उपायुक्त के निर्देश पर नोडल पदाधिकारी संजय भगत ने की ऑनलाइन बैठक, लंबित मामलों के शीघ्र निष्पादन पर ज़ोर
रांची, 17 मई। रांची जिला प्रशासन नागरिक शिकायतों के त्वरित समाधान को लेकर सक्रिय हो गया है। उपायुक्त-सह-जिला दण्डाधिकारी श्री मंजूनाथ भजन्त्री के निर्देश पर अबुआ साथी पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों की समीक्षा हेतु एक महत्वपूर्ण ऑनलाइन बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता नोडल पदाधिकारी-सह-परियोजना निदेशक, समेकित जनजातीय विकास अभिकरण (आईटीडीए) श्री संजय भगत ने की।
सभी विभागों को निर्देश: शिकायतों का तुरंत करें निष्पादन
बैठक में श्री भगत ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि नागरिकों द्वारा अबुआ साथी पोर्टल के माध्यम से दर्ज की गई शिकायतों का समयबद्ध और संवेदनशील ढंग से निष्पादन अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि यह पोर्टल नागरिकों और प्रशासन के बीच संवाद और भरोसे का सेतु है, जिसे मजबूत बनाए रखना हम सभी की जिम्मेदारी है।
साप्ताहिक समीक्षा की होगी व्यवस्था
श्री भगत ने बताया कि उपायुक्त महोदय के निर्देशानुसार अब से हर सप्ताह पोर्टल पर लंबित शिकायतों की समीक्षा की जाएगी। उन्होंने चेतावनी दी कि जिन अधिकारियों के लॉगिन में अधिक संख्या में मामले लंबित हैं, वे इसे गंभीरता से लें और प्राथमिकता के आधार पर निष्पादन सुनिश्चित करें।
विभागवार समीक्षा और कार्यप्रणाली पर फोकस
बैठक में विभागवार प्राप्त शिकायतों की बारीकी से समीक्षा की गई। स्वास्थ्य, शिक्षा, राजस्व, सामाजिक सुरक्षा, पेंशन, राशन, पेयजल, सड़क जैसी नागरिक सुविधाओं से जुड़ी समस्याओं पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता बताई गई। साथ ही नोडल पदाधिकारी ने यह भी कहा कि समाधान की प्रक्रिया पारदर्शी और उत्तरदायित्वपूर्ण होनी चाहिए ताकि जनता को यह महसूस हो कि प्रशासन उनके साथ खड़ा है।
सभी बीडीओ एवं सीओ को ऑनलाइन उपस्थिति सुनिश्चित करने का निर्देश
इस ऑनलाइन समीक्षा बैठक में सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी (BDO), अंचल अधिकारी (CO) तथा जिलास्तरीय वरीय पदाधिकारी मौजूद थे। उन्हें निर्देश दिया गया कि वे न केवल पोर्टल का नियमित निरीक्षण करें, बल्कि शिकायतकर्ता से व्यक्तिगत रूप से संवाद कर समाधान की पुष्टि भी करें।
रांची जिला प्रशासन का यह प्रयास जनसुनवाई को एक नई गति और पारदर्शिता प्रदान करेगा। अबुआ साथी पोर्टल केवल शिकायतों का माध्यम नहीं, बल्कि शासन और जनता के बीच विश्वास का डिजिटल मंच बनता जा रहा है। प्रशासन की यही सक्रियता ‘जनता दरबार’ को वास्तविक अर्थों में प्रभावी बनाती है।

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