मास्को में केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने प्रवासी भारतीयों से किया संवाद, भारत के विकास में भागीदारी का दिया आह्वान
मास्को, रूस | विशेष संवाददाता
भारत सरकार के केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री श्री संजय सेठ ने रूस की राजधानी मास्को में भारतीय प्रवासी समुदाय के साथ एक गरिमामय कार्यक्रम में संवाद स्थापित किया। यह कार्यक्रम भारतीय दूतावास, मास्को द्वारा आयोजित किया गया था, जिसमें रूस में बसे भारतीय समुदाय के लगभग 120 प्रमुख सदस्य, दूतावास के वरिष्ठ अधिकारी और राजनयिक शामिल हुए।
कार्यक्रम की शुरुआत में रूस में भारत के राजदूत श्री विनय कुमार ने माननीय मंत्री श्री संजय सेठ का आत्मीय स्वागत किया और भारतीय प्रवासियों की ओर से अभिनंदन करते हुए उनकी उपस्थिति को ऐतिहासिक और प्रेरणादायक बताया।
अपने संबोधन में केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री श्री संजय सेठ ने भारत और रूस के बीच ऐतिहासिक व सामरिक संबंधों को रेखांकित करते हुए कहा कि इन संबंधों को सशक्त बनाने में भारतीय प्रवासियों की भूमिका बेहद सराहनीय और प्रभावशाली रही है। उन्होंने कहा कि “भारतीय जहां भी रहते हैं, अपने कार्य, आचरण और निष्ठा से पहचाने जाते हैं। उनका जन्म भले ही हिंदुस्तान में हुआ हो, लेकिन वे अपनी कर्मभूमि को भी उतनी ही श्रद्धा से अपनाते हैं – यही भारतीयता की असली पहचान है।”
श्री सेठ ने उपस्थित समुदाय से भारत सरकार की ‘विकसित भारत 2047’ दृष्टि में भागीदार बनने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि प्रवासी भारतीयों के अनुभव, संसाधन और वैश्विक जुड़ाव राष्ट्र निर्माण में अत्यंत सहायक सिद्ध हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि “आज जब हिंदुस्तान आत्मनिर्भरता की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है, तब विश्वभर में बसे भारतीयों का योगदान न केवल आर्थिक स्तर पर बल्कि सांस्कृतिक और रणनीतिक स्तर पर भी महत्वपूर्ण है।”
कार्यक्रम के दौरान प्रवासी भारतीयों ने भी अपनी भावनाएं साझा कीं और रक्षा मंत्री से प्रत्यक्ष संवाद कर अपनी जिज्ञासाएं व सुझाव रखे। चर्चा के दौरान अनेक विषयों जैसे रक्षा सहयोग, छात्र हित, सांस्कृतिक संरक्षण, और वैश्विक मंचों पर भारत की भूमिका को लेकर सार्थक विमर्श हुआ।
कार्यक्रम का समापन भारत के प्रति गहरे गर्व और प्रतिबद्धता की भावना के साथ हुआ, जहां सभी उपस्थित लोगों ने ‘विकसित भारत 2047’ के निर्माण में अपनी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने की शपथ ली। कार्यक्रम ने रूस में बसे भारतीयों के दिलों में राष्ट्रभक्ति की नई ऊर्जा और गर्व का संचार किया।

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