डोरण्डा में आपदा प्रबंधन मॉक ड्रिल सफलतापूर्वक संपन्न: 250 लोगों का सुरक्षित रेस्क्यू, प्रशासन और आमजन का बेहतरीन समन्वय

रांची, 7 मई। गृह मंत्रालय, भारत सरकार के निर्देशानुसार रांची जिला प्रशासन द्वारा आज डोरण्डा क्षेत्र में एक उच्चस्तरीय नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य किसी संभावित आपदा की स्थिति में प्रशासनिक तैयारी, त्वरित कार्रवाई और जनसहयोग का आकलन करना था।
मॉक ड्रिल का नेतृत्व उपायुक्त-सह-जिला दण्डाधिकारी-सह-जिला आपदा प्रबंधन पदाधिकारी श्री मंजूनाथ भजंत्री तथा डीआईजी-सह-वरीय पुलिस अधीक्षक श्री चंदन सिन्हा ने किया। यह अभ्यास अपराह्न 4:00 बजे डोरण्डा स्थित मेकॉन भवन में सायरन के माध्यम से प्रारंभ हुआ और शाम 7:00 बजे तक चला।
इस दौरान एनडीआरएफ, पुलिस-प्रशासन, अग्निशमन विभाग, एंबुलेंस/मेडिकल टीम तथा एनसीसी के समन्वित प्रयास से एक सजीव आपदा प्रबंधन परिदृश्य प्रस्तुत किया गया, जिसमें लगभग 250 लोगों को प्रभावित क्षेत्र से सुरक्षित निकाला गया। मॉक ड्रिल के दौरान 9 लोग घायल (प्रायोगिक) दिखाए गए, जिनमें एक को गंभीर स्थिति में बीएमपी स्कूल स्थित मेडिकल कैंप में शिफ्ट किया गया।
पूरे अभ्यास के दौरान डोरण्डा क्षेत्र को पूर्णतः ब्लैकआउट जोन घोषित किया गया था। आम नागरिकों द्वारा इस निर्देश का गंभीरतापूर्वक पालन किया गया — लाइटें बंद रखी गईं, ट्रैफिक रूट में बदलावों का सम्मान किया गया और वाहन चालकों ने न्यूनतम प्रकाश का उपयोग किया। जिला प्रशासन द्वारा पूर्व सूचना, सोशल मीडिया, स्थानीय मीडिया एवं मुनादी के माध्यम से नागरिकों को पहले ही जागरूक किया गया था।
उपायुक्त श्री मंजूनाथ भजंत्री ने कहा कि, “यह मॉक ड्रिल रांची के नागरिकों की जागरूकता और प्रशासन के कुशल प्रबंधन का प्रमाण है। आमजन का सहयोग सराहनीय रहा। इस तरह की तैयारियाँ हमें किसी भी आपदा की स्थिति में संगठित रूप से प्रतिक्रिया देने में सक्षम बनाती हैं।”
डीआईजी-सह-एसएसपी श्री चंदन सिन्हा ने सभी प्रतिभागी बलों और नागरिकों की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि “प्रतिक्रिया समय और समन्वय बेहतरीन रहा। इससे स्पष्ट है कि रांची की टीम किसी भी आपात स्थिति से निपटने में सक्षम है।”
जिला प्रशासन की यह पहल न केवल एक मॉडल मॉक ड्रिल रही, बल्कि यह नागरिक सुरक्षा और जनसहभागिता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी साबित हुई।

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