाए गए हैं. त्रिपुरा की राजधानी अगरतला से बांस की लकड़ी की फ्लोरिंग मंगवाई गई है.
त्रिपुरा की राजधानी अगरतला से बांस की लकड़ी की फ्लोरिंग मंगवाई गई है.स्टोन जाली वर्क्स राजस्थान के राजनगर और उत्तर प्रदेश के नोएडा से लिए गए हैं. अशोक प्रतीक को महाराष्ट्र के औरंगाबाद और राजस्थान के जयपुर से मंगवाया गया है. अशोक चक्र को मध्य प्रदेश के इंदौर से लिया गया है. लाल लाख राजस्थान के जैसलमेर से मंगवा गया है.
इसी राज्य के अंबाजी से सफेद संगमरमर पत्थर खरीदे गए हैं. केसरिया ग्रीन स्टोन उदयपुर से मंगवाया गया है. एम-सैंड को हरियाणा के चकरी दादरी, फ्लाई ऐश ब्रिक्स को एनसीआर हरियाणा और उत्तर प्रदेश से खरीदा गया था.
ब्रास वर्क और प्री-कास्ट ट्रेंच गुजरात के अहमदाबाद से लिए गए. एलएस/आरएस फाल्स सीलिंग स्टील संरचना दमन और दीव से ली गई. इसके अलावा भी अन्य चीजें देश विदेश से मंगाई गई हैं.
संसद के निचले सदन लोकसभा में लोकसभा अध्यक्ष के आसन के समीम पवित्र सिंगोल को रखा गया है. सिंगोल को सत्ता हस्तांतरण का प्रतीक माना जाता है. यह काम संसद में पहली बार हुआ है.
कोई टिप्पणी नहीं: