रांची। दिव्यदेशम् श्रीलक्ष्मी वेंकटेश्वर (तिरुपति बालाजी ) मंदिर में 28 जुलाई सोमवार को दक्षिण भारत की प्रसिद्ध कवियित्री ,द्वादश आलवारों में एक महिला आलवार संत और श्रीभूमि देवी लक्ष्मीजी की अवतारिका श्रीआण्डाल ( गोदांबा )देवी की प्रकाट्योत्सव पूरे दक्षिणात्य पद्धति तथा वेदोपचार विधि - विधान से मनाया गया ।
इस परम पावन अवसर पर सर्वप्रथम कलयुग में दर्शन मात्र से ही करोड़ों पापों का अपहरण करने वाले भगवान् श्रीमन्नारायण श्रीहरि वेंकटेश्वर का विश्वरूपदर्शन , सुप्रभातम् , मंगलाशासनम् तथा नित्याराधन संपादन हुआ । इसके पश्चात् दूध, दही ,शहद , हरिद्राचूर्ण , चंदन ,गंगाजल ,नारियलयुक्त जल और केसर घोल से महाभिषेक हुआ। सुश्राव्य वेदध्वनियों के साथ क्रमानुसार सहस्त्रधारा, शंखधारा, चक्रधारा और कलशधारा से महाभिषेक कराया गया । तदनन्तर अगणित ब्रह्माण्डों के स्वामी श्रीतिरुपति बालाजी समेत श्री श्रीदेवीजी श्रीभूमिदेवीजी लक्ष्मियां आदि सभी विग्रहों को रेशमी वस्त्रों और सद्भूषणों से सुसज्जित करके महाआरती हुयी । फिर भगवान् का हृदयाह्लादकारक श्रुति - स्मृति उपनिषद और देशिक स्तोत्राणि आदि मंत्रों के दिव्य मंगलध्वनियों से महास्तुति की गयी और खीर , आलू पकौड़ा, फल एवं शक्कर पोंगल का बालभोग निवेदन हुआ ।
इसके बाद भूस्तुति ,गोदास्तुति , श्रीस्तुति , गोदास्टक और गोदा - रंगनाथ मंगलाशासनम आदि मंत्रों से श्रीआंडाल ( गोदा )देवी का प्रकाट्य महोत्सव मनाया गया ।
अनुष्ठान के सारे विधि -विधान अर्चक : श्री सत्यनारायण गौतम श्री गोपेश आचार्य और श्रीनारायण दास जी ने मिलकर संपन्न कराया ।
उपस्थित रहे सर्वश्री : राम अवतार नरसरिया,अनूप अग्रवाल, रंजन सिंह , शंभू नाथ पोद्दार, सीता शर्मा, यशोदा देवी, भोलानाथ बरनवाल, सीतू वर्मा आदि हजार की संख्या में भक्तों ने दर्शन , प्रणाम , पूजा और प्रदक्षिणा कर मंगल प्रार्थना किया।

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