नहीं बन पाया जमी पर आशियाना परमात्मा के घर ही बनेगा अब उनका आशियाना, प्रधानमंत्री के सपनों के पंख काट रही उकलाना नगर पालिका गरीबों का आशियाना बनाना हुआ दूभर
हरियाणा/हिसार (राजेश सलूजा) :
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के गरीबों को आशियाना देने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना शुरू की थी जिसको लेकर सन् 2017 में उकलाना नगरपालिका क्षेत्र में घर-घर जाकर सर्वे किया गया था इस सर्वे में लगभग 1175 परिवारों को पात्र पाया गया था। तब प्रशासन की ओर से दावा किया गया था कि इन पात्र परिवारों को 2022 छत देने का काम किया जाएगा लेकिन कोरोना प्रकोप के चलते हुए यह अवधि 2024 तक बढा दी गई थी। इन गरीबो को छत देने के लिए उकलाना नगरपालिका के अभियान की बात करें तो जो आकड़े उपलब्ध हुए हैं उनके आधार पर यह साफ हो गया है कि उकलाना में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आम जनता के पास घर होने का सपना टांय टांय फिस्स हो गया है और जिस गति से यह योजना चल रही है उससे यह कहा जा सकता है कि यह सपना शायद 2047 तक भी पूरा ना हो। बता दें कि सन् 2019 में जुलाई माह में पात्र उम्मीदवारों को मकान बनाने के लिए स्वीकृति पत्र जून 2019 में देने शुरू किए और पहली किस्त पात्र व्यक्तियो को जारी की गई।
अब जमीनी का हकीकत की बात करें तो आज तक इन लगभग 1175 लोगों को पहली किस्त ही जारी नहीं हो पाई तीसरी किस्त की बात करें तो जिन लोगों को पहले और दूसरी किस्त जारी की गई आज तक उनको नहीं मिली। इंतजार ही इंतजार में आशियाना कहीं बनता हुआ नजर नहीं आया इतना ही नहीं इस आशियाने के इंतजार में अनेक आशियाने के पात्र तो परमात्मा को प्यारे हो गए कुछ को पहले व दूसरी किस्त मिली लेकिन तीसरी के इंतजार में वह भी परमात्मा के पास चले गए और प्रधानमंत्री के आशियाने के इंतजार में उनका सपना ही बना रह गया। यह गाथा आपको तब बता रहे हैं जब प्रधानमंत्री ने कोरोना के बाद में 2022 की बजाय 2024 तक आशियाना देने की बात कही थी। 2024 के मात्र चंद दिन रह गए वह कैसे आशियाना बनाएंगे अब आप स्वयं सोच सकते हैं अभी तक कोई ऐसी व्यवस्था दिखाई नहीं दे रही कि इन गरीबों को आशियाने के लिए किस्त कब मिलेगी ।
ऐसे भी परिवार हैं जिनको एक किस्त मिली और अपना पुराना आशियाना तोड़कर किराए पर बैठ गए जो आज तक आशियाना के लिए और व्यवस्था नहीं कर पाए और किराए में ही कर्ज़वान भी हो गए ऐसे पात्र लोग भी हैं जिन्होंने प्रधानमंत्री के इस सपने को पंख लगाते हुए अपने आशियाने का निर्माण तो कर लिया लेकिन ब्याज में इतने चले गए की जितनी किस्त नहीं आई उससे ज्यादा है ब्याज भी दे बैठे पर किस्त नहीं मिली।
सूत्र तो यह बताते हैं कि नगरपालिका प्रशासन को खुश करके जिन पत्रों ने पहली व दूसरी किस्त ली थी वह भी आज तक दूसरी व तीसरी किस्त नहीं ले पाए हालांकि किस्त में धांधली बाजी की कुछ लोगों ने शिकायत भी की थी लेकिन बाद में कुछ नहीं हुआ। अधिकतर ऐसे गरीब लोग हैं जिनको यह नहीं मालूम की शिकायत कहां होगी और किस्त कौन देगा इस मामले में भी है वर्षों से लोग अपने आशियाने के इंतजार में है क्योंकि ऐसे लोग हैं जिन्होंने सात वर्ष पहले आशियाना तोड़ा था लेकिन आज तक आशियाने की छत नहीं लगी। एक तरफ तो सरकार शुरुआत करने का दावा कर रही है लेकिन उकलाना नगर पालिका में प्रधानमंत्री आवास योजना पहले भी पूर्ण नहीं हो पाई।

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