वॉशिंगटन/नई दिल्ली। भारत द्वारा पाकिस्तान और पीओके स्थित नौ आतंकी ठिकानों पर ऑपरेशन सिंदूर के तहत किए गए मिसाइल हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया सामने आने लगी है। इस पर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच जारी तनाव को "बहुत भयानक" करार दिया और संकेत दिया कि यदि जरूरत पड़ी तो वे मध्यस्थता के लिए तैयार हैं।
"दोनों देशों को जानता हूं, रुकते देखना चाहता हूं" – ट्रंप
ट्रंप ने कहा, "मैं दोनों देशों – भारत और पाकिस्तान – को अच्छी तरह जानता हूं। हम दोनों के साथ अच्छे रिश्ते रखते हैं। मैं चाहता हूं कि यह संघर्ष रुके। अगर मैं किसी तरह की मदद कर सकता हूं, तो ज़रूर करूंगा।" उन्होंने यह भी कहा कि भारत और पाकिस्तान दशकों से नहीं बल्कि सदियों से संघर्ष कर रहे हैं और अब इसे खत्म होना चाहिए।
संघर्ष को बताया “जैसे को तैसा वाला व्यवहार”
जब उनसे भारत और पाकिस्तान के संभावित युद्ध की आशंका को लेकर सवाल किया गया, तो ट्रंप ने कहा, "यह बहुत डरावना है। दोनों देश एक-दूसरे के खिलाफ जैसे को तैसा वाला रवैया अपना रहे हैं। उम्मीद करता हूं कि अब यह रुक सकता है। मैं उन्हें साथ में काम करते देखना चाहता हूं।"
अमेरिका की संतुलित कूटनीति या रणनीतिक चुप्पी?
विश्लेषकों के अनुसार, ट्रंप का यह बयान अमेरिका की परंपरागत 'संतुलन बनाए रखने' की रणनीति को दर्शाता है। भारत की सैन्य कार्रवाई के प्रति न तो कोई प्रत्यक्ष आलोचना की गई और न ही समर्थन, बल्कि एक "मध्यस्थता की पेशकश" के जरिए अमेरिका ने खुद को केंद्र में बनाए रखा है।
ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत की कार्रवाई
भारत ने यह सैन्य कार्रवाई जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के जवाब में की है, जिसमें कई आतंकी मारे गए। भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पीओके में स्थित नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर मिसाइल हमले किए। इन हमलों में आतंकियों के मारे जाने की खबर है, हालांकि पाकिस्तान की ओर से आधिकारिक पुष्टि अभी भी बाकी है।

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