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पलामू की एसपी रीष्मा रमेशन ने खेत में उतरकर की धान रोपनी, लोकसंस्कृति और कृषि से जुड़ाव का अनोखा संदेश

 


पलामू।
आमतौर पर जिला पुलिस अधीक्षक की छवि अनुशासन, आदेश और कानून व्यवस्था तक सीमित मानी जाती है, लेकिन पलामू की एसपी डॉ. रीष्मा रमेशन ने इस छवि को आज नए आयाम दिए। उन्होंने अपने आवासीय परिसर में पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ खुद खेत में उतरकर धान की रोपनी की। लोकगीत गाकर, पूजा-अर्चना कर, मिट्टी को प्रणाम कर जब एक महिला IPS अधिकारी ने हाथ में धान की बिचड़ियाँ लीं, तो वह दृश्य केवल एक सांस्कृतिक परंपरा का पालन नहीं बल्कि सामाजिक जागरूकता और स्थानीयता से गहरा जुड़ाव भी बन गया।

धार्मिक रीति-रिवाज से शुरू हुई परंपरागत रोपनी

एसपी रीष्मा रमेशन ने रोपनी की शुरुआत पूरी पारंपरिक विधि से की। उन्होंने खेत में प्रवेश से पहले भूमि पूजन किया, और फिर गांव की महिलाओं के साथ लोकगीतों की स्वर-लहरियों के बीच धान की रोपनी शुरू की। खेत की मिट्टी से जुड़ाव, ग्रामीण परिवेश की आत्मा को आत्मसात करने का यह उनका एक प्रयास था, जो पलामू के ग्रामीणों के दिल को छू गया।

सांस्कृतिक और सामाजिक संदेश

एसपी का यह कदम महज एक प्रतीकात्मक आयोजन नहीं था। यह कृषि कार्य की गरिमा को पुनर्स्थापित करने और ग्रामीण जीवनशैली के महत्व को रेखांकित करने का संदेश था। रोपनी के इस आयोजन से यह स्पष्ट संकेत गया कि शासन-प्रशासन की उच्च जिम्मेदारियों में रहते हुए भी एक अधिकारी यदि मिट्टी से जुड़ सकता है, तो समाज का हर वर्ग कृषि को सम्मान की दृष्टि से देख सकता है।

एसपी ने खुद कहा —
"धान की रोपनी सिर्फ एक कृषि कार्य नहीं, यह हमारी संस्कृति, आत्मनिर्भरता और श्रम की महत्ता का प्रतीक है। मुझे यहां की परंपराओं से जुड़कर बहुत संतोष हो रहा है।"

मानसून के साथ खेती जोरों पर

मानसून के आगमन के साथ ही पलामू सहित झारखंड के अन्य जिलों में धान की रोपनी का कार्य तेजी से चल रहा है। खेतों में हर ओर हरियाली और किसानों की व्यस्तता नजर आती है। ऐसे समय में जिले की सर्वोच्च पुलिस अधिकारी का खुद खेत में उतरकर रोपनी करना, एक सकारात्मक सामाजिक उदाहरण बन गया है।

ग्रामीणों में उत्साह, अधिकारियों में प्रशंसा

इस दृश्य को देखने वाले ग्रामीणों ने कहा कि यह पलामू के लिए गौरव का क्षण है। गांव की बुजुर्ग महिलाओं ने पारंपरिक गीतों के माध्यम से एसपी का स्वागत किया और साथ रोपनी भी की।

एक स्थानीय महिला किसान ने कहा —
"पहली बार कोई अधिकारी हमारे खेत के साथ जुड़ते दिखे हैं, वो भी बिना किसी दिखावे के। ये हमारे लिए गर्व की बात है।"

महिला सशक्तिकरण का भी संदेश

डॉ. रीष्मा रमेशन की यह पहल महिला सशक्तिकरण का भी एक सशक्त उदाहरण है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि महिलाएं किसी भी भूमिका में, चाहे वह पुलिस सेवा हो या कृषि कार्य — हर क्षेत्र में नेतृत्व करने में सक्षम हैं। खेत में काम करती एसपी की तस्वीरें अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं और लोग इसे प्रेरणादायक बता रहे हैं।

पुलिसिंग के साथ जन-संवाद का सेतु

पुलिस-जनता के बीच अक्सर एक दूरी बनी रहती है, लेकिन एसपी रीष्मा रमेशन का यह कदम न केवल इस दूरी को पाटता है बल्कि यह दिखाता है कि एक प्रशासनिक अधिकारी अपनी संवेदनशीलता और स्थानीय संस्कृति से जुड़कर सामाजिक विश्वास अर्जित कर सकता है।


PSA Live News | विशेष रिपोर्ट
संपादन: अशोक कुमार झा, प्रधान संपादक

पलामू की एसपी रीष्मा रमेशन ने खेत में उतरकर की धान रोपनी, लोकसंस्कृति और कृषि से जुड़ाव का अनोखा संदेश पलामू की एसपी रीष्मा रमेशन ने खेत में उतरकर की धान रोपनी, लोकसंस्कृति और कृषि से जुड़ाव का अनोखा संदेश Reviewed by PSA Live News on 8:38:00 pm Rating: 5

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