पत्रकारों का राष्ट्रीय
स्तर का संगठन जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ अनुराग
सक्सेना के निर्देशानुसार संस्था के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य अशोक झा
ने पत्रकारों की मूलभूत समस्याओं को लेकर माननीय प्रधानमंत्री के नाम एक 12 सूत्रीय मांगपत्र रांची के सांसद संजय सेठ को सौपा ।
इस पत्र के माध्यम से
संस्था द्वारा पूरे देशभर में पत्रकारों की मौलिक
समस्याओं की ओर माननीय प्रधानमंत्री का ध्यान आकृष्ट कराने प्रयास किया गया है, जिसका क्रमवार विवरण निम्नवत है :-
1)
राष्ट्रीय स्तर पर पत्रकार सुरक्षा
कानून लागू किया जाय,
2)
मीडिया आयोग का गठन किया जाय,
3)
पत्रकार कल्याण कोश का गठन किया
जाय,
4)
रेलवे में पत्रकारों के लिये
रियायती दर पर यात्रा की सुविधा को पूर्व की भांति बहाल किया जाय,
5)
राज्य परिवहन निगम की बसों में
पत्रकारों को निशुल्क यात्रा की सुविधा उपलब्ध कराया जाय,
6)
देश के सभी जिलों में सरकार
के द्वारा पत्रकार भवन का निर्माण कराया जाय,
7)
प्रधान मंत्री आवास योजना
के तहत गृह विहीन पत्रकारों को प्राथमिकता के तौर पर आवास उपलब्ध कराया जाय,
8)
एक निश्चित आयु (58 वर्ष)
के बाद पत्रकारों के लिये भी पेंशन योजना पूरे देश में लागू किया जाय,
9)
पत्रकारों के बच्चों को केंद्रीय
विद्यालय सहित पूरे देश के सभी सरकारी और निजी स्कूलों और कॉलेजों में नामांकन के
लिये कुछ सीटें आराक्षित किया जाय तथा शुल्क में भी रियायत दिया जाय,
10)
पत्रकारों और उसके आश्रितों
को यूपीएससी सहित सभी सरकारी नियुक्तियों में कुछ कोटा निर्धारित किया जाय,
11)
पत्रकारों के लिये ट्रेन और
हवाई यात्राओं में विशेष कोटा निर्धारित किया जाय,
12)
पत्रकारों और उसके आश्रितों
को देश के सभी निजी और अस्पतालों में इलाज की सुविधा सामान्य की तरह नहीं बल्कि विशेष
तौर पर दिया जाय, साथ ही जरूरत पड़ने पर एयर अंबुलेंस की सुविधा निशुल्क उपलब्ध कराई जाय।
उक्त मांगों पर सांसद ने पत्रकारों की आवाज़ को माननीय प्रधानमंत्री तक
पहुंचाने और इस पर सरकार के सकारात्मक पहल
का आश्वासन दिया।
मौके पर जेसीआई के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के पदाधिकारी अशोक झा ने कहा
कि पूरे देशभर मे पत्रकारों के ऊपर हमले हो रहे हैं । पत्रकार हमेशा अपनी जान को जोखिम
में डालकर राष्ट्र सेवा की भावना से कार्य करते हैं, जिसे कहीं माफियाओं द्वारा
तो कही नेताओं के गुर्गों द्वारा, तो कहीं सरकारी तंत्र के
द्वारा उत्पीड़न का शिकार बनाया जा रहा है जिसपर सरकार सहित सभी राजनीतिक दलों की
चुप्पी निराशाजनक है । आजकल सच्चाई को उजागर करने वाले कई पत्रकारों के ऊपर फर्जी मुकदमें
दर्ज कराये जा रहे है और पैसे और पावर के बदौलत पत्रकारों के कलम को रोकने का प्रयास
किया जा रहा है जो आने वाले समय में लोकतन्त्र के लिये बहुत बड़ा खतरा सवित हो सकता
है । उन्होने कहा कि जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंडिया पत्रकारों की समस्याओं को लेकर क्षेत्रीय
स्तर से राष्ट्रीय स्तर तक आवाज़ उठाती है और कलमकारों के सम्मान और हित के लिये संस्था
का यह आंदोलन तबतक निरंतर जारी रहेगा जबतक हमारी असली समस्याओं को सरकार सही अर्थों
में महसूस नहीं कर लेती।

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