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श्रीस्वामी अनिरुद्धाचार्यजी महाराज रांची पहुंचे, तीन दिवसीय वार्षिकोत्सव में होंगे सहभागी

श्रीलक्ष्मी वेंकटेश्वर मंदिर, रांची में आध्यात्मिक उल्लास का माहौल


रांची।
श्रीधाम वृंदावन के विख्यात संत, जगद्गुरु रामानुजाचार्य श्रीस्वामी अनिरुद्धाचार्यजी महाराज आज अपने परिकरों सहित रांची पहुंचे। उनका आगमन श्रीलक्ष्मी वेंकटेश्वर मंदिर, हरमू रोड में आयोजित 18वें वार्षिकोत्सव सह कल्याणोत्सव के निमित्त हुआ है, जो 18 जुलाई से 20 जुलाई तक भव्य रूप से मनाया जाएगा। इस त्रिदिवसीय महोत्सव में स्वामीजी की मुख्य अध्यक्षता एवं आध्यात्मिक निर्देशन में सभी धार्मिक अनुष्ठान सम्पन्न होंगे।

तीन दिवसीय कार्यक्रम की रूपरेखा

🔸 शुक्रवार, 18 जुलाई:
महोत्सव की शुरुआत सायं 4:00 बजे से कलश स्थापना और यजमान संकल्पम के साथ होगी। श्रद्धालु बड़ी संख्या में इस शुभारंभ समारोह में सम्मिलित होकर धार्मिक ऊर्जा का अनुभव करेंगे।

🔸 शनिवार, 19 जुलाई:
इस दिन प्रातः 9:00 बजे से श्रीसुदर्शन महाहोमम का आयोजन होगा, जिसमें वैदिक विद्वान मंत्रोच्चार के साथ यज्ञ संपन्न करेंगे।
दोपहर 3:00 बजे भगवान श्रीलक्ष्मी वेंकटेश्वर नगर भ्रमण के लिए निकलेंगे। यह एक विशेष पहल है, जिससे वे भक्त जो किसी कारणवश मंदिर नहीं पहुंच सकते, उन्हें अपने घर-दुकान पर भगवान के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त होगा।

🔸 रविवार, 20 जुलाई:
महोत्सव का अंतिम दिन भगवान श्रीलक्ष्मी वेंकटेश्वर और महालक्ष्मी के कल्याणोत्सव को समर्पित होगा। यह एक अत्यंत शुभ एवं दुर्लभ अनुष्ठान है, जिसमें दिव्य दंपति का विवाहोत्सव वैदिक रीति-नीति से संपन्न होगा। श्रद्धालु इस अवसर पर विशेष आध्यात्मिक लाभ प्राप्त करेंगे।


स्वामीजी ने किया तैयारियों का निरीक्षण

रांची पहुंचने के उपरांत श्रीस्वामी अनिरुद्धाचार्यजी महाराज ने मंदिर परिसर और कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण किया और सभी तैयारियों पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने भक्तों से भी मुलाकात की और उन्हें महोत्सव में शारीरिक, मानसिक व आत्मिक रूप से उपस्थित रहने का आग्रह किया।

स्वामीजी ने अपने गुरुदेव परमहंस श्रीभगवानदासाचार्यजी महाराज के प्रति कृतज्ञता प्रकट करते हुए कहा –

“गुरुदेव के संकल्प और दिव्य दृष्टि के कारण ही रांची में इस दिव्य देश की स्थापना संभव हो पाई है। यहाँ भगवान श्रीलक्ष्मी वेंकटेश्वर सम्पूर्ण वैभव और अनंत कृपा के साथ विराजमान हैं और प्रतिदिन भक्तों के जीवन में शुभता का संचार कर रहे हैं।”


विशेष दर्शन: हरे-हनुमान और गरुड़ जी सेवा मुद्रा में विराजमान

इस वर्ष महोत्सव की विशेष बात यह है कि भगवान के परम कृपापात्र हरे-हनुमान जी एवं गरुड़ देव सेवा मुद्रा में मंदिर परिसर में विशेष रूप से विग्रह रूप में स्थापित किए गए हैं। यह अवसर भक्तों के लिए अत्यंत दुर्लभ और लाभदायक बताया जा रहा है।
स्वामीजी ने कहा –

“गुरुदेव हरे-हनुमान जी के चरणों में विराजमान हैं। यह अद्भुत दृश्य न केवल आत्मा को शांति देता है, बल्कि भक्तों के लिए विशेष फलदायक भी सिद्ध होता है।”

भक्तों से स्वामीजी की विशेष अपील

श्रीस्वामी अनिरुद्धाचार्यजी ने रांची सहित पूरे झारखंड, बिहार एवं आसपास के राज्यों के श्रद्धालुओं से वार्षिकोत्सव के सभी आयोजनों में सहभागिता की भावपूर्ण अपील की है। उन्होंने कहा कि यह केवल एक धार्मिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि भक्ति, सेवा, और संत-संग की त्रिवेणी है, जिसमें भाग लेकर भक्तजन अपने जीवन को पुण्य, शांति और आध्यात्मिक उत्थान की ओर अग्रसर कर सकते हैं।

 महोत्सव का महत्व

यह 18वां वार्षिकोत्सव न केवल मंदिर की स्थापना की स्मृति का उत्सव है, बल्कि एक ऐसा आध्यात्मिक पर्व है जो धर्म, संस्कृति, भक्ति और वेद परंपरा को जन-जन तक पहुँचाने का कार्य करता है।

श्रीलक्ष्मी वेंकटेश्वर मंदिर रांची धीरे-धीरे झारखंड का भक्ति और वेद संस्कृति का प्रमुख केन्द्र बनता जा रहा है, और इसका बड़ा श्रेय परम पूज्य स्वामी अनिरुद्धाचार्य जी महाराज जैसे संतों के मार्गदर्शन को जाता है।

श्रीस्वामी अनिरुद्धाचार्यजी महाराज रांची पहुंचे, तीन दिवसीय वार्षिकोत्सव में होंगे सहभागी श्रीस्वामी अनिरुद्धाचार्यजी महाराज रांची पहुंचे, तीन दिवसीय वार्षिकोत्सव में होंगे सहभागी Reviewed by PSA Live News on 10:32:00 pm Rating: 5

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