नई दिल्ली। हिंदुस्तान एक बार फिर कोरोना वायरस के संक्रमण की चपेट में आता दिख रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, देश में कोविड-19 के एक्टिव मामलों की संख्या 1200 के पार पहुंच चुकी है, जो कि बीते कुछ हफ्तों में दर्ज की गई एक चिंताजनक वृद्धि है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस उभार के पीछे कोरोना वायरस का नया वेरिएंट JN.1 है, जो ओमिक्रॉन का एक अत्यंत संक्रामक स्ट्रेन है।
कोरोना मामलों में फिर से इजाफा, दक्षिण भारत बना हॉटस्पॉट
बुधवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, केरल में सबसे अधिक 430 एक्टिव केस दर्ज किए गए हैं, जो राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए नई चुनौती बन सकते हैं। इसके बाद महाराष्ट्र में 208 केस और दिल्ली व कर्नाटक में 100 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं।
बिहार और पूर्वोत्तर राज्यों में भी दस्तक
हालांकि अब तक कोरोना की मुख्य लहर दक्षिणी और पश्चिमी राज्यों में केंद्रित रही है, लेकिन अब बिहार और अरुणाचल प्रदेश जैसे राज्यों में भी नए मामले सामने आने लगे हैं। बीते 24 घंटों में बिहार में 6 नए मरीजों की पुष्टि हुई है जबकि अरुणाचल प्रदेश में 1 संक्रमित पाया गया है। इन आंकड़ों से संकेत मिलता है कि वायरस की यह लहर धीरे-धीरे पूरे देश में पांव पसार रही है।
क्या है JN.1 वेरिएंट? कितना खतरनाक है?
विशेषज्ञों के अनुसार, JN.1 वेरिएंट, ओमिक्रॉन के BA.2.86 सब-वेरिएंट का ही एक रूप है, जिसे वैज्ञानिक समुदाय में 'पिरोला' के नाम से भी जाना जाता है। इसमें लगभग 30 जेनेटिक म्यूटेशन देखे गए हैं, जो इसे ना सिर्फ तेजी से फैलने में सक्षम बनाते हैं बल्कि इसे इम्यून सिस्टम से बच निकलने में भी मदद करते हैं।
AIIMS के पूर्व निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा,
“JN.1 वेरिएंट फिलहाल दुनिया भर में प्रमुखता से फैल रहा है। इसमें कुछ ऐसे जीन परिवर्तन हुए हैं जो इसे बहुत ही तेजी से फैलने में सक्षम बनाते हैं। हालांकि राहत की बात यह है कि अधिकांश लोगों में पहले के संक्रमणों या वैक्सीनेशन के कारण कुछ हद तक प्रतिरोधक क्षमता बनी हुई है।”
चंडीगढ़ में कोविड से इस साल की पहली मौत
बढ़ते संक्रमण के बीच चंडीगढ़ से एक दुखद खबर सामने आई है, जहां लुधियाना निवासी एक 40 वर्षीय व्यक्ति की कोरोना संक्रमण के कारण मौत हो गई। उन्हें सांस लेने में तकलीफ के चलते सेक्टर-32 स्थित गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। यह मामला 2025 में चंडीगढ़ में कोविड से दर्ज की गई पहली मौत है।
स्वास्थ्य मंत्रालय और ICMR की सतर्कता
ICMR के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल ने स्पष्ट किया है कि अब तक जितने भी मामले सामने आए हैं, उनमें अधिकांश गंभीर श्रेणी के नहीं हैं।
उन्होंने कहा,
“हम संक्रमण की रफ्तार को लेकर सतर्क हैं लेकिन अभी तक किसी बड़ी लहर के संकेत नहीं मिले हैं। जो मरीज आ रहे हैं, उनमें ज्यादातर को अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत नहीं पड़ रही।”
क्या है अभी की स्थिति और सरकार की तैयारी?
स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से राज्यों को अलर्ट पर रहने की सलाह दी गई है। खासकर हवाई अड्डों, अस्पतालों और सार्वजनिक स्थानों पर सतर्कता बढ़ाई जा रही है। कुछ राज्यों में फिर से मास्क की सिफारिश की गई है, खासकर बुजुर्गों और रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी वाले लोगों के लिए। दिल्ली, महाराष्ट्र, कर्नाटक और केरल जैसे राज्यों ने टेस्टिंग और ट्रैकिंग की प्रक्रिया को फिर से तेज़ कर दिया है।
टीकाकरण बना बड़ी ढाल
इस बार का संक्रमण अब तक उतना घातक नहीं दिख रहा है और इसका एक प्रमुख कारण देश में व्यापक स्तर पर हुआ टीकाकरण अभियान माना जा रहा है। भारत में अब तक 220 करोड़ से अधिक वैक्सीन डोज़ दी जा चुकी हैं, और विशेषज्ञों का कहना है कि यही बड़ी वजह है कि नया वेरिएंट लोगों को गंभीर रूप से प्रभावित नहीं कर पा रहा है।
देश में कोरोना के मामले भले ही अभी नियंत्रण में दिख रहे हों, लेकिन JN.1 जैसे नए और तेजी से फैलने वाले वेरिएंट की मौजूदगी आने वाले समय के लिए एक चेतावनी है। सरकार और नागरिकों दोनों को चाहिए कि वे सतर्कता, सावधानी और सजगता को बनाए रखें। मास्क पहनना, हाथ धोना और भीड़-भाड़ से बचना अब भी सबसे कारगर उपाय हैं।
याद रखें, कोरोना गया नहीं है — वह सिर्फ धीमा पड़ा है।
रिपोर्ट:- विशेष संवाददाता।

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