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केवल डिग्री लेना ही शिक्षा नहीं है - चीफ़ जस्टिस एम एस रामचंद्र राव

रांची। खेल का मैदान केवल प्रतियोगिताओं का स्थल ही नहीं, अपितु सपनों को सच करने की प्रयोगशाला है। यहाँ मेहनत, अनुशासन और जुनून की परीक्षा होती है।  इस खेल भावना को समर्पित *जवाहर विद्या मंदिर, श्मामली* का महा खेल-उत्सव *परवाज़ 2024-25* का अंतिम दिन उन छात्रों को समर्पित रहा जिन्होंने अपनी प्रतिभा और अथक परिश्रम से विद्यालय के परचम को बुलंद किया। 


कार्यक्रम का शुभारंभ *झारखंड उच्च न्यायालय के माननीय मुख्य न्यायाधीश श्री एम एस रामचंद्र राव* ने विद्यालय ध्वज का झंडोत्तोलन कर परेड निरीक्षण के साथ किया। वहीं एनएसएस, एनसीसी, तिलक, टैगोर, दयानंद और राजेंद्र सदन के छात्रों की टुकड़ियों ने विद्यालय के *स्पोर्ट्स कैप्टन मयंक कुमार और शिवांजलि पाठक* की अगुवाई में मार्चपास्ट द्वारा मंच पर बैठे विशिष्ट एवं सम्मानित अतिथि *श्रीमती इवा सरोच* , इस्पात महिला समिति, मेकॉन की अध्यक्षा *श्रीमती सोनी वर्मा* , मेकान के प्रोजेक्ट निदेशक *श्री प्रद्युम्न कुमार  दीक्षित, मुख्य सतर्कता अधिकारी डॉ सतीश कुमार* झारखंड अधिविद्य परिषद् के सचिव *श्री जयंत मिश्रा* , विद्यालय प्रबंधन समिति के  उपाध्यक्ष *श्री संदीप कुमार सिन्हा* तथा फिरायलाल पब्लिक स्कूल के प्राचार्य *श्री नीरज कुमार सिन्हा* , सेंट माइकल स्कूल के प्राचार्य *श्री सुभाष कुमार* , केंद्रीय विद्यालय हिनू के प्राचार्य श्री *चन्दन कुमार चौधरी*, केरली स्कूल के प्राचार्य *श्री राजेश पिल्लई,*  सेंट मेरी के प्राचार्या *श्रीमती रश्मि दीवान* एवं अन्य विद्यालयों के प्राचार्यों , उपप्रचार्यों एवं उपस्थित गणमान्य को सलामी दी। 


विद्यालय की *छात्रा प्रमुख कनिष्ठा बनर्जी* ने अभिभाषण और संगीत विभाग की गायन मंडली ने सुमधुर गीतों से गणमान्य अतिथियो का तहे दिल से  स्वागत गया।


तत्रश्चात् वार्षिक खेल दिवस के समापन दिन को विद्यालय की सफलता और उपलब्धियों को साझा करने का सर्वोत्तम मंच बताते हुए *प्राचार्य श्री समरजीत जाना* ने विद्यालय का वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत किया जिसमें उन्होंने विभिन्न प्रतियोगी परीक्षा तथा प्रतियोगिताओं में छात्र-छात्राओं की राजकीय, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए ज्ञान के इस मंदिर को सह शैक्षिक क्रियाकलापों के साथ मूल्यपरक, गुणात्मक व रचनात्मक शिक्षण के लिए कृतसंकल्पित बताया। उन्होंने कहा कि हमारा खेल-उत्सव *परवाज़ का अर्थ होता है - उड़ान* । यह वह क्षेत्र है जहाँ एकेडमिक, स्पोटर्स, सेवा, सामाजिक, सुरक्षा आदि हर क्षेत्र में उड़ान भरते हैं। जब शिक्षा और खेल का सामंजस्य तरीके से एकीकरण होता है तब बालक के मन, शरीर और चरित्र को आकार दिया जाता है। शिक्षा एक बच्चे में जहाँ बौद्धिक प्रगति की नींव रखता है वहीं खेल बच्चों के शारीरिक और भावनात्मक कल्याण के लिए एक गतिशील उत्प्रेरक के रूप में कार्य करता है। जेवीएम, श्यामली की यात्रा केवल पाठ्यपुस्तकों और कक्षाओं तक सीमित नहीं है बल्कि यह अद्वितीय और निरंतर गतिशील अभियान है जो ज्ञान, चरित्र निर्माण और आत्मखोज के डगर की ओर पल्ल्वित और पुष्पित होता रहता है। 


ज़िंदगी को खुद के नज़रिये से देखते हुए  एलकेजी से दूसरी कक्षा तक के *एकह्त्तर* नन्हें-मुन्हों ने *'सपनों की उड़ान'* तथा हाथों में प्लेंक कार्ड और हुलाहूप्स लिए कक्षा तीन से पाँचवीं *दो सौ बहत्तर*  तक के नौनिहालों ने *'हाई स्टेप्पर्स'* द्वारा टीम वर्क, एकता, अनुशासन और समर्पण की भावना को स्पंदित किया। 


इसी बीच छात्रों की बौद्धिक चेतना और विचारों को दिशा देती विद्यालय की *वार्षिक पत्रिका 'सृजन'* का उपस्थित गणमान्यों द्वारा विमोचन किया गया।  


विभिन्न योग आसनों, बीस प्रकार के एरोबिक्स और पिरामिड एक  कुशलतापूर्वक प्रदर्शन करते हुए शारीरिक व्यायाम और फिटनेस को सुखद जीवन शैली का मूलमंत्र बताते हुए कक्षा छठी से ग्यारहवीं की *सत्तर* छात्राओं  ने *'फिट बीट'* प्रस्तुत किया। 


नारंगी, हरे, पीले और गुलाबी रंगों के परिधानों में छठी से बारहवीं की  *एक सौ बारह* छात्राओं का सामूहिक नृत्य प्रदर्शन *'रिदमिक स्पेक्ट्रम'*  खुशियों से ओत-प्रोत जीवन के सतरंगी आयामों को समर्पित था। इस सामूहिक नृत्य में छात्राओं की लय, ताल, क्रमबद्धता देखते बनता था।


इस खेल दिवस में बालक और बालिका वर्ग मन सब जूनियर, जूनियर और सीनियर छात्रों लय 100 मीटर, 200 मीटर, 400 मीटर, 600 मीटर, 1500 मीटर, रिले रेस ने मन मोहा तथा विद्यालय शिक्षिकाओं की 'बॉम्बिंग दी कॉनिनेंट' खेल, आया दीदियों के लिए 'स्लो वॉक रेस', पूर्ववर्ती छात्रों, अभिभावकों और  शिक्षकों की 100 मीटर की दौड़ आकर्षण का केंद्र बने। इस मौके पर उपस्थित दर्शकों ने तालियों के माध्यम से प्रतिभागियों का जमकर उत्साह बढ़ाया।


व्यक्तिगत प्रतिस्पर्धा में सब जूनियर ग्रुप के बालक वर्ग में *विप्लव राज* , बालिका वर्ग में हर्षिका कुमारी , जूनियर ग्रुप के बालक वर्ग में *देवर्ष पांडेय* और बालिका वर्ग में *सृष्टि रत्न उड़ाँव* , सीनियर ग्रुप के बालक वर्ग में *प्रखर भारती और वेदांश गौरव*  और बालिका वर्ग में *आराध्या खन्ना*  को व्यक्तिगत चैपियनशिप का खिताब मिला। वहीं *अस्मि सिंह और तुही देव को  एथलीट आफ द ईयर* के खिताब से नवाजा से गया। इन्हें मंच पर मुख्य अतिथि के कर कमलों द्वारा पदक, मैडल और प्रमाण पत्र देकर पुरस्कृत किया गया। 


 सामूहिक प्रतिस्पर्धा में चेस में राजेंद्र सदन, कैरम में तिलक सदन, वॉलीबॉल में राजेंद्र , खो-खो में राजेन्द्र व टैगोर सदन, कबड्डी में टैगोर सदन, बास्क़ेट बॉल में तिलक तथा आफ ऑफ वॉर में दयानंद सदन विजेता बने।

 

प्रतियोगिता में राजेंद्र सदन 612 अंको के साथ ओवरऑल चैंपियनशिप के खिताब पर कब्ज़ा   जमाया वहीं तिलक  सदन 586 अंको के साथ उप विजेता बने। 


 बेस्ट डिसिप्लिन हाउस का पुरस्कार राजेंद्र सदन को मिला तथा तिलक सदन बेस्ट मार्चपास्ट करने वाले सदन बने। 


मुख्य अतिथि  *माननीय मुख्य न्यायाधीश श्री एम एस रामचंद्र  राव* ने जवाहर विद्या मंदिर, श्मामली को शिक्षा, संस्कार और खेल कूद के साथ बच्चों का सर्वागीण विकास करने वाला *श्रेष्ठ शिक्षा संस्थान* बताया। छात्रों की सफलता, शिक्षकों की गुणवत्ता उजागर करती है। विद्यालय में निरंतर खेलों के आयोजन से भविष्य के चैंपियन मिलते हैं। खेलकूद मानसिक और शारीरिक विकास के लिए अति आवश्यक है । उन्होंने सफल आयोजन के लिए विद्यालय परिवार का धन्यवाद व आभार ज्ञापित कर बच्चों को प्रेरित करते हुए प्लूटो, मार्टिन लूथर किंग जैसे विद्वानों के कथन को उदृत करते हुए गुणात्मक शिक्षण पर प्रकाश डाला। केवल डिग्री लेना ही शिक्षा नहीं है। उन्होंने छात्रों को ड्रग, नशा, डिजिटल मीडिया का दुरप्रयोग, अपराध से दूर रहकर छात्रों को समय प्रबंधन, आतमानुशासन में रहकर सामाजिक उत्थान में भागीदारी के लिए प्रेरित किया। 


अंत मे छात्र प्रमुख अभिनव चंद्रा ने मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि, सम्मानित अतिथि, विभिन्न विद्यालयों के प्राचार्य, मीडिया कर्मी, शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारियों, अभिभावकों, वोलेंटियर आदि के प्रति सफल समारोह आयोजन हेतु धन्यवाद ज्ञापित किया।

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