राँची। झारखंड प्रदेश अंतर्गत प्रांतीय मुख्यालय शहर में अवस्थित राँची विश्वविद्यालय के कुलपति अजीत कुमार सिन्हा से झारखंड प्रदेश अतिथि शिक्षक संघ का प्रतिनिधि मंडल संघ के प्रदेश संयोजक डॉ. धीरज सिंह "सूर्यवंशी" के नेतृत्व में आज गुरुवार को मिला।इस दौरान डॉ. धीरज सिंह "सूर्यवंशी" ने कुलपति को ज्ञापन सौंपा एवं साथ ही डॉ. सूर्यवंशी ने कुलपति के समक्ष पिछले लगभग डेढ़ वर्षों से लंबित मानदेय की भुगतान अविलंब करने की बात रखी।डॉ. सिंह ने कहा की लंबे समय से विवि प्रशासन द्वारा मानदेय भुगतान के अभाव में समुचित इलाज नहीं हो पाने की वजह से गत दिनों संघ के अध्यक्ष के पुत्र "मासूम" तो वहीं पूर्व में एक अतिथि शिक्षिका असमय काल कवलित हो गयी।साथ ही डॉ. धीरज सिंह "सूर्यवंशी" ने माननीय झारखंड उच्च न्यायालय की गत 11 -07 -2024 एवं 09 दिसम्बर 2024 के याचिकाकर्ताओं- अतिथि शिक्षकों के संदर्भ में स्टे की राँची विवि के विभिन्न स्नातकोत्तर विभागों के विभागाध्यक्षों एवं अंगीभूत महाविद्यालयों के प्राचार्यों द्वारा अवमानना का मामला प्रमुखता से उठाया।इस मौके पर संघ के संयोजक डॉ. धीरज सिंह "सूर्यवंशी" ने कहा कि झारखंड प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग व विवि प्रशासन की अलोकतांत्रिक कार्यशैली एवं कार्यवाही से अतिथि शिक्षकों को अपूरणीय क्षति हुई है। संयोजक डॉ. धीरज सिंह "सूर्यवंशी" ने अतिथि शिक्षकों के संवैधानिक हक़ एवं अधिकारों को संरक्षित एवं संवर्धित करने की वकालत भी विवि प्रशासन के समक्ष प्रमुखता से रखी। ज्ञातव्य है संघ के संयोजक डॉ. धीरज सिंह "सूर्यवंशी" के द्वारा गत दिनों देश-प्रदेश के सभी प्रमुख नीति नियंताओं एवं प्रशासकों को अतिथि शिक्षकों की संवैधानिक मांगों से संदर्भित 30 सूत्री ज्ञापन-मेमोरेंडम प्रेषित किया है।इसी क्रम में गत दिनों महामहिम राज्यपाल संतोष गंगवार एवं आज पुनः कुलपति को ज्ञापन सौंपी गई।इस मौके पर जहाँ कुलपति कक्ष में कुलसचिव विनोद नारायण, प्रॉक्टर मुकुंद चंद मेहता एवं विवि पदाधिकारी सह डोरंडा महाविद्यालय के प्राचार्य राज कुमार शर्मा थे तो वहीं झारखंड प्रदेश अतिथि शिक्षक संघ प्रतिनिधि मंडल में संयोजक डॉ. धीरज सिंह "सूर्यवंशी",मो. तल्हा नदवी, राजू हजाम, विकास कुमार, शिव कुमार, विद्याधर मेहता, मो. आसिफ, नीहारिका महतो, दीपशिखा समदर्शी, डॉ.सुषमा साहू, डॉ.सुरभि,आलोक उत्पल, डॉ. कृष्णकांत, डॉ. अरविंद, डॉ. मुमताज, डॉ. हैदर, डॉ शाहबाज, आशीष कुमार आदि थे।

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