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"मेरे पास और भी काम हैं": शशि थरूर का कांग्रेस नेताओं को करारा जवाब | पार्टी के भीतर उठा बवंडर


 नई दिल्ली, 29 मई — कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद डॉ. शशि थरूर ने पार्टी के भीतर से उठी आलोचनाओं का डटकर और दोटूक अंदाज़ में जवाब दिया है। थरूर ने स्पष्ट कहा है कि आलोचक चाहे पार्टी के भीतर हों या बाहर, वे अपनी राय रखने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन उन्हें खुद को यह भी याद दिलाना चाहिए कि हिंदुस्तान और पार्टी—दोनों के सामने इससे कहीं ज़्यादा अहम चुनौतियां और ज़िम्मेदारियां हैं।

"आप आलोचना के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन मेरे पास करने को और भी काम हैं": थरूर

थरूर ने अपने आधिकारिक बयान में कहा, "ट्रोलर्स और आलोचक मेरी बातों को तोड़-मरोड़ कर पेश कर सकते हैं। यह उनका अधिकार है, लेकिन मैं उनसे उलझने के बजाय देश और पार्टी के लिए अपना काम करना पसंद करता हूं। मेरे पास करने के लिए और भी ज़रूरी काम हैं।"

यह बयान उस समय आया है जब थरूर हाल ही में केंद्र सरकार की ओर से विदेश भेजे गए एक संसदीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करके अमेरिका, गुयाना, पनामा जैसे देशों से लौटे हैं। उन्होंने इन मंचों पर आतंकवाद, वैश्विक कूटनीति और दक्षिण एशिया में स्थिरता के मुद्दों पर हिंदुस्तान की बात बेबाकी से रखी। विशेष रूप से पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर उन्होंने जो सख्त रुख अपनाया, उसकी दुनियाभर में सराहना हुई। लेकिन यही तेवर अब उनकी अपनी पार्टी के कुछ नेताओं को रास नहीं आ रहे।

उदित राज का हमला: "थरूर को बीजेपी का सुपर प्रवक्ता बना देना चाहिए"

कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद डॉ. उदित राज ने शशि थरूर की हालिया विदेश यात्रा और उनके पाकिस्तान विरोधी बयानों पर सीधा हमला करते हुए कहा, "थरूर को प्रधानमंत्री मोदी का ‘बीजेपी सुपर प्रवक्ता’ घोषित कर देना चाहिए। बेहतर तो ये होगा कि विदेश से लौटने से पहले ही उन्हें भारत का विदेश मंत्री बना दिया जाए।"

उदित राज का यह बयान उस समय आया जब शशि थरूर ने पुलवामा, उरी और पहलगाम जैसे आतंकी हमलों के बाद पाकिस्तान पर की गई मोदी सरकार की सर्जिकल स्ट्राइक की सार्वजनिक रूप से सराहना की। उदित राज ने तंज कसते हुए पूछा, "आप कांग्रेस पार्टी में रहकर, जो आपको इतना कुछ देती है, उसी के खिलाफ कैसे बोल सकते हैं?"

पार्टी में ही क्यों हो रही है थरूर की आलोचना?

थरूर का कद न केवल विदेश नीति और वैश्विक मामलों पर उनकी पकड़ के कारण बढ़ा है, बल्कि उनके स्पष्ट विचार और दोटूक शैली भी उन्हें कांग्रेस के भीतर एक अलग मुकाम पर रखते हैं। लेकिन यही स्पष्टवादिता अब उनके लिए अंदरूनी राजनीतिक झंझटों का कारण बन रही है। केरल कांग्रेस के कई नेता भी उनके खिलाफ नाराजगी जता चुके हैं, जो उनकी बढ़ती लोकप्रियता और अलग-अलग मंचों पर सक्रियता को 'एकतरफा लाइन' करार दे रहे हैं।

हालांकि पार्टी के भीतर एक बड़ा तबका यह भी मानता है कि थरूर जैसी वैश्विक सोच और कूटनीतिक समझ रखने वाले नेता की कांग्रेस को और अधिक आवश्यकता है, खासकर ऐसे समय में जब पार्टी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर खुद को फिर से प्रासंगिक बनाना चाहती है।

थरूर का स्टैंड क्यों महत्वपूर्ण है?

शशि थरूर ने जिस प्रकार पाकिस्तान के खिलाफ वैश्विक मंचों पर हिंदुस्तान की बात रखी और भारत की आतंकवाद के खिलाफ नीति का समर्थन किया, वह बताता है कि देशहित को लेकर उनके विचार स्पष्ट हैं — चाहे सत्ता में कोई भी हो। उन्होंने अमेरिकी थिंक टैंकों, डिप्लोमैटिक फोरम्स और आप्रवासी भारतीय समुदायों के बीच यह साफ किया कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई किसी पार्टी विशेष की नहीं बल्कि पूरे देश की है।

उनके इस रुख से एक ओर जहां राष्ट्रवादी खेमे में उनकी सराहना हो रही है, वहीं दूसरी ओर पार्टी में कुछ नेताओं को यह लाइन पार्टी की स्थापित राजनीतिक सोच से अलग लग रही है।

क्या कांग्रेस के भीतर विचारधारात्मक मतभेद उभर रहे हैं?

थरूर बनाम उदित राज प्रकरण से यह साफ झलक रहा है कि कांग्रेस पार्टी के भीतर अब विचारधारात्मक मतभेद खुलकर सामने आने लगे हैं। एक पक्ष यह मानता है कि राष्ट्रीय सुरक्षा और सर्जिकल स्ट्राइक जैसे मुद्दों पर पार्टी को विपक्षी सोच छोड़कर राष्ट्र के पक्ष में खड़ा होना चाहिए, जबकि दूसरा पक्ष इन्हीं बातों को पार्टी लाइन के विपरीत मानकर विरोध कर रहा है।

यह संकट उस समय और भी गंभीर हो सकता है जब पार्टी अगले आम चुनावों की रणनीति तय करने के लिए आंतरिक विचार-विमर्श कर रही हो।

क्या थरूर की राह अलग हो रही है या पार्टी के लिए नई दिशा है?

डॉ. शशि थरूर का कहना, "मेरे पास और भी काम हैं"—सिर्फ आलोचकों को जवाब नहीं है, बल्कि यह भी इशारा है कि वह सीमित राजनीतिक बहसों में उलझने के बजाय व्यापक राष्ट्रीय हितों पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं। उनका यह रुख कांग्रेस पार्टी के लिए चेतावनी भी हो सकता है कि अगर विचारधारा के नाम पर वैचारिक खुलापन खत्म हुआ, तो ऐसे नेता पार्टी के भीतर असहज महसूस करने लगेंगे, जो वैश्विक मंचों पर पार्टी की प्रतिष्ठा भी बढ़ा सकते हैं।

अब देखना यह है कि कांग्रेस पार्टी इस अंतर्विरोध को कैसे संभालती है — क्या वह शशि थरूर जैसे नेताओं की आवाज़ को सहेजती है या पार्टी लाइन से अलग रुख रखने वालों को हाशिए पर धकेलती है?

रिपोर्ट : विशेष संवाददाता : PSA Live News & Ranchi Dastak

"मेरे पास और भी काम हैं": शशि थरूर का कांग्रेस नेताओं को करारा जवाब | पार्टी के भीतर उठा बवंडर "मेरे पास और भी काम हैं": शशि थरूर का कांग्रेस नेताओं को करारा जवाब | पार्टी के भीतर उठा बवंडर Reviewed by PSA Live News on 1:31:00 pm Rating: 5

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