उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने सभी अंचल अधिकारियों को सख्त निर्देश, हर प्लॉट की होगी मार्किंग और पहचान
रांची, 18 मई। रांची जिला प्रशासन ने सरकारी ज़मीनों की सुरक्षा और पारदर्शिता को लेकर एक अहम कदम उठाया है। अब जिले के प्रत्येक अंचल अंतर्गत स्थित सभी सरकारी ज़मीनों (गैर मजरूआ, खास, जंगल झाड़ी, कैसरे हिन्द, आम भूमि आदि) पर ‘‘सरकारी भूमि से संबंधित सूचना पट्ट’’ लगाया जाएगा, जिससे संबंधित प्लॉट की पहचान स्पष्ट हो सके और किसी भी प्रकार के अतिक्रमण या फर्जी बिक्री पर रोक लगाई जा सके।
हर प्लॉट की होगी विस्तृत पहचान, पट्ट में अंकित होंगे सभी विवरण
इस बाबत उपायुक्त-सह-जिला दंडाधिकारी श्री मंजूनाथ भजंत्री ने रांची जिले के सभी अंचल अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश जारी किया है। उन्होंने कहा है कि सूचना पट्ट में निम्न विवरण स्पष्ट रूप से अंकित किया जाए:
- जिला का नाम
- अंचल/मौजा का नाम
- हल्का संख्या
- थाना संख्या
- खाता संख्या
- प्लॉट संख्या
- कुल रकबा
- भूमि का किस्म
फोटो के साथ रिपोर्टिंग अनिवार्य
प्रशासन ने यह भी निर्देश दिया है कि सूचना पट्ट लगाने के बाद उसका स्थलवार फोटोग्राफ सहित विवरण जिला कार्यालय को अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराया जाए। इसका उद्देश्य है कि राज्य मुख्यालय स्तर तक यह डेटा अद्यतन और डिजिटल रूप से सुरक्षित रहे।
हर अंचल में होगी सरकारी ज़मीन की मार्किंग
जारी आदेश में यह भी कहा गया है कि प्रत्येक अंचल अधिकारी अपने क्षेत्र की सरकारी भूमि की विधिवत मार्किंग करें और यह सुनिश्चित करें कि भविष्य में उस भूमि पर कोई भी अवैध अतिक्रमण या निर्माण कार्य न हो। यह भी कहा गया है कि संबंधित ज़मीन की जिम्मेवारी अंचल अधिकारियों की होगी और लापरवाही की स्थिति में प्रशासनिक कार्रवाई भी की जा सकती है।
अवैध कब्जों के विरुद्ध निर्णायक कार्रवाई की तैयारी
यह पहल जिले में फैले उन मामलों को रोकने के लिए है जिनमें सरकारी ज़मीन को निजी बताकर बिक्री, पट्टा या निर्माण किया जा रहा है। अब सूचना पट्ट लगने से आम लोगों को भी यह स्पष्ट जानकारी मिल सकेगी कि कौन-सी भूमि सरकारी है, जिससे वे ऐसे फर्जी सौदों से बच सकें।
प्रशासन की ओर से जनता को अपील
जिला प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे सरकारी भूमि से संबंधित किसी भी प्रकार की जानकारी या अवैध कब्जे की सूचना अबुआ साथी पोर्टल अथवा हेल्पलाइन नंबर 9430328080 पर दें, ताकि त्वरित कार्रवाई की जा सके।
रांची जिला प्रशासन की यह पहल न केवल सरकारी ज़मीनों की सुरक्षा में मील का पत्थर साबित होगी, बल्कि प्रशासनिक पारदर्शिता और जिम्मेदारी को भी सुदृढ़ करेगी। इससे न केवल भूमाफियाओं पर लगाम लगेगी, बल्कि आम नागरिकों को भी जागरूक किया जा सकेगा।

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